गोरखपुर(ब्यूरो)।27 सितंबर की रात करीब साढ़े 12 बजे कानपुर के रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरियाणा के हरबीर और प्रदीप संग गोरखपुर आए। तीनों ने तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 को बुक कराया था। हरियाणा और कानपुर के संदिग्ध युवकों के ठहरने की सूचना पर एसएचओ जगत नारायण सिंह समेत छह पुलिसकर्मी जांच करने पहुंचे। होटल के कर्मचारी संग टीम कमरे में पहुंची। रात में तलाशी और जांच-पड़ताल करने पर मनीष ने आपत्ति जताई। इस दौरान हुए विवाद के बाद मनीष की मौत हो गई थी। आरोप है कि एसएचओ और उनके साथ मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने मनीष को इस कदर पीटा कि उनकी जान चली गई। पुलिस ने कभी मनीष के बेड से गिरने तो कभी उनके भागने के दौरान एक्सीडेंट के शिकार होने का हवाला दिया। इस मामले में मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने तीन नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया। मीनाक्षी की मांग पर शासन ने इसकी जांच कानपुर की एसआईटी को सौंप दी।

सीन बनाकर घटना की तह तक पहुंचने की कोशिश

एसीपी आनंद तिवारी, एडीसीपी वेस्ट बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एडीसीपी रवीना त्यागी और दो सीनियर सब इंस्पेक्टर संग टीम शनिवार दोपहर बाद गोरखपुर पहुंची। गोरखपुर में घटना की जांच कर रहे एसपी क्राइम सहित अन्य पुलिस कर्मचारियों से पूरी जानकारी ली। इसके बाद करीब चार बजकर पांच मिनट पर टीम के सदस्य होटल कृष्णा पैलेस पहुंचे। वहां कानपुर से आई फॉरेसिंक टीम और गोरखपुर की फॉरेसिंक टीम संग जांच शुरू कर दी। होटल के ऑनर, कर्मचारियों से बातचीत करके जानकारी ली। साथ ही होटल के कमरे से लेकर लॉबी, गैलरी, सीढ़ी सहित अन्य जगहों पर सघन जांच करते हुए सबूत जुटाए। टीम ने घटना का सीन रिक्रिएट करके तह तक पहुंचने का प्रयास किया।

एक नजर में एसआईटी इंवेस्टिगेशन

शाम करीब 4 बजे एसआईटी होटल में पहुंचीं। वहां अधिकारियों ने छानबीन की।

होटल को टीम ने पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया, जांच टीम के अतिरिक्त किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी।

होटल के सामने सड़क पर भी पब्लिक की आवाजाही रोकी दी गई। लोकल पुलिस को सड़क तक सीमित रखा गया।

होटल के मेन गेट पर कानपुर से आई पुलिस टीम के कांस्टेबल तैनात रहे। सीनियर अधिकारियों की इजाजत पर ही एंट्री मिली।

गोरखपुर की तरफ से की गई जांच, घटना से संबंधित दस्तावेज और सबूतों को टीम ने अपने कब्जे में लेकर पूछताछ की।

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