दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के कैंपेन एक्सक्यूज मी, व्हेयर इज माई टॉयलेट के दूसरे दिन हम असुरन और आजाद चौक मार्केट में पहुंचे। यहां पर हालात और बदतर मिले। दोनों की मार्केट में एक भी पिंक टॉयलेट नहीं मिला। इस दौरान महिलाओं ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के साथ अपना दर्द साझा किया।

सबसे बिजी मार्केट है असुरन

दुकानों की संख्या: 1000

महिला कंज्यूमर मंथली: 50 हजार करीब

डेली बिजनेस: 25 लाख करीब

मंथली बिजनेस: 10 लाख करीब

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम असुरन मार्केट पहुंची तो तमाम लोग शॉपिंग करने के लिए पहुंचे थे। इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की है। हमें बताया गया है कि यह एक ऐसी मार्केट है, जहां आए बिना शहर की महिलाओं की जरूरत पूरी नहीं हो सकती। मंगलवार को छोड़ कर हर दिन यह मार्केट खुली रहती है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने कुछ महिला कस्टमर्स से बात की। इस दौरान एक महिला ने कहा कि हम घर से पानी पीकर नहीं निकलते हैं। वजह, कहां टॉयलेट मिलेगा, कहां नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है।

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आजाद चौक पर टॉयलेट की 'आजादी' नहीं

दुकानों की संख्या: 4500 करीब

महिला कंज्यूमर मंथली: 50 हजार करीब

मंथली बिजनेस: 02 करोड़ करीब

यहां मार्केट में कहीं पर भी लेडीज टॉयलेट नहीं है। इसलिए जब बाजार आना होता है कि घर से प्रिपेयर होकर निकलते हैं। एक-दो घंटे से ज्यादा की शॉपिंग कोई नहीं कर पाता है। कोई व्यवस्था न होने से लोग भी महिलाएं यहां पर आती हैं। वह जल्दी घर लौट जाती हैं।

आजाद मार्केट में लेडीज के लिए अलग टॉयलेट का इंतजाम होना चाहिए। यहां क्या, हम लोगों को तो लगता है कि पूरे शहर में कहीं भी महिलाओं के लिए कोई टॉयलेट नहीं है।

-नेहा गुप्ता, आजाद चौक

कोई भी महिला बता देगी कि कितनी प्रॉब्लम होती है। टॉयलेट का इंतजाम न होने से महिलाओं को अक्सर टेंशन झेलनी पड़ती है। इसलिए कई बार महिलाएं बीमार पड़ जाती हैं।

-प्रज्ञा चतुर्वेदी, आजाद चौक

असुरन मार्केट में पिंक टॉयलेट न होने से काफी समस्या होती है। परिसर के बाहर एक यूरिनल है भी तो उसकी सफाई नहीं होती। गंदगी की वजह से कोई भी जाने से कतराता है।

-निहारिका त्रिपाठी

असुरन मार्केट में हर रोज बड़ी संख्या में वुमन कस्टमर्स आती हैं। लेकिन टॉयलेट न होने के चलते उन्हें काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। जिम्मेदारों को इस बारे में सोचना चाहिए।

-अमिता गुप्ता

असुरन सबसे बिजी मार्केट है। यहां वुमन इंप्लॉयीज भी अच्छी तादाद में हैं। लेकिन इसके बावजूद यहां पर हाईजीन का ख्याल नहीं रखा जाता है। जो दो टॉयलेट हैं, उनकी भी साफ-सफाई रेगुलर नहीं होती है।

-अर्चना मिश्रा

मार्केट में पिंक टॉयलेट बनवाने के लिए काफी प्रयास किया गया। लेकिन नहीं बन सका। मेयर से गुजारिश करने के बाद परिसर में ही यूरिनल का निर्माण कराया गया। लेकिन उसकी सफाई न होने से गंदगी से पटा हुआ है। कंप्लेन के बाद भी कोई नहीं सुनता। नगर निगम को पत्र लिखा जाएगा ताकि पिंक टॉयलेट बनाया जा सके।

-मणिनाथ गुप्ता, अध्यक्ष महानगर, पूर्वाचल उद्योग व्यापार मंडल

आजाद चौक चौराहे पर कोने में दो यूरिनल बना है। उसकी हालत जाकर देख लीजिए। वहां कौन जाएगा। इंफेक्शन के डर से कोई नहीं जाना चाहता है। हम लोगों ने पहले नगर निगम से बात की थी। लेकिन सुनता कौन है। यदि यहां पर लेडीज टॉयलेट बनवा दिया जाए तो निश्चित रूप से महिलाओं को सहूलियत होगी। टॉयलेट बनवाने की व्यवस्था हो तो उसकी देखरेख के लिए व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से बात की जाएगी।

-सतीश्वर गुप्ता, अध्यक्ष, आजाद चौक, उ। प्र। उद्योग व्यापार मंडल