गोरखपुर (ब्यूरो).रोड रेज का अर्थ सड़क पर हुई छोटी-बड़ी घटनाओं के कारण आने वाले गुस्से, रोष या आक्रोश से है। कभी-कभी यह गुस्सा किसी शख्स पर इस कदर हावी हो जाता है कि वह यह फिक्र भी नहीं रहती कि इस वजह से सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों को कितना नुकसान हो रहा है। रोड रेज की वारदात में कई बार लोगों की जान तक चली जाती है।

इन वजहों से ज्यादा होते रोड रेज

- किसी भी व्यक्ति का मूड इसके लिए ज्यादा जिम्मेदार होता है। ऐसे में जब भी घर से निकलें, शांत भाव से निकलें। घर का किसी तरह का तनाव सड़क पर जानलेवा हो सकता है।

- ट्रैफिक जाम रोड रेड का बड़ा कारण होता है। जब जाम खुलते ही लोग तेजी से गाडिय़ां दौड़ाते हैं, ऐसे में संभलकर गाड़ी चलाएं, जिससे रोड रेज की नौबत ना आए।

- रोड पर ट्रैफिक होने की दशा में कुछ लोग लगातार हार्न बजाते हैं। ऐसे में ट्रैफिक में फंसे रहने की चिढ़ और आसपास लगातार बज रहे हॉर्न रोड रेज के लिए प्रेरित करते हैं।

- बार-बार गलत दिशा से ओवरटेक करने वाले लोग इतना गुस्सा दिला देते हैं कि लोग तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने पर और साइड न देने पर लोग मजबूर हो जाते हैं। इससे रोड रोज की स्थिति बनती है।

- काम का या डेडलाइन का तनाव या ऑफिस में एक खराब दिन रोड पर गुस्सा निकालने पर मजबूर कर देता है।

ऐसे करें रोड रेज से बचाव

- घर से गाड़ी लेकर निकलते समय दिमाग को शांत रखें। कूल रहने से ऐसे मामले टलते हैं।

- लंबा ट्रैफिक होने पर रास्ता खाली करने के लिए बेवजह चींखने और चिल्लाने के बजाय शांति से बैठें। गूगल मैप पर ट्रैफिक चेक करके रूट बदल लें।

- टाइम का मैनेजमेंट इस तरह का रखें कि सड़क पर जल्दबाजी की नौबत ही न आए।

- राह चलते जब किसी पर गुस्सा आए तो गाड़ी के एक्सीलेटर पर पैर दबाने से पहले माइंड डाइवर्ट करें। ज्यादा प्रॉब्लम होने पर कुछ देर के लिए व्हीकल को किनारे रोककर टहल लें।

- किसी से मोबाइल फोन पर बात कर लें। या फिर म्यूजिक सिस्टम से हलकी धुन सुनें।

- सड़क पर बेवजह हार्न ना बजाएं। किसी से बहस होने पर टालने की कोशिश करें।

- सड़क पर बेवजह किसी पर चिल्लाने से बचें। यदि कोई बदसलूकी करता है तो पुलिस को सूचना दें।

- किसी छोटी-मोटी टक्कर से आपके वाहन का कोई मामूली नुकसान हुआ हो तो उसे लेकर बेकार झगड़ा न करें।

रोड रेज की गोरखपुर में प्रमुख घटनाएं

07 जुलाई 2019: गोला एरिया के घरावल में बाइक ओवरटेक करने को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर विवाद हुआ। मारपीट में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

02 मार्च 2019: चिलुआताल एरिया के फत्तेपुर डिहवा मोड़ पर गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद में मनबढ़ों ने 17 साल के आकाश चौहान की गोली मारकर हत्या कर दी।

13 सितंबर 2021: सहजनवां एरिया के सेमराडाढ़ी में प्रधान और भाजपा नेता जेडी रंजन अपने साले के साथ निमार्णाधीन पंचायत भवन के लिए सामान उतरवा रहे थे। इस बीच कुछ लोग कार से पंचायत भवन की तरफ कार से आए और सामान लदी गाड़ी को हटाने के चक्कर में कहासुनी हो गयी। विवाद इतना बढ़ गया कि उन लोगों ने प्रधान और उसके साले की लाठी डंडे से पिटाई कर दी। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण हॅास्पिटल में भाजपा नेता की मौत हो गई।

रोड रेज के लिए इंडिया में कानून

- लोगों में गुस्सा और जल्दी पहुंचने की तेजी की वजह से इंडिया में रोड रेज के मामले बढ़ रहे हैं। इन सब के बावजूद इंडिया में रोड रेज के लिए कोई स्पेशल कानून आईपीसी में मौजूद है।

- अगर सड़क पर हुए विवाद में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो यह गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होता है।

- अगर कोई व्यक्ति गुस्से में आकर गलत तरीके से ओवरटेक करता है तो मोटर व्हीकल एक्ट में उसका चालान हो जाता है।

क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक

रोड रेज इंटरमिटेंट एक्सप्लोसिव डिसआर्डर है। यह एक बायोकेमिकल प्रॉब्लम होता है। इसे तेज गुस्सा या बदसलूकी मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इससे यह समस्या अधिक हो जाती है। किसी भी व्यक्ति के ब्रेन में केमिकल का असुंतलन होने पर कुछ ही देर के लिए इसका असर होता है। लेकिन यह खतरनाक हो सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति इतना हिंसक हो जाता है कि वह किसी की जान तक ले सकता है।

परिवार या कार्यस्थल के तनाव की वजह से ऐसी स्थितियां ज्यादा उत्पन्न होती हैं। यदि कोई इसे मैनेज नहीं कर पाता है तो वह रोड रेज का शिकार होता है। पूर्व के तनाव की वजह से रोड पर होने वाली छोटी-मोटी घटनाएं भी ट्रिगर करती हैं, जिससे गुस्सा जल्दी आता है। इस वजह से कभी-कभी गंभीर प्रकरण भी सामने आते हैं।

डॉ। धनंजय कुमार, प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग, डीडीयूजीयू

रोड रेज के मामले अक्सर सामने आते हैं। घटना होने पर केस दर्ज करके कार्रवाई की जाती है। सड़क पर किसी तरह विवाद, कहासुनी होने पर संयम बरतें। ऐसी स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचना दें। चौराहों पर तैनात या पेट्रोलिंग में निकली पुलिस फोर्स तत्काल मौके पर पहुंचकर मामले निस्तारण करेगी।

डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर