-लॉकडाउन में बंद रहा बिजनेस, संचालक परेशान

-शादी-विवाह में शहनाई का अलग महत्व

GORAKHPUR:

शादियों में शहनाई बजाने वालों को कोरोना काल में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को कामकाज ठप होने से परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में वर्कर्स ने खर्च चलाने के लिए अन्य व्यवसाय की ओर रूख कर लिया है।

लोग नहीं दे रहे एडवांस

शहनाई संचालक गफ्फार अहमद ने बताया कि लॉकडाउन के बाद मई में 25 लग्न की बुकिंग हुई थी। लेकिन जैसे- जैसे लॉकडाउन आगे बढ़ता गया बुकिंग भी कैंसिल हो गई। जो बुकिंग थी वह नवंबर-दिसंबर के लगन में आ गई। वहीं, इस समय बुकिंग तो मिल रही है लेकिन आगे हालात कैसे रहेंगे इसके डर से लोग एडवांस नहीं दे रहे हैं। जिससे काफी समस्याएं आ रही है।

आठ हजार बुकिंग का चार्ज

लॉकडाउन के दौरान मई-जून में 25 बुकिंग मिले थे। वहीं, अप्रैल माह में आठ बुकिंग हुई थी। लेकिन ये सभी बुकिंग या तो कैंसिल हो गए या फिर पोस्टपोन करा लिए गए। जिससे डेली का खर्च निकालना मुश्किल हो गया था। मजबूरी में वर्कर्स की छुट्टी कर दी गई। अब लग्न शुरू होने पर उन्हें फिर से बुलाया जा रहा है। ताकि बिजनेस फिर से रफ्तार पकड़ सके।

बुकिंग में बार्गेनिंग

मुन्नू भाई शहनाई वाले ने बताया कि पहले जहां साधारण शहनाई की बुकिंग पर आठ हजार रुपए आसानी से मिल जाते थे। वहीं, अब पांच हजार रुपए भी देने को लोग तैयार नहीं होते है। आलम तो यह है कि लोग बुकिंग का एडवांस पैसा तक नहीं देना चाह रहे हैं। जिससे हम लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

कोट

लॉकडाउन में हम लोग पूरी तरह से टूट चुके हैं। लग्न की कमाई से ही परिवार का खर्च चलता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते सबकुछ खत्म हो गया। उम्मीद है कि आगामी लग्न में अच्छी कमाई होगी। जो पहले की बुकिंग थी, वही काम रह गया है। नए काम नहीं मिल रहे हैं।

गफ्फार अहमद, शहनाई

शहनाई की बुकिंग कराने कम लोग आ रहे हैं। जो आ भी रहे हैं वह रेट में बार्गेनिंग कर रहे हैं। जबकि साधारण दिनों में एक बुकिंग का हम लोग आठ हजार रुपए चार्ज करते हैं। छह वर्कर टीम से जुड़े रहते हैं। उनका खर्च और डेली की दिहाड़ी देनी होती है। अनलॉक के बाद थोड़ी उम्मीद जगी है कि कमाई होगी।

मुन्नू भाई, शहनाई