गोरखपुर (ब्यूरो)। लैब हाईटेक सुविधाओं से लैस रहेंगी। इस लैब की मदद से वायरोलॉजिस्ट संक्रमित एरियाज में पहुंच कर बीमारी फैलाने वाले वायरस पर रिसर्च कर सकेंगे। जल्द ही

यह मोबाइल वैन आरएमआरसी को मिल जाएगी। इसकी खासियत यह हैं कि खराब सड़कों पर भी वैन में झटके नहीं लगेंगे।

कम होगा वायरस फैलने का खतरा

इस लगने से हेल्थ इंप्लाईज के संक्रमित होने का खतरा कम होगा। इसमें इसमें हेल्थ इंप्लाईज को पीपीई किट, ग्लब्स व फेस मास्क पहनकर काम कर सकेंगे। इसमें हर तरह की

टेस्ट के लिए पूरी तरह से एयर प्रूफ अलग-अलग क्यूब बने होते हैं। लैब में बाहर से एयर भी अंदर नहीं आ सकती। लैब के अंदर मौजूद वायरस हवा को फिल्टर करके ही बाहर

निकाला जाता है। इसके अंदर इस्तेमाल होने वाला पानी भी विसंक्रमित कर दिया जाएगा।

हाईटेक मशीनों से लैंस लैब

यह मोबाइल वैन हाईटेक मशीनों से लैस रहेगी। इसमें आरटी-पीसीआर मशीन, एलाइजा मशीन भी होगी। टीबी एवं अन्य बैक्टीरिया की टेस्ट के लिए सीबीनेट मशीन भी रहेगी। इसमें

आरएनए एक्सट्रेक्टर व एडवांस टेस्ट की मशीनें भी रहेंगी।

वर्जन

लैब पूरी तरह से हाईटेक है। इसमें येलो फीवर वायरस, वेस्ट नाइल वायरस, कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू वायरस और मर्स वायरस पर रिसर्च हो सकेगा। उनकी टेस्ट व पहचान भी

होगी। साथ ही ड्रग रेजिस्टेंट टीबी बैक्टीरिया पर भी रिसर्च हो सकेगा।

डॉ। अशोक पांडेय, वायरोलॉजिस्ट