- कई जगह सड़कें खराब होने से हो रही है वॉटर लॉगिंग

- इसकी वजह से नहीं पता चल रही है सड़क

- बार-बार लोग होते हैं घायल, नहीं जाग रहा विभाग

GORAKHPUR: अनलॉक-1 चल रहा है और फेज्ड मैनर में सभी काम अपनी रफ्तार पकड़ने लगे हैं। सभी विभागों ने अपने अटके हुए काम शुरू करा दिए है। लेकिन नगर निगम के जिम्मेदारों की अनदेखी से मानसून में लोगों की हड्डियां टूटनी तय है। 20 से मौसम विभाग ने मानसून की प्रिडिक्शन की है, लेकिन अब तक कुछ ऐसी भी सड़कें हैं, जिनको उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। उनमें इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं कि आने-जाने वाले राहगीरों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जब मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी और यह गड्ढे पानी से लबालब भरे रहेंगे, तब लोगों की मुसीबत और बढ़ेगी। गोरखपुर में कुछ एरियाज में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जिम्मेदारों की इस अनदेखी का रियल्टी चेक किया और आसपास के लोगों से बातचीत की, तो हकीकत सामने आई।

सिविल लाइंस

गोरखपुर का सबसे पॉश इलाका सिविल लाइंस, जहां रिनाउंड फैमिली के साथ ही बड़े अधिकारियों का भी रहना और आना-जाना है। यहां की हालत भी ठीक नहीं है। एरिया की सड़कों पर छोटे-छोटे बेशुमार गड्ढे हैं, वहीं बीएसएनएल कॉलोनी से सिटी मॉल की ओर बढ़ने पर एक बड़ा गड्ढा है, जो खतरनाक भी हो गया है। इसकी वजह से कई बार दुर्घटना भी हुई है और लोग चोटिल भी हुए हैं, लेकिन अब तक यह बन नहीं सका है।

इंदिरा बाल विहार

शहर के रिनाउंड इलाकों में शुमार इंदिरा बाल विहार की हालत भी ठीक नहीं है। यहां पुलिस अधिकारियों के आवास होने के साथ ही लोगों के एंटरटेनमेंट और पेट पूजा के ढेरों ऑप्शन मौजूद हैं। इस अहम इलाके में भी जिम्मेदारों का नजरे-करम नहीं हुआ है। जगह-जगह सड़कें उखड़कर बड़े गड्ढे में तब्दील हो गई हैं, जिसकी वजह से लोग आए दिन परेशान हो रहे हैं। खास बात यह है कि सड़क में पैचिंग तक नहीं की गई है, जिससे कि लोगों को आने-जाने में कुछ सहूलियत हो सके।

मियां बाजार

गोरखपुर में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का सबसे बड़ा बाजार यहीं मौजूद है। हर रोज यहां पर हजारों का फूटफॉल रहता है। इस रोड पर कुछ दूर तक तो नजरे करम हुआ, लेकिन चौराहे से बाद की रोड को जिम्मेदार भूल गए। चंद दूरी पर ही लोगों को बेहतरीन सीसी रोड मिल जाएगी, तो वहीं कुछ आगे बढ़ने पर हिचकोले खाने पड़ेंगे। लॉक डाउन से पहले बंद हुए इस वर्क को अब तक शुरू नहीं किया जा सका है, जिसकी वजह से लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।

छोटेकाजीपुर -

छोटेकाजीपुर पुराने एलआईयू की ओर जाने वाली रोड की हालत तो काफी खराब हो चुकी है। यहां पूरी सड़क की गिट्टियां उखड़ चुकी हैं और आए दिन लोगों को घटना का शिकार बना रही हैं। यहां की हालत ऐसी हो गई है कि मोटर साइकिल तेज चलाने पर यह फिसल जा रही है, जिसकी वजह से लोग वहां गिरकर घायल हो रहे हैं। काफी अरसे से खराब हुई यह सड़क अब तक ठीक नहीं हो सकी है।

चौरहिया गोला -

रेती से चौरहिया गोला की ओर जाने वाली सड़क में भी कई जगह गड्ढे नजर आ जाएंगे। लोग जिम्मेदारों के साथ अपने प्रतिनिधियों से कंप्लेन करते-करते थक गए हैं, लेकिन सिवाए आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिला है। हालत यह हो गई है कि अब इस रोड को छोड़कर लोगों ने अल्टरनेट ऑप्शन चुनना शुरू कर दिया है। बारिश के दौरान तो यहां भयंकर जलभराव की कंडीशन हो जाती है, लेकिन अब तक जिम्मेदारों की आंखें नहीं खुली हैं।

बक्शीपुर

बक्शीपुर चौराहे से मारवाड़, डीएवी जैसे कई शिक्षण संस्थानों के साथ अहम व्यापारिक प्रतिष्ठानों तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली यह रोड काफी दिनों से जर्जर है। पैचिंग भी यहां किसी काम न आती है और हल्की सी बरसात में ही फिर हालत जस की तस हो जाती है। इस रोड के आगे और पीछे कुछ रोड बनाई भी गई, लेकिन बीच की रोड को उसके हाल पर छोड़ दिया गया, जिसकी वजह से इसकी हालत दिन ब दिन खस्ता होती जा रही है। हर बारिश में यहां के हालात बद से बदतर हो जाते हैं और लोगों को मुसीबत से रास्ता क्रॉस करना पड़ता है।

रोड की हालत खराब होती जा रही है, लेकिन अब तक इसको ठीक नहीं कराया जा सका है। एक बार पैचिंग कराई गई थी, लेकिन चंद दिन में फिर वही हालत हो गई।

- शारिक

गोरखपुर की सड़कों पर गाडि़यां चलाना मुश्किल होता जा रहा है। इस वक्त तो हालत ऐसी हो गई है कि अगर जरा सी चूक हुई, तो बड़ी मुसीबत झेलनी पड़ेगी। गाड़ी की जो हालत खराब हो रही है, वह अलग।

- सतीश गुप्ता

रोड का मेनटेनेंस काफी जरूरी है, लेकिन एक बार अगर रोड खराब हो गई, तो नगर निगम इसे ठीक करने की जहमत नहीं करता। गड्ढे भरने के इंतजार में तो कई महीने बीत जाते हैं।

- पवन गुप्ता

कुछ एरिया में रोड अच्छी है, लेकिन कुछ जगह हालत ऐसी हो गई है कि वहां जाने का मन ही नहीं करता है। जगह-जगह गड्ढे। अगर खाना खाकर कोई चला जाए, तो उलट देगा। कम से कम पैचिंग तो करा देनी चाहिए।

- भोला वर्मा

लॉक डाउन की वजह से काम प्रभावित था। कुछ काम शुरू हो चुके हैं। कुछ के टेंडर किए जा रहे हैं। कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द स्थिति को बेहतर कर दिया जाए।

- सुरेश चंद, चीफ इंजीनियर, नगर निगम