- गोरखपुर में ऑपरेटर्स बिजली से नहीं चला रहे पंप

- बिल बढ़ाने के लिए जनरेटर का कर रहे इस्तेमाल

- तेल की खपत से लग रहा जिम्मेदारों को चूना

GORAKHPUR: बारिश के पीरियड में निगम में तेल का खेल शुरू हो गया है। बारिश का पानी निकालने के नाम पर ऑपरेटर्स बिजली के पंप चलाने के बजाए डीजल पंप चला रहे हैं और विभाग को चूना लगाने के साथ अपनी जेबें भर रहे हैं। जिम्मेदार मामले की निगरानी कर रहे हैं, लेकिन शातिर उनकी पहुंच से दूर हैं। मामले की सच्चाई तब पता चली, जब चीफ इंजीनियर अचानक निरीक्षण के लिए पहुंच गए। इस दौरान लाइट होने के बाद भी डीजल पंप चलाया जा रहा था। उन्होंने जिम्मेदारों को कड़ी फटकार लगाते हुए, अब वहां की मॉनीटरिंग शुरू कर दी है।

जेई रेग्युलर करेंगे निगरानी

नगर निगम के पंप के जरिए पानी की निकासी प्रॉपर हो और इससे निगम पर भी बोझ न आए, इसके लिए जिम्मेदार निगरानी में लगे हुए हैं। चीफ इंजीनियर के इंस्पेक्शन के बाद अब जेई को वहां की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। जेई भी अट्रैंडम वहां पहुंचकर पंपों का निरीक्षण करेंगे और अगर कोई गड़बड़ी हो रही है, तो संबंधित जिम्मेदारों को इसकी तत्काल सूचना देंगे। अगर कोई धांधली कर रहा है, जिम्मेदार उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के मूड में है। वहीं पंप में अगर कोई गड़बड़ी हो रही है, तो पंप पर दिए गए नंबर्स पर आम आदमी भी कॉल करके सूचना दे सकता है, जिसके बाद संबंधित के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

60 लाख रुपए है बजट

नगर निगम द्वारा मोहल्ले में होने वाली वॉटर लॉगिंग से लोगों को बचाने के लिए 60 लाख का बजट तय है। इसमें 1 अप्रैल 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक निगम ने 33 लाख 63 हजार रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं। अगर तेज मसूलाधार बारिश हो रही है और ज्यादा वॉटर लॉगिंग हो गई है, तो इस कंडीशन में पानी निकासी के लिए चारों पंप चलाए जाते हैं। वहीं अगर हल्की बरसात है, तो बिजली से चलने वाले पंप की मदद से पानी निकालकर दूसरी तरफ फेंका जाता है। मगर बिजली न होने और मोहल्ले में पानी लगा होने की कंडीशन में ही डीजल पंप चलाए जाते हैं। मगर वहां के जिम्मेदार दो घंटे पंप चलाकर चार घंटे का बिल बना देते हैं, जिससे निगम को चपत लगती है।

वर्जन

कुछ जगह गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं, जेई को वहां रेग्युलर निगरानी के निर्देशित किया गया है। उनसे कहा गया है कि औचक निरीक्षण करें और अगर कोई गड़बड़ मिले, तो तत्काल सूचित करें।

- सुरेश चंद, चीफ इंजीनियर, जीएमसी