-विभागों पर शिकंजा कसने के लिए बिजली निगम ने बनाया प्लान

- सरकारी विभागों के स्मार्ट मीटर हो जाएंगे प्रीपेड

-समय से बकाया नहीं जमा किए तो गुल हो जाएगी डिपार्टमेंट की बत्ती

- बकायेदारी वसूली के लिए विभाग ने चारों डिवीजन को दिए निर्देश

GORAKHPUR:सरकारी विभागों में अब बकाएदारी आगे नहीं बढ़ेगी। विभागों पर लगे स्मार्ट मीटर को प्री-पेड में बदला जाएगा। इससे बिल जमा करने में इंटरेस्ट न दिखाने वाले विभागों को लापरवाही का खामियाजा खुद ही भुगतना पड़ेगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि 117 विभागों पर करीब 22 करोड़ रुपए की बकाएदारी है। जिसे वसूलने के लिए बिजली विभाग कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत स्मार्ट मीटर वाले सरकारी विभागों की लिस्ट बनाई जा रही है। प्री-पेड मीटर हो जाने के बाद विभाग बिना रिचार्ज कराए बिजली नहीं जला पाएंगे। इससे बिजली निगम को लगातार राजस्व मिलेगा और बकाया वसूली के लिए नोटिस देने में होने वाली झंझट से भी छुटकारा मिल जाएगा।

27 सौ से ज्यादा बकाएदार

शहर के सभी चार डिवीजन में पिछले साल स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत हुई थी। स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा एलएंडटी कंपनी को सौंपा गया। 56 हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शहर में स्मार्ट मीटर वाले 27 सौ से ज्यादा बकाएदार लगातार कई महीने से बिजली का बिल नहीं जमा कर रहे हैं। इसमें सरकारी विभाग भी शामिल हैं। बिजली निगम ने इनकी लिस्ट तैयार कर ली है। सबसे ज्यादा 5.67 करोड़ रुपए सिर्फ पुलिस डिपार्टमेंट पर बाकी हैं। इसके अलावा शिक्षा विभाग, हेल्थ विभाग, डाक विभाग, संयुक्त आयुक्त, शस्त्र सीमा बल आदि कई विभाग हैं, जो बिजली निगम के बकाएदार हैं और इन्होंने लंबे समय से बिल नहीं जमा किया है।

डिवीजन सरकारी डिपार्टमेंट बकाया रुपये

फ‌र्स्ट 60 07 करोड़ से ज्यादा

सेकेंड 10 2.40 करोड़

थर्ड 24 12.40 करोड़

फोर्थ 20 1.15 करोड़

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इन डिपार्टमेंट पर ज्यादा बकाएदारी

- पुलिस लाइंस-5.67 करोड़

- पुलिस लाइंस कैंपस बस स्टैंड के बगल- 95.11 लाख

- यूनिवर्सिटी- 1.26 करोड़

- वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पैडलेगंज-1.39 करोड़

- वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट कांशीराम आवास के पास-1.39 करोड़

- जिला अस्पताल-4.87 लाख

- जिला महिला अस्पताल में 100 बेड -26.92 लाख

- मुख्य भवन दीवानी कचहरी- 68.26 लाख रुपए

बकाया न जमा करने वाले स्मार्ट मीटर वाले सरकारी विभागों और कंज्यूमर्स को प्रीपेड में बदलने की तैयारी की जा रही है। स्मार्ट मीटर में ऐसी सुविधा है। इसके बाद विभाग पहले रुपए रीचार्ज करेंगे और फिर बिजली जलाएंगे। ऐसा करने से बिजली विभाग के राजस्व में इजाफा होगा। हालांकि 15 मार्च तक बकाया बिल वसूल लिया जाएगा। इसके लिए विभागों से संपर्क किया जा रहा है।

- देवेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर