- माह-ए-रमजान की शुरुआत के साथ मस्जिदों की बढ़ी रौनक

- नमाज के साथ ही तस्बीह और तिलावत-ए-कुरआन में मशगूल हुए लोग

GORAKHPUR: मुकद्दस रमजान की शुरुआत के साथ ही रोजेदारों के सब्र का इम्तेहान भी शुरू हो गया। मंगलवार को पहला रोजा इबादत में गुजरा। सेहरी के वक्त से ही मस्जिदें गुलजार रहीं, वहीं लोग नमाज, तस्बीह और तिलावत-ए-कुरआन में मशगूल नजर आए। इसके जरिए सभी ने अपने रब को राजी करने की कोशिश की और खूब गिड़गिड़ाकर अपने गुनाहों की माफी तलब की। सेहरी के वक्त से शुरू हुई रौनक तरावीह के दौरान तक कायम थी।

तरावीह में भी उमड़ी भीड़

चांद के दीदार के साथ शुरू हुई तरावीह में कलाम पाक सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी नजर आई। नन्हें बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक सभी कलाम पाक सुन्ने के लिए इशां की आजान से पहले ही मस्जिदों में दाखिल होते नजर आए। अलग-अलग मस्जिदों में अलग-अलग दिन की तरावीह शुरू हुई। इसमें 7 दिनों से लेकर 25 और 27 दिनों तक तरावीह की पढ़ाई जाएगी।

रहमतों का है पहला अशरा

रमजान का पहला अशरा रहमतों का होता है। इस दौरान पहले दस दिनों तक खुदा की रहमतों से रोजेदार मालामाल होते रहेंगे। शहर के लोग इसका फायदा भी उठाते नजर आए। सर पर टोपी, हाथों में तस्बीह लिए हर उम्र के लोग खुदा को राजी करने के लिए जुटे रहे। मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के सहायक अध्यापक मोहम्मद आजम ने बताया कि रसूले खुदा ने फरमाया कि जब रमजान आता है, तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। वहीं जहन्नम के दरवाजे बंद करने के साथ ही शैतान और सरकश जिन्नों को कैद कर लिया जाता है।

फर्ज का 70 गुना सवाब

रसूले खुदा मोहम्मद साहब ने फरमाया कि ऐ लोगों तुम्हारे पास अजमत और बरकत वाला महीना आया है। ये वह महीना जिसमें एक रात हजार महीनों से बेहतर है। रमजान के रोजे अल्लाह तआला ने फर्ज किए। जो इसमें नेकी का कोई काम करे तो उसको फर्ज जितना सवाब मिलता है। वहीं जिसने एक फर्ज अदा किया तो उसे 70 गुना सवाब मिलता है। इसलिए इस महीने में जितने भी फर्ज अदा किए जाएं, उसका 70 गुना सवाब मिलता है।