गोरखपुर (ब्यूरो)। मामले को लेकर सोमवार को भी गहमा-गहमी बनी रही। यह बात भी सामने आई कि बाहरी समझकर ही एसएचओ ने मनीष और उसके साथियों को टारगेट किया। इसके पीछे अवैध वसूली करने की नीयत की भी चर्चा हो रही है। इस मामले में जिले के पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

एक हफ्ते पूर्व होटल में हुई घटना, एसआईटी कर रही जांच

27 सितंबर को मनीष गुप्ता अपने साथियों संग गोरखपुर आए थे। वह अपने दोस्त प्रदीप सिंह और हरवीर सिंह के साथ रामगढ़ताल के होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे। रात करीब साढ़े 12 बजे एसएचओ जेएन सिंह, एसआई अक्षय कुमार मिश्रा, एसआई विजय यादव और तीन अन्य के साथ होटल की चेकिंग करने पहुंचे। इस दौरान रिसेप्शन पर मिली डिटेल के आधार पर पुलिस ने हरियाणा और कानपुर का एड्रेस देखकर चेकिंग की शुरुआत मनीष के कमरे से की। इस दौरान पुलिस ने जब बेल बजाई तो हरवीर ने दरवाजा खोला। उस समय प्रदीप और मनीष सो रहे थे। हरवीर ने अपनी आईडी दिखाई। मनीष को जगाया तभी रात में चेकिंग को लेकर बात बिगड़ गई। आरोप है कि पुलिस ने हरवीर को पीटते हुए कमरे से बाहर कर दिया। जबकि मनीष को इतना पीटा कि ब्लीडिंग होने से उसकी जान चली गई। इस मामले में एसएसपी ने एसएचओ जगत नारायण सिंह, एसआई अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और प्रशांत कुमार को सस्पेंड कर दिया। इस मामले में जेएन सिंह, अक्षय मिश्रा और विजय यादव के खिलाफ नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।

लोकल दोस्तों से एसआईटी ने की पूछताछ, देर शाम तक चली जांच

घटना की तह तक पहुंचने के लिए गोरखपुर आई कानपुर एसआईटी हर पहलू पर जांच कर रही है। सोमवार दोपहर मनीष के गोरखपुर में रहने वाले दोस्त चंदन सैनी, राणा चंद और धनंजय त्रिपाठी से एसआईटी ने पूछताछ की। करीब पौने दो बजे उनको होटल में बुलाया गया। इसके बाद सवा पांच बजे तक हर बिंदु पर टीम ने जानकारी ली। होटल के कर्मचारियों से भी एसआईटी घटना के तथ्य जुटा रही है। मनीष के दोस्तों के अलावा कुछ अन्य लोगों से भी टीम ने बातचीत की। देर शाम तक जांच पड़ताल चलती रही।

ऐ मेरे दोस्त लौट के आजा बिन तेरे जिंदगी अधूरी है

मनीष की जान पहचान गोरखपुर के रहने वाले चंदन सैनी से थी। मनीष की घटना के बाद से चंदन और उनके अन्य साथी काफी टूट गए हैं। हरियाणा के हरवीर और प्रदीप सिंह, कानपुर के मनीष संग मिलकर सभी ने घूमने-फिरने का प्लान किया था। 27 सितंबर को मनीष और उनके दोस्त गोरखपुर आए थे। मंगलवार को रामगढ़ताल, गोरखनाथ मंदिर सहित अन्य जगहों पर घूमने जाने का प्लान था। मनीष की मौत से दोस्त काफी गमजदा हंै। घटना से वह इतने आहत हैं कि मनीष की बात करते ही उनकी आंखों से आंसू निकल जा रहे हैं। दोस्तों का कहना है कि मनहूस घड़ी में दोस्तों को बुला लिया।

पहले भी होटल में ठहरे परदेसियों को डकैत बताकर जेल भेज चुकी है रामगढ़ताल पुलिस

रामगढ़ताल पुलिस ने 11 जुलाई की रात रामगढ़ताल एरिया महेवा बंधा कटनिया, गायघाट के पास से आठ लोगों को अरेस्ट किया। पुलिस ने दावा किया कि पकड़े गए युवक डकैती डालने के लिए गोरखपुर आए थे। इनमें बस्ती, मुरादाबाद, नौतनवां, गुजरात, बांदा और कैंपियरगंज के लोग शामिल थे। पुलिस ने बताया कि सभी शातिर किस्म के हैं। पुलिस ने उन सभी को अलग-अलग होटलों से उठाकर चालान किया था। एक सवाल में तब यह बताया गया कि सभी अपराधों केा अंजाम देते हैं। इस वजह से यह भी कहा जा रहा है कि बाहरी लोगों को जानबूझकर रामगढ़ताल एसएचओ टारगेट करते थे।

घटना से संबंधित छानबीन की जा रही है। जांच में सभी बिंदुओं को समाहित किया जा रहा है। इसकी रिपोर्ट तैयार करके जल्द से जल्द शासन को सौंप दी जाएगी।

आनंद कुमार, एसीपी- एसआईटी प्रभारी