- आपरेशन तमंचा में रोजाना हो रही असलहों की बरामदगी

- युवाओं से लेकर आपराधिक गैंग के पास तमंचे, फैक्ट्री और सप्लायर लापता

<- आपरेशन तमंचा में रोजाना हो रही असलहों की बरामदगी

- युवाओं से लेकर आपराधिक गैंग के पास तमंचे, फैक्ट्री और सप्लायर लापता

GORAKHPUR:GORAKHPUR: जिले में असलहों का भौकाल कम नहीं हुआ है। यूथ से लेकर आपराधिक गैंग के पास असलहों की भरमार है। देसी कट्टा हो या पिस्तौल, पुलिस की बरामदगी में यह सच सामने आ रहा है। पुलिस के आपरेशन तमंचा में क्0 दिनों के भीतर क्फ् असलहे पुलिस बरामद कर चुकी है। हालत यह है कि औसतन रोज एक असलहे की बरामदगी जिले में पुलिस कर रही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ये असलहे कहां से आ रहे? कौन है जिसने प्रसाद की तरह सभी को असलहे मुहैया करा दिए हैं। असलहे तो असलहे, कारतूस भी बड़े आराम से लोगों तक पहुंच रहा है। एक पखवारे के भीतर हुई कार्रवाई में अभी तक किसी सप्लायर को पुलिस अरेस्ट नहीं सकी है। इसलिए सवाल खड़ा होता है आखिर ये असलहे कहां से आते हैं।

वीडियो वायरल होने पर सामने आई हकीकत

लॉकडाउन के बीच शादी समारोहों में आर्केस्ट्रा डांस के दौरान असलहों संग डांस करते हुए खूब वीडियो वायरल हुए। खोराबार और बड़हलगंज के अलावा आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आए। इसके अलावा असलहों संग सेल्फी और सोशल मीडिया पोस्ट भी पुलिस को मिली। इसके आधार पर जब सीनियर पुलिस अफसरों ने कार्रवाई का निर्देश दिया तो पुलिस हरकत में आई। एडीजी ने जोन के सभी जिलों की पुलिस को आपरेशन तमंचा चलाने को कहा। तभी से जिले में असलहों की बाढ़ सी आ गई है।

क्0 दिन में क्फ् असलहे हुए बरामद, सप्लायर लापता

आपरेशन तमंचा के तहत पुलिस ने क्0 दिनों के भीतर क्फ् असलहे बरामद किए हैं। बरामद किए गए आ‌र्म्स में देसी तमंचा से लेकर पिस्टल तक शामिल है। पुलिस कार्रवाई से यह बात तो साफ हो चुकी है जिले में तमंचे की खेप खूब छिपी हुई है। लेकिन असलहे कौन लेकर आया है। कहां से से युवाओं और अपराधियों तक पहुंच रही है। इसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है।

गोला और गगहा में मिल चुकी है फैक्ट्री

जिले में तमंचे बनाने की फैक्ट्री भी चलती है। पूर्व में पुलिस की कार्रवाई में झंगहा एरिया के टमठा, गोला और गगहा एरिया असलहा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी है। वर्ष ख्0ख्0 के मार्च माह में पुलिस ने गगहा में असलहा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी। इसके बाद ख्ब् जून को कार्रवाई में गोला एरिया में तमंचा बनाने की फैक्ट्री मिली। इन दोनों कार्रवाई के बाद कोई बड़ा एक्शन नहीं हो सका। हाल के दिनों में ना तो कोई सप्लायर पकड़ा जा सका है। न ही जिले में कोई फैक्ट्री मिली।

क्0 दिन में क्फ् से अधिक अवैध असलहे बरामद हुए हैं।

- बरामद असलहों में पिस्टल और देसी तमंचे शामिल।

- जिले में अधिकांश शातिरों के पास अवैध असलहे मौजूद है।

- लूट, मर्डर सहित अन्य घटनाओं में यह बात सामने आ चुकी है।

- पिस्टल से लेकर देसी कट्टा तक धड़ल्ले से यूज किया जा रहा है।

- मुंगेर और आजमगढ़ से भी असलहों की खेप गोरखपुर पहुंचती है।

- ख्भ् सौ से लेकर पांच हजार तक में देसी तमंचा मिल जाता है।

- पिस्टल और रिवॉल्वर के लिए क्0 हजार से अधिक कीमत चुकानी पड़ती है।

- पुलिस की मुठभेड़ सहित अन्य घटनाओं में अवैध असलहा यूज करने की बात सामने आई है।

कारतूस का भी हिसाब-किताब

अवैध असलहों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एडीजी जोन अखिल कुमार ने निर्देश जारी किए हैं। जोन के सभी जिलों में ऑपरेशन तमंचा चलाकर कार्रवाई को कहा है। एडीजी का निर्देश आने के बाद से पुलिस हरकत में आई है। ऑपरेशन तमंचा के तहत करीब-करीब रोज ही बरामदगी की जा रही है। एडीजी ने कहा है कि असलहों की फैक्ट्री हो सकती है, लेकिन कारतूस नहीं बनाए जा सकते हैं। बदमाशों को कारतूस कहां से, कैसे मिलते हैं। इसकी भी छानबीन भी जारी है।

ऑपरेशन तमंचा के तहत कार्रवाई जारी है। असलहों के साथ पकड़े गए लोगों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई जारी है। अवैध असलहों का कारोबार करने वाले कतई बख्शे नहीं जाएंगें। जल्द ही उन पर शिकंजा कस जाएगा।

- दिनेश कुमार पी, एसएसपी