गोरखपुर (ब्यूरो)। देश के प्रमुख होम्योपैथी चिकित्सकों में शुमार है गोरखपुर का बनर्जी परिवार। बनर्जी परिवार में सबसे पहले गोरखपुर में डॉ। अमूल्य रतन बनर्जी ने होम्योपैथिक चिकित्सा के जरिए मरीजों की सेवा शुरू की थी। उनके बाद उनके सुपुत्र डॉ। हेमंत बनर्जी ने चिकित्सा को छोड़कर कोई दूसरा काम नहीं किया। इसके बाद डॉ। अमूल्य के पौत्र डॉ। राम रतन बनर्जी ने इस कार्य को आगे बढ़ाना शुरू किया। यह परिवार शुरू से ही पेशेंट्स से फीस लेने का पक्षधर नहीं रहा। इसीलिए वह आज भी बिना फीस के ही पेशेंट्स को देखते हैं। इनकी इच्छा है कि वे अंतिम सांस तक पेशेंट्स की सेवा करते रहें। डॉ। बनर्जी के पास देश ही नहीं विदेशों से भी लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। होम्योपैथी चिकित्सा बनर्जी परिवार के ब्लड में है। इसीलिए डॉ। राम रतन बनर्जी, डॉ। रचना बनर्जी, डॉ। रूप कुमार बनर्जी, डॉ। सौम्य रतन बनर्जी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

डिलीवरी के बाद गिफ्ट करती हैं पौधा

डॉ। मधु गुलाटी पेशे तो डॉक्टर हैं, मगर इसके साथ एक एन्वायरमेंटलिस्ट भी हैं। वह रोज लगभग 15 पौधे गिफ्ट करती हैं और साथ ही जब भी किसी की डिलीवरी होती है तो उसके साथ एक पौधा गिफ्ट करती हैं। पौधा देने का मकसद येे रहता है कि जैसे आप अपने बच्चे की देखभाल करते हैं ठीक वैसे ही इस पौधे की भी करेंगे तो यह आपको ही ऑक्सीजन देगा। डॉ। गुलाटी यह काम पिछले 15 साल से कर रहीं हैं। इन्होंने अभी तक हजारों पौधे गिफ्ट किए हैं और लगाए भी हैं। इनके घर की छत से लेकर आगे-पीछे तक पौधे ही पौधे हैं।

दांव पर लगाई जिंदगी, करते रहे कोविड टेस्ट

बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट हेड डॉ। अंबरेश सिंह ने कोविड काल में जान की फिक्र किए बिना लाखों जांचें कीं। इसमें उनकी टीम ने भी पूरा सहयोग किया। मेडिकल कॉलेज में 24 मार्च 2020 से आरटीपीसीआर की टेस्टिंग शुरू हुई थी। कोविड की पहली वेव में 3,30,138 जांच की गईं, जिसमें 8532 लोगों में कोविड की पुष्टि हुई। सेकेंड वेव में 8 जिलों से कुल 11,67,176 सैंप्लस में से 15,922 पॉजिटिव पाए गए। नमूने धनात्मक पाये गये। इस दौरान वे खुद भी बीमारी की चपेट में आ गए, मगर फोन के माध्यम से टेस्टिंग की समीक्षा करते रहे।

क्यों मनाया जाता है नेशनल डॉक्टर्स डे?

नेशनल डॉक्टर्स डे हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है। इस खास दिन पर वेस्ट बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री बिधान चन्द्र राय को याद किया जाता है। बिधान चन्द्र राय देश के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ एक डॉक्टर भी थे। आजादी के बाद उन्होंने अपना सारा जीवन लोगों के लिए चिकित्सा सेवा में समर्पित कर दिया। इन्हीं की स्मृति में ही इंडिया में नेशनल डॉक्टर्स डे 1 जुलाई को मनाया जाता है। नेशनल डॉक्टर्स डे का थीम 'Family Doctors on the Front Line' रखा गया है।