- रेलवे पुलों पर वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू

- 15 में 10 पुलों पर लगाई गई वाटर लेवल मेजरमेंट डिवाइस

GORAKHPUR:

भारी बारिश और बाढ़ में भी नार्थ-ईस्ट रेलवे के रूटों पर पड़ने वाले पुलों की मॉनिटरिंग होती रहेगी। रेलवे कंट्रोल रूम को नदियों के जलस्तर की लगातार सूचना मिलती रहेगी और उसी के अनुसार ट्रेनों की गति रखी जाएगी। इसके लिए रेलवे ने पुलों पर वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू कर दिया है।

रेलवे ने पिछले वर्ष चार पुलों पर इस सिस्टम का सफल ट्रायल किया था। इस वर्ष 15 पुलों पर रेलवे ने यह वाटर लेवल मेजरमेंट डिवाइस लगाने का निर्णय लिया है। 10 पुलों पर डिवाइस लग चुकी है और संबंधित इंजीनियर और रेलकर्मियों के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए नदियों के जलस्तर की सटीक जानकारी पहुंचने लगी है। गोरखपुर-सहजनवां के बीच राप्ती और रोहिन पुल पर डिवाइस लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सौर ऊर्जा से संचालित सेंसर युक्त वाटर लेवल मेजरमेंट डिवाइस रेल लाइनों के ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ी है। जो संबंधित इंजीनियरों व रेलकर्मियों के मोबाइल पर 24 घंटे में दो बार एसएमएस भेजकर अलर्ट कर रही है। जलस्तर के अनुसार ट्रेन को कासन पर चलाया जा रहा है। अगर रेल लाइन पानी में डूब गई है तो उसकी व्यवस्था की जा रही है।

इन जगहों पर लगाए गए सिस्टम

मनकापुर-अयोध्या के बीच सरयू, गोंडा और लखनऊ के बीच घाघरा, लालकुआ-काशीपुर के बीच कोसी, कासगंज-मथुरा के बीच यमुना, पीलीभीत-भोजपुरी के बीच 270 नंबर, सलेमपुर-इंदारा के बीच तुतीपार, वाराणसी-प्रयागराज के बीच इज्जत, औडिहार-वाराणसी के बीच गोमती, छपरा-फेफना के बीच मांझी, सिवान-भटनी के बीच नंबर पुल पर सिस्टम लगाए गए हैं।

वर्जन

नदियों के जलस्तर की मॉनिटरिंग के लिए आधुनिक तकनीक का जलस्तर मापक यंत्र लगाकर उसे ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ दिया गया है। यह डिवाइस 24 घंटे में दो बार एसएमएस अलर्ट दे रही है। इससे मॉनिटरिंग आसान और बेहतर हो गई है।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ