- उलेमा अहले सुन्नत की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर सवाल-जवाब का सिलसिला जारी

GORAKHPUR: उलेमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्प लाइन नम्बरों पर शनिवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज, रोजा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलेमा-ए-किराम ने कुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया। इन नम्बरों पर आप भी सवाल कर जवाब हासिल कर सकते हैं 9935892392, 9956971232, 8604887862, 9598348521, 7266889926, 8896678117, 8563077292, 9956049501, 8858537211, 9616089661, 7754959739, 9555591541

सवाल : क्या रोजे की हालत में उल्टी आने से रोजा टूट जाता है? (सैयद हुसैन अहमद, सूर्यविहार)

जवाब : नहीं, रोजे की हालत में खुद ब खुद उल्टी आने से रोजा नहीं टूटता, अगर्चे मुंह भर हो या उससे भी ज्यादा। (कारी मो। अनस रजवी)

सवाल : किसी मजबूरी के तहत जकात की रकम किस्तों में दी जाए तो कैसा? (शादाब अहमद, बड़गो)

जवाब : मजबूरी की हालत में किस्तो में देने से भी जकात अदा हो जाएगी। (मौलाना अब्दुल खालिक)

सवाल : जुमा की जमात छूट जाए तो क्या करें? (सैयद नदीम अहमद, सूरजकुंड)

जवाब : अगर जुमा की जमात कहीं न पा सकें तो जोहर पढ़ें। (हाफ़जि रहमत अली)

सवाल : खरीदी हुई जमीन पर जकात है या नहीं? (मो। काशिफ, घोसीपुर)

जवाब : अगर रिहाइशी मकान के लिए खरीदा है तो उस पर जकात नहीं। अगर फरोख्त (बेचने) की नियत से खरीदा है तो उस पर जकात फर्ज है। (मुफ्ती अख्तर हुसैन)

सवाल : जकात कर्ज लेने पर है या कर्ज देने वाले पर? (सद्दाम हुसैन, सिधारीपुर)

जवाब : जकात कर्ज देने वाले पर फर्ज है। (कारी मो। अनस रजवी)