गोरखपुर (ब्यूरो).ये ऐसी घटनाएं हैं, जिन्हें देखकर या सोचकर भी किसी की रूह कांप जाएगी। गोरखपुर में में इन दिनों ऐसी घटनाएं भी हो रही हैं। इन घटनाओं में क्रिमिनल दर्दनाक तरीकों से वार करते हैं। ताकि वो जिसे मार रहे हों वो तड़पे और खूब जोर-जोर से चिल्लाए। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले क्रिमिनल कोई मामूली अपराधी नहीं होते हैं। इनके अंदर एक जिद होती है, जिसे पूरा करने के लिए वे कुछ भी कर गुजरने से परहेज नहीं करते हैं।

केस-1

हाथ पैर टूटने तक मारते रहे आरोपित

पीपीगंज इलाके में 6 अगस्त को दिनदहाड़े हिस्ट्रीशीटर और उसके गुर्गे की मारपीट देखकर पब्लिक दहशत में आ गई। यहां एक जमीन पर कब्जे के लिए दो व्यापारियों को हिस्ट्रीशीटर भोला यादव और उसके गुर्गे तब तक मारते रहे। जब तक उनके पैर हाथ नहीं टूट गए। ये दर्दनाक दृश्य देखकर लोगों की रूह कांप उठी। इस घटना में 24 घंटे के अंदर पुलिस ने 5 पांच आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है, वहीं मेन आरोपी हिस्ट्रीशीटर सपा नेता भोला यादव फरार है।

केस-2

पुजारी पर फेंक दिया ज्वलनशील पदार्थ

पीपीगंज इलाके में ही शनिवार रात एक हैरान कर देने वाली घटना घटी। यहां पर एक मंदिर के पुजारी को गांजा बेचने वालों का विरोध करना भारी पड़ गया। आरोप है कि मंदिर के बाहर तीन आरोपी गांजा बेचते थे। पुजारी ने उनकी शिकायत पुलिस से कर दी। इससे नाराज आरोपियों ने शनिवार की देर रात जब पुजारी सोने जा रहे थे, तब उनकी आंखो पर ज्वलनशील पदार्थ झोंक दिया। इसके बाद पूरे इलाके में तेजाब से हमले की चर्चा शुरू हो गई। फिलहाल पुजारी का इलाज चल रहा है। रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि आरोपियों ने उनके चेहरे पर क्या फेंका था।

केस-3

बच्चे का मिला कटा सिर, धड़ गायब

सिकरीगंज इलाके में तीन माह पहले एक 1 साल के बच्चे का कटा सिर मिला था। उसका धड़ लापता था। घटना से 100 मीटर दूरी पर सड़क किनारे कई जगह खून के निशान मिले थे। ऐसा लग रहा था कि किसी शख्स ने सिर काटकर उसे हाथ मेें लेकर कुछ दूर पैदल चला हो। इस दिल दहलाने वाली घटना को देख हर किसी की रूह कांप उठी थी। इस घटना के बाद पुलिस और फारेंसिक टीम काफी प्रयास की लेकिन न तो बच्चे का धड़ मिला ना ही उसके हत्यारे का कोई सुराग मिला।

मनोवैज्ञानिक डॉ। हिमांशु पाण्डेय बोले

- बेरहमी से घटनाओं को अंजाम देने के पीछे तीन कारण इंपल्सिव बिहेवियर, एंटी सोशल क्रिमिनल पर्सनॉलिटी, सेक्सुअल डिसऑर्डर और पैरेटिंग होता है।

- इंपल्सिव बिहेवियर वाले बदमाश जिद्दी प्रवृति के होते हैं। इनकी बचपन से ही हर जिद पूरी होती रही है। इसलिए कभी जब उनकी जिद नहीं पूरी होती है तो उनके अंदर छटपटाहट होती है।

- जब वे सामने वाले पर वार करते हैं और वो चिल्लाता है तो उन्हें मजा आता है। उनका विरोधी खूब चिल्लाए और चीखे। इसके लिए उसे खूब दर्द देते हैं।

- एंटी सोशल क्रिमिनल पर्सनॉलिटी में व्यक्ति सोसाइटी को अलग अंदाज में देखता है। सोसाइटी के प्रति उसका बिहेवियर निगेटिव होता है।

- सेक्सुअल डिसऑर्डर में कभी ना कभी यक्ति ऐसे किसी घटना का शिकार हुआ होता है, जिसे वो भूल नहीं पाता है। उसे भूलने के लिए वो दर्दनाक घटनाओं का अंजाम देता है।

- पेरेंटिंग ्रमें जब किसी व्यक्ति की अच्छे से परवरिश नहीं होती है तब वो समाज से अलग अपनी अलग दुनिया बनाने की कोशिश करने लगता है।