रमजान में सवालो-जवाब का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को भी लोगों ने उलेमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमजान हेल्प लाइन नम्बरों पर सवाल कर जवाब हासिल किए। लोगों ने नमाज, रोजा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल पूछे। उलेमा-ए-किराम ने कुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

सवाल : क्या इंजेक्शन लगवाने से रोजा टूट जाता है? (ताबिश सिद्दीकी, गाजी रौजा)

जवाब : नहीं। इंजेक्शन गोश्त में लगवाया जाए या रग में इससे रोजा नहीं टूटता। (मुफ्ती मो। अजहर शम्सी)

सवाल : बीवी का इतना माल है कि उस पर जकात फर्ज हो जाती है। ऐसी सूरत में जकात की अदाएगी किस पर फर्ज होगी। बीवी पर या शौहर पर? (शाकिब रजा मुस्तफाई, रसूलपुर)

जवाब : आकिल, बालिग अपने माल का मालिक होता है मर्द हो या औरत। जकात माली इबादत है, जो दूसरे की ओर से उसी वक्त अदा होगी जब उसकी इजाजत हो। सवाल के मुताबिक जकात बीवी पर वाजिब है शौहर पर नहीं। हां, शौहर बीवी की इजाजत के बाद जकात अदा करे, तो अदा हो जाएगी। बिना इजाजत जकात नहीं अदा होगी। (मुफ्ती खुश मोहम्मद मिस्बाही)

सवाल : रोजे की हालत में मिस्वाक करते वक्त जो लुआब बनता है अगर गलती से कोई निगल गया या फिर जानबूझ कर, तो क्या हुक्म होगा? (मो। राशिद रजा, सैयद आरिफपुर)

जवाब : रोजा याद रहते हुए दोनों हालतों में (गलती से या जानबूझ कर) रोजा टूट जाएगा और सिर्फ एक रोजा की कजा है। कफ्फारा नहीं। (मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी)

सवाल : लोग तरावीह में दस रकात बड़ी और दस रकात छोटी तरावीह पढ़ रहे हैं। क्या ऐसी सूरत में नमाजे तरावीह हो जाएगी? (शहबाज, तुर्कमानपुर)

जवाब : नमाजे तरावीह का मुकम्मल सवाब मिलेगा। सिर्फ कुरआन कम सुनने की वजह से सवाब में कमी होगी। (हाफिज रहमत अली निजामी)

रोजे की हालत में अगर खांसते वक्त मुंह से ब्लड या बलगम आ जाए तो क्या हुक्म है? (महताब आलम, तकिया कवलदह)

जवाब : रोजा नहीं टूटेगा। बल्कि वुजू भी नहीं टूटेगा। (मुफ्ती मो। अजहर शम्सी)