- कोरोना वैक्सीनेशन के थर्ड फेज में सीनियर सिटीजन कराने पहुंचे अपना वैक्सीनेशन

- घर में कैद घर बुजुर्गो ने वैक्सीनेशन के बाद ली राहत की सांस

GORAKHPUR: कोरोना संक्रमण की वजह से पूरा साल यूं ही निकल गया। घर में खुद को कैद रखा, ताकि खुद भी बचा रहूं और घर के लोगों को भी कोई प्रॉब्लम न आए। आजाद हवा में सांस लेना तो भूल चुका था। वैक्सीन आई, तो थोड़ा राहत जरूर महसूस हुई, लेकिन फिर भी घर से निकलना मुनासिब न समझा। अब वैक्सीन का पहला डोज ले लिया है, 28 दिन बाद दूसरा डोज लग जाएगा, इसके बाद ही बाहर निकलने के बारे में कुछ सोचेंगे। यह कहना है, जिला अस्पताल में पहुंचने वाले कुछ बुजुर्गो का, जिन्होंने 22 मार्च के बाद से अपने कदम घर से बाहर नहीं निकाले। अब वैक्सीन आने के बाद उनकी हिम्मत बढ़ी है, तो वह रजिस्ट्रेशन कराकर किसी तरह बूथ्स तक पहुंचने लगे हैं।

एक मार्च से शुरु हुआ थर्ड फेज

एक मार्च से कोरोना वैक्सीनेशन का थर्ड फेज शुरू हो गया। सीनियर सिटीजन के साथ-साथ उनके घर के मेंबर्स शनिवार को प्राइवेट हॉस्पिटल और सरकारी अस्पताल में बनाए गए बूथों पर पहुंचे। सभी बूथों पर सीनियर सिटीजन की जबरदस्त भीड़ नजर आई। जिला अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर एक तरफ सीनियर सिटीजन खुद रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अपना आधार कार्ड और डॉक्टर्स की पर्ची हाथ में लिए खड़े नजर आए। वहीं कुछ लोगों के नाती-पोते भी लाइन में लगकर बुजुर्ग दादा-दादी और नाना-नानी को वैक्सीन लगवाने के लिए परेशान दिखे।

अब निकले घर से बाहर -

- आजाद चौक के रहने वाले रूपेश ने बताया कि उनके नाना-नानी ने उनकी परवरिश की है।

- कोरोना के डर से वे अब तक घर से बाहर न निकले थे।

- आज वे वैक्सीनेशन के लिए बूथ पर पूरे प्रिकॉशन के साथ पहुंचे हैं।

- शिल्पी अग्रहरी ने बताया कि उनके दादा-दादी ही उनके पैरेंट्स का रोल अदा करते हैं।

- उनके पिता नहीं है, उनके दादा ही उनके पिता हैं।

- ऐसे में वे अपने दादा-दादी के लिए बूथ पर आईं और वैक्सीन की पहली डोज लगवाई।

कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए आज तक घर से बाहर नहीं निकले। बीच में कोशिश भी की तो पता चला कि दूसरे राज्यों से फिर से कोरोना के केसेज सक्रिय हो गए हैं। फिर से घर में कैद रहना ही बेहतर समझा, आज इसलिए आया क्योंकि वैक्सीन की डेट आ गई थी।

विजय कुमार, 81 वर्ष

कई बार रजिस्ट्रेशन के बाद आज डेट मिली। डेट मिली तो अपने नाती के साथ वैक्सीनेशन के आई हूं। वैक्सीन लगवाकर सीधे घर ही जाऊंगी। घर से कभी बाहर नहीं निकली। कोरोना संक्रमण में मेरे रिश्तेदारी में कई भयावह घटनाएं सुनकर दिल सहम गया है।

शीला देवी, 65 वर्ष

कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवा लिया हूं। अब मैं खुद को सुरक्षित महूसस कर रहा हूं। दूसरी डोज के लिए अब सीधे बूथ पर आउंगा। वैक्सीनेशन के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहा था।

होजदार शाही, 72 वर्ष

वैक्सीन की प्रतीक्षा में सीधे 11 महीने बाद घर से बाहर निकला हूं। अपने घर के छत पर ही मार्निग वॉक कर लेता था। घर के गॉर्डेन में ही शारीरिक व्यायाम के तौर पर हाथ-पैर चलाता रहता था। अब वैक्सीन लग गई है। काफी हद तक सुरक्षित महसूस कर रहा हूं।

सुभाष, 73 वर्ष

वर्जन

सीनियर सिटीजन अपने टीकाकरण को लेकर बेहद उत्सुक नजर आ रहे हैं। यह बेहद खुशी की बात है कि सभी बूथ पर सीनियर सिटीजन अपना टीकाकरण करवा रहे हैं। निश्चित ही उन्हें टीकाकरण का फायदा मिलेगा। वैक्सीन सौ प्रतिशत सुरक्षित है। इस बात ध्यान रखना होगा कि अपने दूसरे डोज को लगवाना बिल्कुल भी न भूले।

डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ