- उप निबंधन कार्यालय में इन दिनों बढ़ी रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़

- गवाह के अभाव में एक दर्जन से उपर लोगों को लौटना पड़ा वापस

GORAKHPUR: मैत्रीपुरम से आए विष्णु की रजिस्ट्री सिर्फ इसलिए फंस गई, क्योंकि उनका एक गवाह मौके पर नहीं पहुंच पाया। उन्होंने रिक्वेस्ट भी की, लेकिन बात नहीं बन पाई। उनसे कहा गया कि पहले गवाह बुलाइए, उसके बाद ही रजिस्ट्री हो पाएगी। उप निबंधन कार्यालय में इन दिनों ऐसे मामले रोजाना देखने को मिल रहे हैं। किसी के गवाह नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो कोई खरीदार ही मौके से गायब हो जा रहा है। कार्यालय में अपने सपनों के घर बनवाने वाले लोगों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। आलम यह है कि बैठने वाले चेयर्स भी कम पड़ जा रहे हैं। एक दूसरे के उपर लोग टूट पड़ रहे हैं। आम दिनों में जहां 55-60 रजिस्ट्री होती थी, वहीं बुधवार को स्थिति यह हो गई कि 80 लोगों ने रजिस्ट्री कराई।

ई-स्टांप की बढ़ी डिमांड तो स्टॉक होल्डर भी बढ़ गए

वहीं ई-स्टांप के स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव उज्जवल कुमार बताते हैं कि जिले भर में पहले जहां 45 स्टॉक होल्डर थे। वहीं अब इनकी संख्या 95 पास पहुंच चुकी है। अब जो भी स्टांप खरीदेगा, उसे ई-स्टांप ही लेना है। वह हमारे किसी भी स्टॉक होल्डर्स से खरीद सकता है। वे बताते हैं कि एक फरवरी से 24 फरवरी तक के डाटा के मुताबिक, 22,79,92,237 का ई-स्टांप की सेलिंग हुई थी। ई-स्टांप की सुविधा बढ़ने से अब लोगों को रजिस्ट्री के लिए दस्तावेज तैयार करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती है। इससे पहले फटिलाईजर के डीड में 55 करोड़ रुपए एक ही दिन जमा कराया गया था।

भीड़ के पीछे मुख्य कारण यह है कि जो भी डीड होती है, क्रेता व विक्रेता के साथ लोग ज्यादा होते हैं, चूंकि लाखों रुपए का लेन-देन होता है। ऐसे में दोनों पक्षों के लोग मौके पर मौजूद होते हैं। कई बार भीड़ नहीं लगाने के लिए कहा जाता है, लेकिन लोग नहीं मानते हैं।

- योगेश प्रताप सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार, उप निबंधन कार्यालय