गोरखपुर (ब्यूरो)।ये तो केवल एक मामला है, इसके अलावा ना जाने कितने लोग कोरोना काल के दौरान कोविड रूल तोडऩे की सजा आज भी भुगत रहे हैं, उनका रिवॉल्वर रिन्युअल, पासपोर्ट बनवाने समेत कई काम नहीं हो पा रहे हैं। जबकि साल 2021 में प्रदेश सरकार ने पब्लिक को राहत देते हुए कोविड रूल तोडऩे पर दर्ज किए सभी मुकदमे खत्म करने का निर्देश दिया था।

दुकान खोलने पर दर्ज हुआ मुकदमा

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान रकहट निवासी हनुमंत पाण्डेय पर दुकान खोलने पर धारा 188, 269 में मुकदमा दर्ज हुआ था। हनुमंत ने बताया कि गगहा थाने पर जब भी मैं जाता हूं तो उनकी रिपोर्ट में वह मुकदमा दिखा दिया जाता है, जिससे रिवॉल्वर का रिन्युअल नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि थाने पर मैंने बताया भी कि सरकार ने मुकदमा खत्म कर दिया है। इस पर प्रभारी कहते हैं कि अभी थाने पर ऐसा कोई आदेश नहीं आया है।

मेरा पासपोर्ट नहीं बन पा रहा

गगहा एरिया के ही राकेश यादव पर भी कोरोना काल में कोविड रूल तोडऩे पर धारा 188, 269 में मुकदमा दर्ज हुआ था। राकेश ने बताया कि उन्हें पता चला कि सरकार ने उन मुकदमों को खत्म कर दिया है। तब राकेश ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया, लेकिन कोरोला काल के मुकदमे अभी भी उनका पीछा नहीं छोड़ रहे थाने की रिपोर्ट में यह बात सामने आई। अब राकेश कोरोना काल का मुकदमा खत्म कराने के लिए परेशान हैं।

गोरखपुर में दस हजार से अधिक मुकदमे

सूत्रों की मानें तो कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान बहुत लोगों ने लुका छिपी का खेल खेला था। पकड़े जाने पर सड़क पर बने गोले में भी बैठाया गया। इसके अलावा चोरी चुपके दुकान खोलने और मास्क न लगाने की वजह से पुलिस को इन पर मुकदमा दर्ज करना पड़ा। बताया जा रहा है कि कोरोना काल के दौरान करीब 10 हजार लोगों पर कोविड रूल तोडऩे पर मुकदमा कायम हुआ था।

पब्लिक को परेशानी नहीं आने दी जाएगी। मेरे संज्ञान में भी कुछ मामले आए हैं। इसको दिखवाता हूं कहां दिक्कत आ रही है। पासपोर्ट समेत सभी काम पब्लिक के होंगे।

डॉ। गौरव ग्रोवर, एसएसपी गोरखपुर