गोरखपुर (ब्यूरो)। पुलिस का ऐसी कार्यप्रणाली से गोरखपुर की साख प्रभावित हो रही है। साथ ही रेप पीडि़ताओं से अन्याय की बात आम हो गई है।
केस-1: आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं
खोराबार इलाके की युवती बीते 2 जून 2022 को गोरखपुर से अपने घर जा रही थी। अपने घर के पास ही पहुंची तो उसके गांव के ही रहने वाले अखिलेश और अरुण ने तमंचा सटाकर उसके साथ गैंगरेप किया। युवती की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धारा में केस दर्ज किया था। केस तो दर्ज हो गया, लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई। बुधवार को पीडि़ता ने खोराबार थाने पहुंचकर अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई।
केस-2: पीडि़ता को जान से मारने की धमकी
खजनी इलाके के आलापार निवासी युवती ने बताया, 11 मई को वह और उसकी बहन घर से मवेशियों की देख-रेख करने निकली थी। उसी समय गांव के पट्टीदारी के दो युवकों ने दोनों बहन को पटक दिया और रेप करने की कोशिश की। किसी तरह वो दोनों वहां से बच निकलीं। घर पहुंचने पर पीडि़त युवती ने घटना की जानकारी अपनी मां को दी। पीडि़ता की मांं ने दूसरे दिन ही पुलिस चौकी उनवल, थाना खजनी पर जाकर सूचना दी। जहां पुलिस ने उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। पीडि़ता ने आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से और डॉयल 1076 पर भी सूचना दर्ज करवाया। इस मामले में पीडि़ता के घर पर सभी आरोपियों जान से मारने की धमकी भी दी। पीडि़ता का आरोप है कि थाने पर जाने पर उसे भगा दिया गया।
केस-3: वीडियो वायरल करने की दे रहे धमकी
बिहार और हाल में कोतवाली एरिया निवासी युवती गोरखपुर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। उस युवती ने पुलिस अधिकारियों को जनता दर्शन कार्यक्रम में कंप्लेन देकर बताया कि साल 2018 में किसी काम से वह शाहपुर स्थित अपनी सहेली के घर गई थी। जहां पर उसकी सहेली ने मां की तबीयत खराब होने की बात कर हेल्प के लिए रोक लिया। वहां युवती से सहेली के भाई ने घनिष्टता बढ़ा ली। शादी का झांसा देकर युवती से कई बार दुष्कर्म किया। युवती का ये भी आरोप है कि युवक ने उसका वीडियो भी बनाकर उसे ब्लैकमेल करने लगा। आरोप है कि इस मामले में कोर्ट के आदेश पर 24 मार्च 2022 को एफआईआर लिखी गई, लेकिन आरोपित बशारतपुर निवासी निशांत त्रिपाठी, रामदत्तपुर निवासी समीर उपाध्याय और ऋचा उपाध्याय को अरेस्ट नहीं किया गया। युवती का आरोप है कि आरोपित उस पर सुलह समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। केस वापस नहीं लेने की स्थिति में वीडियो वायरल करने की धमकी देते हैं। पीडि़त युवती का आरोप है कि इस मामले में एडीजी, एसएसपी तक से गुहार लगाई लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। आरोपित पक्ष के लोग प्रभावशाली हैं। इसलिए पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। आरोपित मेरी हत्या भी करवा सकते हैं।
अधिकारियों के दफ्तर चक्कर काटती हैं पीडि़ता
रेप पीडि़ताओं की तुरंत सुनवाई ना होने की वजह से उन्हें लोक लाज छोड़कर सीएम ऑफिस, एडीजी दफ्तर, एसएसपी दफ्तर, एसपी दफ्तर और नेताओं के घर के अनगिनत चक्कर लगाने पड़ते हैं। अधिकारी अप्लीकेशन पर मार्क कर थानेदार को कार्रवाई करने के लिए भी निर्देशित करते हैं। इसके बाद भी थाने पर कोई सुनवाई नहीं होती है।
एक नजर में रेप केस
साल रेप
2021 100
2020 103
2019 89
अभी फरियादियों के सामने ही थाने के संबंधित को बुलाया गया था। जहां भी लापरवाही मिली, उस थाने पर कार्रवाई की। अगर रेप पीडि़ता के मामले में लापरवाही बरती जा रही है तो उसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। विपिन टाडा, एसएसपी गोरखपुर