गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके लिए शहरी क्षेत्रों में स्थित बिजली विभाग के अनुपयोगी सबस्टेशन पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालन करने का शासन ने डिसीजन लिया है। इन जमीनों पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, बैंक, डाकघर और अन्य व्यावसायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। शासन की तरफ से डीएम को निर्देश जारी कर ऐेसे सबस्टेशन के बगल में अनुपयोगी जमीनों का ब्यौरा मांगा है। वहीं, जिला प्रशासन ने बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को निर्देशित किया है।

प्राइम लोकेशन वाली जमीनों पर हो सकता है निर्माण

दरअसल, यह योजना भारत सरकार की योजना रेलवे और अन्य विभागों की खाली पड़ी जमीनों पर बड़े कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनवाने जैसी ही है। वहीं, पॉवर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने अभी सिर्फ 400, 220 और 132 केवीए उन सारे सबस्टेशन का ब्यौरा मांगा है। जो प्राइम लोकेशन पर हैं। इस सूचना के साथ ही इन सबस्टेशनों के पास उपलब्ध अनुपयोगी भूमि का ब्यौरा प्रबंधन ने तलब किया है। प्रबंधन ने अपने आदेश में सिर्फ इतना ही लिखा है कि अनुपयोगी जमीनों को कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, बैंक, डाकघर आदि भवनों के निर्माण में लिया जा सकता है।

घाटे से गुजर रहा पॉवर कारपोरेशन

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, अनुपयोगी जमीनों को लीज पर भी लिए जाने की बात चल रही है। फिलहाल पॉवर कॉर्पोरेशन अभी यह नहीं बता रहा है कि अनुपयोगी भूमि निजी संस्थाओं को लीज पर दी जाएगी या फिर बेची जाएगी। वहीं इस बात की भी चर्चा है कि बिजली कंपनियां खुद इस पर निर्माण करवा सकती हैं। वहीं बिजली विभाग के एक जिम्मेदार आफिसर ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि बिजली विभाग करीब एक लाख करोड़ के घाटे से गुजर रहा है।