-इस बार रक्षा बंधन में नहीं हो सकेगा भाई बहन का मिलन

-बहने भाई के लिए भेज रही राखियां

-भाई भी बहनों के लिए भेज रहे एडवांस गिफ्ट

GORAKHPUR: भईया मेरे राखी बंधवाने इस बार घर ना आना। कोरोना काल में कुछ इस तरह बहनें अपने भाई से निवेदन कर रही हैं। हर बार दूर-दूर तक जाकर भाई अपने प्यारी बहनों से राखी बंधवाते रहे हैं। इस बार भाई बहन का मिलन कोरोना की वजह से मुश्किल हो गया है। इसलिए बहनों ने भी पहले से तैयारी कर भाइयों को राखी भेजना शुरू कर दिया है। कुरियर और डाक से बहने भाई को राखी भेज रही हैं। ताकि 3 अगस्त रक्षा बंधन त्योहार के पहले ही राखियां भाई के पास सही सलामत पहुंच सके।

ऑनलाइन बांधेगी राखी

जूम एप और गूगल मीट एप का भी यूज इस बार रक्षा बंधन में देखने को मिलेगा। दिवान बाजार की गरिमा अग्रवाल बताती है कि सही समय पर भाई के पास राखी पहुंच जाए इसके लिए मैंने अपने रिलेटिव के हाथों पहले ही राखियां भेजवा दी हैं। रक्षा बंधन के दिन गूगल मीट पर हम सभी बहनें एक साथ ऑनलाइन होंगे। फिर एक-एक कर के भाई को टीका लगा कर उसके स्वास्थ्य लाभ की कामना की जाएगी। इसकी तैयारी हम लोगों ने पहले से कर ली है।

ऑनलाइन खरीदा और भेज दिया

सिटी की अल्पना ने बताया कि मैंने ऑनलाइन ही राखी खरीदी ली। इसके बाद ऑनलाइन ही अपने भाईयों के पास मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद रवाना कर दी। हर तरफ कोरोना के प्रकोप की वजह से हॉट स्पॉट बनाए गए हैं। इस हाल में कहीं भी निकलना खतरे से खाली नहीं है। जो भी मार्केट खुल रहे हैं वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है।

विदेशों से भी गोरखपुर पहुंची राखियां

गोरखनाथ एरिया के अमित की बहन यूरोप रहती हैं। रक्षा बंधन में बहन का आना मुश्किल है तो उन्होंने 10 दिन पहले ही राखियां भेज दी हैं। इसी तरह शास्त्रीनगर कालोनी के अरविंद पांडेय की बहन दुबई में रहती है। अरविंद ने बताया कि बहन की राखी कुरियर से घर तक पहुंच चुकी है। अब रक्षा बंधन के दिन वीडियो कॉल के जरिए बहन के सामने ही राखी पहनुूंगा। इसी तरह जो गोरखपुर में रहने वाली बहनें भी यहां से विदेशों में राखी भेज रही हैं।

कुरियर से ही बहनों तक पहुंच रहे गिफ्ट

रक्षा बंधन भाई का बहन का पवित्र त्योहार है। इसलिए इस त्योहार में भाई भी सुरक्षा की वादा देकर बहनों को अच्छा सा गिफ्ट देते हैं। इस बार जो लोग अपनी बहनों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं वे कुरियर से गिफ्ट भेज रहे हैं। साड़ी, सूट और मंहगे ज्वेलरी के आइटम बहनों को कुरियर से भाई भेज रहे हैं। इन सब के बीच कुरियर एजेंट का भी काम और जिम्मेदारी बढ़ गई है कि समय से गिफ्ट और राखियां घर तक पहुंच सके।

कोट-

कोरोना की वजह से इस बार भाई के पास नहीं जा पाउंगी। इसलिए मैंने अपने रिलेटिव के हाथों भाई की राखी वाराणसी भेजवा दी है। अब रक्षा बंधन के दिन गूगल मीट पर सभी बहनें एक साथ भाई से आशिर्वाद लेंगे।

गरिमा अग्रवाल,

कोरोना प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए मार्केट नहीं निकली। ऑनलाइन ही राखियां सेलेक्ट कर खरीदी। इसके बाद ऑनलाइन ही इसे भाईयों तक हैदराबाद, मुंबई और चेन्नई भेजा।

अल्पना,

मुझे पता था कि इस बार माहौल ऐसा है कि भाई रक्षा बंधन में घर नहीं आ पाएंगे। इसलिए मैंने कुरियर से बंगलुरू के लिए राखी भेजवा दी। भाई से मैंने निवेदन भी किया कि वो कहीं भी बाहर ना निकले।

अंशिता अग्रवाल,

मैंने अपने भाई को बता दिया था कि इस समय कहीं भी निकलने लायक माहौल नहीं है। इसलिए वो जहां पर है वहीं रूक जाए। मैंने उनके लिए डीटीडीसी से कोलकाता के लिए राखी भेजवा दी है।

शिल्पा अग्रवाल,

हर बार प्रोग्राम बन जाता था और हम लोग रक्षा बंधन के दिन भाई के पास फैजाबाद जाते थे। इस बार माहौल अच्छा नहीं है इसलिए राखी डीटीडीसी से भेजवा दी है।

श्वाती गोयल,

मेरे भाई पडरौना में रहते हैं। मैने देर ना कर रिलेटिव के हाथों राखी भेजवा दी है। अब रक्षा बंधन के दिन वीडियो काल से बात कर रक्षा बंधन की फॉर्मेल्टीज पूरी करूंगी।

श्रद्धा