- तैयारियां शुरू, 28 मार्च को मनाया जाएगा पर्व

GORAKHPUR: गुनाहों से तौबा और मगफिरत (माफी) की रात शब-ए-बरात की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रविवार को शाबान माह के चांद की तस्दीक हुई थी। 28 मार्च को शब-ए-बरात मनाया जाएगा। शहर की मस्जिदों एवं कब्रिस्तानों को रोशन किया जाएगा। इस दिन बड़ी संख्या में लोग पूरी रात इबादत करने के साथ कब्रिस्तान में पूर्वजों की मगफिरत के लिए दुआ करते हैं। कोरोना की वजह से पिछले साल मस्जिद नहीं जा सके थे। कब्रिस्तान भी बंद थे।

शाबान की 14 को शब-ए-बरात

इस्लामिक कैलेंडर के शाबान माह की 14 तारीख को शब-ए-बरात मनाया जाता है। शब-ए-बरात का अर्थ छुटकारे की रात से है। इस रात की बहुत अहमियत है। शब यानि रात, यह रात इबादत की रात है और अपने गुनाहों से माफी मांगी जाती है। बहुत से लोग इस दिन रोजा भी रखते हैं। इस दिन उन लोगों के लिए भी दुआ की जाती है जो दुनिया से विदा हो चुके हैं। उनके नाम पर गरीबों को खाना खिलाया जाता है। घरों में चने की दाल या सूजी का हलवा बनता है, जिसे बांटा जाता है। मौलाना जुनैद अहमद ने बताया कि इस रात की बहुत अहमियत है इसलिए फिजूल के कामों में वक्त बर्बाद करने के बजाय इबादत पर जोर देना चाहिए।