-हर डिवीजन में आ रही बिल अधिक आने की समस्या

-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मुहिम पर आने लगे कॉल

-बिल अधिक आने की सबसे ज्यादा आ रही शिकायत

GORAKHPUR: शहर में स्मार्ट मीटर लगने के बाद सबसे ज्यादा अधिक बिल की शिकायत आ रही है। यह हमारे समझ के परे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है समझ में नहीं आ रहा है। जबकि जो पहले उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे थे, अब भी वही उपयोग किए जा रहे हैं। इसके बावजूद भी बिल अधिक आ रहा है। जबकि इसकी शिकायत अधिकारियों के पास की गई, लेकिन कोई सॉल्युशन नहीं मिला। यह कहना है रेल विहार के रहने वाले एके घोष का, जिनकी परेशानी अब तक दूर नहीं हो सकी है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के मोबाइल फोन पर ऐसी तमाम शिकायत आई। इस सवाल का जवाब स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसी के एक्सपर्ट से लिया गया।

सवाल- वन

एके घोष रेल विहार फेज वन का कनेक्शन नंबर 2682712000 हैं। हर महीने बिजली का बिल नहीं मिलता है। हमें अक्सर बिल के लिए बिजली कार्यालय जाना पड़ता है। ऐसे में हम क्या करें।

रिपोर्टर- इसके बारे में जब स्मार्ट मीटर लगाने वाली एलएंडटी कंपनी के एक्सपर्ट से बात की गई तो सवाल का जवाब मिला कि सिस्टम में एरर आने की वजह से बिल जनरेट नहीं हो पा रहा है। इस दशा में संबंधित अफसर से संपर्क कर मीटर की फीडिंग कराने के बाद बिल मिलना शुरू हो जाएगा।

एके घोष- ऑफिस का कई बार चक्कर लगाया कंप्लेन भी किए फिर भी बिल नहीं मिल रहा।

रिपोर्टर- आप को बिल के लिए सीधे एक्सईएन या स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसी से संपर्क कर अपनी प्रॉब्लम दर्ज कराए। तत्काल आप का समाधान हो जाएगा।

सवाल-टू

विनोद सिंह राप्तीनगर कनेक्शन नंबर जीपी 2682712017 हैं। जबसे स्मार्ट मीटर लगा है, तबसे बिल अधिक आ रहा है। शिकायत करने पर कोई समाधान नहीं होता है। इस दशा में क्या करें?

रिपोर्टर- बिजली का बिल अधिक आ रहा है तो चेक मीटर लगवाएं। इसके लिए कंज्यूमर को 175 रुपए शुल्क जमा करना होगा।

विनोद सिंह-चेक मीटर के लिए भी आवेदन कर चुका हूं। इसके बाद भी समाधान नहीं हो पा रहा है।

रिपोर्टर- चेक मीटर के लिए प्रॉपर वे में आवेदन नहीं किया गया है।

अविनाश घोष कंपनी - मेरे घर में स्मार्ट मीटर लगा है। पहले पुराने मीटर से 1500 से 2000 का बिल हर महीने आता था। जबसे स्मार्ट मीटर लगवाया है। बिजली का बिल 10 हजार रुपए आ रहा है। ऐसे में क्या करें?

रिपोर्टर- उपकेंद्र पर पहुंच कर इसकी लिखित शिकायत करें। साथ ही चेक मीटर के लिए निर्धारित शुल्क जमा कराएं। आप की कंफ्यूजन दूर हो जाएगा।

इन कमियों से बढ़ता है बिल -

- बिजली विभाग के मीटर सेक्शन एक्सपर्ट की मानें तो न्यूट्रल तार का ढीला होना खतरे का संकेत है। इससे बिजली की खपत भी ज्यादा होती है।

- पुरानी फिटिंग और पुराने स्विच हमेशा ऑन मोड में न हो।

- जीरो वॉट का बल्ब भी हमेशा जलता हुआ न छोड़े।

- लोकल कंपनी का इनवर्टर, बैट्री इस्तेमाल न करें।

- मोबाइल फोन को हमेशा चार्जिग पर लगाकर न छोड़े

- इंडीकेटर का उपयोग हर कमरे में करने से बचें

ऐसा हुआ तो बढ़ जाएगी मुश्किल -

- सुनिश्चित करें की मीटर की सील से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।

- मीटर के पूर्व केबिल में ज्वाइंट न होना सुनिश्चित करें

- यह भी चेक कर ले कि मीटर के पहले कोई कटआउट या चेंज ओवर नहीं लगा है।

- मीटर की स्पीड स्लो करने के लिए शंट या रिमोट नहीं लगा है।

- चेक कर लें कि स्वीकृत भार से ज्यादा का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

- कटे हुए कनेक्शन को बिना बकाया जमा कराए, चालू न करें

- पड़ोसी को बिजली बेचना, खरीदना या फर्जी हलफनामा देकर कनेक्शन लेना।

कैसे लगवाया जा सकेगा चेक मीटर?

मीटर रीडिंग को लेकर कंफ्यूजन है और कंज्यूमर इसे चेक करना चाहता है तो उसे संबंधित उपकेंद्र जाकर चेक मीटर लगवाने के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए वह सीधे एक्सईएन या एसडीओ के ऑफिस जाएं और उनको अप्लीकेशन दें। इसके साथ सिंगल फेस और थ्री फेस कनेक्शन के लिए 175 रुपए का फिक्स चार्ज जमा करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद चेक मीटर इंस्टॉल कर दिया जाएगा। इसका दूसरा तरीका भी हे। इसके लिए उपकेंद्र के जिम्मेदार अधिकारी के सरकारी वॉट्सएप नंबर पर एप्लीकेशन भेजना होगा।

स्मार्ट मीटर को लेकर यदि कंज्यूमर्स को कंफ्यूजन है तो वह निर्धारित 175 रुपए शुल्क जमा कराकर चेक मीटर अपने परिसर में लगवा सकता है। इससे पता चल जाएगा कि एक महीने में कितना बिजली का बिल आ रहा है।

- ई। यूसी वर्मा, एसई शहर