- दरूदो सलाम का नजराना पेश किया, रात भर चलता रहा इबादत का दौर

GORAKHPUR: मस्जिदों व घरों में गुरुवार को शब-ए-मेराजुन्नबी तहजीब व सादगी से मनाया गया। इस दौरान लोगों ने खूब इबादत की। सलातुल तस्बीह व अन्य नफिल नमाजें पढ़ी गईं। कुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। मस्जिदों व घरों में रातभर अल्लाह व रसूल-ए-पाक हजरत मोहम्मद साहब का जिक्र होता रहा। दरूदो सलाम का नजराना पेश किया गया। उलेमा-ए-किराम ने कहा कि यह वही मुबारक रात है जब रसूल-ए-पाक सात आसमानों के पार अर्श-ए-आजम से आगे ला मकां में अल्लाह के दीदार व मुलाकात से सरफराज हुए और तोहफे में पांच वक्त की नमाज मिली।

कुरआन में है मेराज का जिक्र

तहरीक दावते इस्लामी इंडिया की ओर से जामा मस्जिद रसूलपुर में जलसा हुआ। कुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी हाजी तौसीफ रजा अत्तारी ने की। हम्द अब्दुल अहद अत्तारी ने पेश की। नात-ए-पाक गुलाम सरवर, मौलाना जफर मदनी, नफीस अत्तारी, आदिल अत्तारी आदि ने पेश की। संचालन वसीउल्लाह अत्तारी ने किया। मुख्य वक्ता मौलाना सलाहुद्दीन अत्तारी ने कहा कि मेराज शरीफ में रसूल-ए-पाक हजरत मोहम्मद साहब ने रात के एक भाग में मस्जिद-ए-हराम से मस्जिद-ए-अक्सा तक सफर किया। इसका जिक्र कुरआन में अल्लाह ने सूर: बनी इस्राईल में किया है। मस्जिद-ए-अक्सा से रसूल-ए-पाक सात आसमानों की सैर पर गए। आसमानी यात्रा को मेराज कहा जाता है। इसका जिक्र कुरआन में अल्लाह ने सूर: नज्म में किया है और अन्य बातें हदीसों में विस्तृत रूप में बयान हुई है। रसूल-ए-पाक मक्का शरीफ से बुराक पर सवार होकर मेराज के लिए तशरीफ ले गए। फरिश्तों के सरदार हजरत जिब्राइल भी आपके साथ थे।

जमात से पढ़ाई नमाज

विशिष्ट वक्ता फरहान अत्तारी ने कहा कि मेराज शरीफ में रसूल-ए-पाक बैतुल मुकद्दस में पहुंचे। बुराक से नीचे उतरे और अपनी सवारी को उसी स्थान पर बांधा जहां अन्य पैगंबर बांधा करते थे, फिर मस्जिद के अंदर चले गए और सारे पैगंबरों व फरिश्तों को जमात से नमाज पढ़ाईं, फिर हजरत जिब्राईल के साथ आसमान-ए-दुनिया की सैर को गए। सिदरतुल मुंतहा के बाद का सफर रसूल-ए-पाक ने खुद से तय किया। पचास वक्त की नमाज में कमी कराने के लिए कई बार अल्लाह के दरबार में पहुंचे। आपने अजीम पैगंबरों से मुलाकात की। अल्लाह से अपनी उम्मत के लिए बख्शिश का वादा लिया। सलातुल तस्बीह की नमाज कारी सैयद इब्राहिम ने पढ़ाई। इसके बाद जिक्र हुआ। सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। मिलकर सहरी खाई गई। जलसे में मौलाना रजाउल मुस्तफा मदनी, मौलाना अब्दुल खालिक निजामी, मौलाना मुर्तजा मदनी, मौलाना अब्दुल्ला अत्तारी, मौलाना शादाब बरकाती, मौलाना आदिल हुसैन मदनी, कारी रियाजुद्दीन रजवी सहित तमाम अकीदतमंद मौजूद रहे।

रहमतनगर में महफिले मेराज

बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में शब-ए-मेराज के मौके पर महफिल हुई। शब-ए-मेराज से जुड़ी अहम बातें बताई गई। आाखिर में दरूदो सलाम पढ़कर आपसी प्रेम, भाईचारगी व अमन शांति की दुआ मांगी गई। महफिल में हाजी ईसा मोहम्मद, यासीन निजामी, रईस अनवर, अली गजनफर शाह, अली अख्तर शाह, हाजी रफीक, हाजी नफीस अहमद, निसार अहमद, जावेद अहमद, असरार अहमद, मो। जैद, चिंटू, रियाज अहमद, मो। अमान, मो। फैज, मो। समीर, मो। रियाज आदि मौजूद रहे।

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जलसा-ए-गौसुलवरा 15 को

चिंगी शहीद तुर्कमानपुर निकट पोस्ट आफिस में सोमवार 15 मार्च को मरहूम हाजी अली अहमद राईन नक्शबंदी के चेहल्लुम पर जलसा-ए-गौसुलवरा होगा। बच्चों के बीच नात, किरात व अजान का इनामी मुकाबला भी होगा। यह जानकारी जलसा संयोजक इं। हाजी सेराज अहमद कादरी नक्शबंदी ने दी है। उन्होंने बताया कि बाद नमाज मगरिब मकतब के बच्चों के बीच नात, किरात व अजान का इनामी मुकाबला होगा। बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। रात 8:30 बजे से जलसा-ए-गौसुलवरा होगा। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर पीरे तरीकत सैयद मो। लईक कादरी नक्शबंदी व मौलाना सैयद मो। अनस मिस्बाही नक्शबंदी शामिल होंगे। मुख्य खिताब अलजामियतुल अशरफिया मुबारकपुर यूनिवíसटी के मौलाना मसऊद अहमद बरकाती का होगा। नात अकबरपुर के मो। संदल जलालपुरी पेश करेंगे। संचालन मौलाना अकरम जलालपुरी का होगा।

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पैगंबर-ए-आजम की शान बड़ी अजमत वाली : मुफ्ती अख्तर

मियां बाजार रेती रोड स्थित नूर मोहम्मद दानिश की दुकान में गुरुवार को महफिल-ए-मीलाद हुई। कुरआन-ए-पाक से महफिल शुरू हुई। मुफ्ती अख्तर हुसैन, मुफ्ती मो। अजहर शम्सी व मौलाना मोहम्मद अहमद जलसे से रूबरू हुए। सलातो सलाम पढ़कर खैरो बरकत की दुआ मांगी गई। अब्दुल कादिर, अली हसन, सैयद शहाबुद्दीन, मो। नाजिम, फजल, मो। इस्लाम, नजीर अहमद आदि मौजूद रहे।