- एक बार बिल जमा करने पर कई महीनों का हो जा रहा है भुगतान

- अफसर व कर्मचारियों की लापरवाही से ऑनलाइन बिलिंग को लग रहा झटका

GORAKHPUR: बिजली विभाग की कंज्यूमर्स को दी गई ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा, कंज्यूमर्स लिए दुविधा का सबब बन गई है। ऑनलाइन पेमेंट पर जोर दे रहे विभाग को सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी से जहां चपत लग रही है, वहीं कंज्यूमर्स भी बिल की प्रॉब्लम को लेकर विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी का ताजा मामला बक्शीपुर डिवीजन का है, जहां तीन कंज्यूमर्स ने 31 मार्च को बिजली 8100 रुपए बिजली बिल का पेंमेंट सीएससी के जरिए किया। ऑनलाइन बिलिंग सॉफ्टवेयर ने उनकी रकम को एक से अधिक बार क्रेडिट कर 83 हजार रुपए दर्ज कर दिए। इससे तीनों कंज्यूमर्स के बिल माइनस में चले गए। इससे जहां कंज्यूमर्स को बिल सही कराने के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है।

जोन में 130 मामले आए सामने

ऑनलाइन बिलिंग सॉफ्टवेयर सिस्टम में गड़बड़ी का एक-दो केस नहीं है, बल्कि ऐसे माइनस में जाने वाले जोन के 130 कंज्यूमर्स विभाग और सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी का खामियाजा उठा रहे हैं। जिनका ऑनलाइन बिल जमा होने के बाद बिल माइनस में चला गया है। कंज्यूमर्स ने इसकी शिकायत बिजली निगम के अफसरों से की है। लेकिन गड़बड़ी पकड़ में न आने की वजह से इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिम्मेदारों का कहना है कि इसका सुधार किया जा रहा है।

हाईपावर कमेटी के सामने पहुंचा मामला

कंज्यूमर्स की कंप्लेन पर एक्सईएन, एसडीओ व एईआर ने ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम की जांच की। जब गड़बड़ी नहीं पकड़ में आई तो चीफ इंजीनियर कार्यालय के एईआईटी को अवगत कराया। वह भी इस खामी नहीं पकड़ सके। तो एक्सईएन यदुनाथ राम ने पूर्वाचल वितरण निगम के एमडी कार्यालय के मुख्य अभियंता कामर्शियल को पत्र लिखा। वहां से मामला शक्तिभवन को भेजा गया है। निगम की हाईपावर कमेटी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर इस तकनीकी की गड़बड़ी को पकड़ने की कोशिश में जुटे हैं। प्रदेश भर के अन्य वितरण खंडों में भी इस तरह के मामले खोजे जा रहे हैं।

केस वन - बक्शीपुर एरिया के महावीरपुरम कॉलोनी की दीपाली घोष ने लॉकडाउन के बीच कनेक्शन नंबर -69022122000 पर 31 मार्च को सीएससी के जरिए से 3115 रुपए बिजली बिल जमा कराए। सीएससी संचालक ई-वॉलेट के जरिए से बिल जमा कर उन्हें रसीद पकड़ा दी। ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम ने दीपाली घोष के एकाउंट आईडी पर वह राशि 13 बार क्रेडिट कर 45,695 रुपए जमा दिखाए। उनका बिल 37266 रुपए माइनस हो गया। जून में जब काउंटर पर बिल जमा करने पहुंची तो कर्मचारी ने बताया की आप का एडवांस पैसा जमा है। इसकी शिकायत एक्सईएन और एसडीओ से की।

केस टू -बक्शीपुर एरिया की रागिनी श्रीवास्तव ने 30 मार्च को कनेक्शन नंबर-4618312000 का बिजली बिल 1915 रुपए सीएससी के जरिए से जमा किया। ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम ने बिल नौ बार क्रेडिट कर दिया और रागिनी के अकाउंट आईडी पर 17235 रुपए जमा हो गए। रागिनी का बिल भी माइनस में हो गया।

केस थ्री- दीवान बाजार के गण्ेाश प्रसाद ने भी 30 मार्च को 3117 रुपए सीएससी के जरिए से जमा किए। संचालक ने उन्हें रसीद दी। लेकिन ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम ने उनके एकाउंट आईडी पर यह रकम सात बार क्रेडिट की। इससे उनके एकाउंट आईडी पर भी 21829 रुपए जमा हो गए। गणेश का बिल भी माइनस में बन रहा है।

ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम के सॉफ्टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण ई-वॉलेट से आए पेमेंट को एक से अधिक बार सिस्टम ने दर्ज कर लिया है। साफ्टवेयर का तकनीकी फाल्ट खोजने की कोशिश में निगम की हाई पावर कमेटी लगी है। सूत्रों की मानें तो अब तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी फॉल्ट पकड़ नहीं पाए हैं। उधर सीएससी संचालक का कहना है कि हमारे ई-वॉलेट से एक ही बार पेमेंट हुआ है। खाते से पैसा भी एक ही बार कटा है।

यदुनाथ राम, एक्सईएन डिवीजन सेकेंड बक्शीपुर