- रूट डायवर्जन के चलते बंद हो गए हैं शहर के कई रास्ते

- बदले रास्ते और जाम की वजह से लेट घर पहुंच रहे स्कूली बच्चे

- कई स्कूली वाहनों ने खड़े कर दिए हाथ, पैरेंट्स पहुंचा रहे बच्चों को स्कू

GORAKHPUR: डेली शहर में हजारों बच्चे स्कूली वाहनों से पढ़ने जाते हैं। स्कूल बसों की संख्या सीमित है और वे हर जगह जा नहीं सकती, इसलिए अधिकतर बच्चे प्राइवेट ऑटो या वैन के सहारे स्कूल जाते हैं। लेकिन इधर कुछ दिन से जाम और रोड डायवर्जन ने स्कूली बच्चों और उनके पैरेंट्स को टेंशन में डाल दिया है। जगह-जगह बैरियर लगाकर रोड्स को बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से स्कूली ऑटो या वैन दूसरे रास्ते या फिर गलियों में घंटों फंस रहे हैं। जिससे इनमें बैठे बच्चे तो बस यही गुहार लगा रहे हैं कि हमें तो जाने दो सरकार। लेकिन उनकी बातों को सुनने या समझने वाला कोई नहीं है।

डायवर्जन देख खड़ी कर दी ऑटो

राजेन्द्र नगर के अरविंद पांडेय ने बताया कि उनकी बेटी डेली ऑटो से स्कूल आती-जाती है। दो दिन से जाम में फंसने के कारण काफी लेट से घर पहुंच रही है। मंगलवार को तो परेशानी और तब बढ़ गई जब ऑटो वाले ने सुबह-सुबह कॉल कर इधर हफ्तेभर ना आने के लिए कह दिया। ऑटो वाले का कहना था कि जिधर जाओ उधर रास्ता बंद है। इधर-उधर घूमने में हालत खराब हो जा रही है। इसलिए इधर ऑटो नहीं चलाएंगे। ये सुनकर किसी तरह अरविंद ने बेटी को स्कूल भेजा और फिर रिसीव करने भी गए। यही हाल शहर के अधिकतर पैरेंट्स का है जो बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने में परेशान हैं।

कभी मेला तो कभी वीआईपी मूवमेंट

इधर गोरखपुर में खिचड़ी मेला शुरू हो रहा है। इसके लिए धर्मशाला से लगाए असुरन और गोरखनाथ से लगाए बरगदवां तक का रास्ता डायवर्ट किया गया है। इसी तरह धर्मशाला से दुर्गाबाड़ी और तिवारीपुर इलाके की तरफ भी यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। जिसकी वजह से इधर जाम की प्रॉब्लम लगातार एक सप्ताह तक लोगों को अधिक परेशान करेगी।

पास की कर रहे डिमांड

वहीं, स्कूली ऑटो ड्राइवर्स का कहना है कि इधर जाम और रास्ता बदलने की वजह से बहुत परेशानी हो रही है। छोटे बच्चे तो लेट होने पर गाड़ी में ही रोने लगते हैं। ड्राइवर्स का कहना है कि स्कूली छोटी गाडि़यों के लिए एक पास की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि स्कूली बच्चे परेशान ना हों और समय से अपने घर पहुंच सकें।

कोट्स

बच्ची को स्कूल छोड़ने के लिए ऑटो किया है। इधर कुछ दिनों से डेली बच्ची को आने में लेट हो जा रहा है। अब तो ऑटो वाले ने भी गाड़ी खड़ी कर दी है।

अरविंद कुमार, पैरेंट

रूट डायवर्जन होने से सबसे अधिक स्कूली बच्चों को प्रॉब्लम हो रही है। उनके ऑटो वाले छुट्टी के बाद बच्चों को लेट से घर पहुंचा रहे हैं। बच्चे भी गाड़ी में बैठे-बैठे परेशान हो जा रहे हैं।

एक तो एग्जाम टाइम करीब है। ऊपर से बच्चे स्कूल से आने में ही थक जा रहे हैं। घर आते ही बच्चे सो जा रहे हैं। जाम और रूट डायवर्जन बच्चों के लिए इस समय मुसीबत बन गया है।