गोरखपुर (ब्यूरो)। एसएसपी ने कहा कि पूछताछ के दौरान आरोपित ने खुद को आरटीओ का कर्मचारी बताया है। इस मामले की जांच का निर्देश दिया है। फर्जीवाड़ा सामने आने पर

कार्रवाई की जाएगी।

यह है पूरा मामला, चल रहा वसूली का खेल

महादेव झारखंडी की रहने वाली अलका जायसवाल शुक्रवार को नौसढ़ में अपनी बहन के घर जा रही थीं। कार में उनकी मां और ड्राइवर थे। नौसढ़ में वह पहुंचीं, तभी एक मिठाई की

दुकान पर बच्चों के लिए सामान खरीदने चली गईं। उसी समय एक व्यक्ति पहुंचा, जिसने कार की फोटो खींच ली। अलका जब मिठाई लेकर लौटीं तो फोटो खींचने वाले ने खुद को

एसएसआई बताया। फोटो दिखाकर कहा कि कार का चालान हुआ है। पांच हजार रुपए दीजिए। अलका ने आपत्ति जताते हुए रुपए देने के बजाय उस व्यक्ति का आई कार्ड मांग

लिया। इतनी देर में वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। बहाने बनाकर आरोपी व्यक्ति वहां से चला गया। मामला उजागर होने पर एसएसपी ने मामले की जांच का निर्देश दिया। अवैध

वसूली करने वाले व्यक्ति ने खुद को आरटीओ का एसएसआई बताकर पुलिस कर्मचारियों को झांसा दे दिया है।

हमने वीडियो देखा है। खुद को एसएसआई बताने वाला व्यक्ति हमारे डिपार्टमेंट का नहीं है। विभाग में यह पदनाम नहीं है। इस संबंध में एसएसपी को अवगत कराया जाएगा। अवैध

वसूली करने वाले के खिलाफ कार्रवाई होगी।

बीके सिंह, एआरटीओ इंफोर्समेंट

मामले की जांच का निर्देश दिया गया है। जांच के आधार पर वसूली करने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर