- रामगढ़ताल झील के पास कोरोना पेंडमिक में आत्म निर्भर भारत का झलक रहा दृश्य

- इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के पढ़ाई के बाद जॉब छोड़ कर रहे इनोवेटिव बिजनेस, दे रहे आईडिया

GORAKHPUR: गोरखपुर का नौका विहार टूरिस्ट हब बनता जा रहा है। न सिर्फ गोरखपुराइट्स की पहली पसंद बनती जा रही है। बल्कि गोरखपुर व आसपास जिले से आने वाले लोगों एक बार नौका विहार पर आना नहीं भूलते, जो एक बार आ जाता है। उसे यहां की खुबसूरती दोबारा आने वाले मजबूर कर देती हैं। लेकिन कोरोना पेंडमिक से पहसे का दृश्य और आज की डेट में नौका विहार का दृश्य में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। नौका विहार में जहां मनोरम दृश्य के साथ-साथ लजीज व्यंजन की भरमार लगी है। वहीं इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई कंप्लीट कर जॉब छोड़ स्ट्रीट कम व्हील फूड कार्ट में खुद का कॅरियर बना रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि हर किसी के स्टॉल का जहां नाम एकदम डिफरेंट हैं। किसी ने चार पहिया गाड़ी को मॉडिफाई कर लाखों रुपए का बिजनेस स्टार्ट किया है, तो किसी ने घर में पड़ी दो पहिया गाड़ी को मॉडिफाई करवाकर अपना फूड कार्ट खोल लिया है।

टूरिस्ट प्लेस के साथ-साथ बेहतर है रोजगार के अवसर

कोरोना पेडमिक में बहुत से लोगों की नौकरी चली गई। जिसकी नौकरी बची भी थी, तो सैलरी कट कर मिल रही थी। कोरोना पेंडमिक में जहां वर्क फ्रॉम का कल्चर डेवलप किया, जूम पर मीटिंग आयोजित किया। वहीं होम डिलीवरी के जरिए बेहतर बिजनेस का भी आईना दिखाया। घर छोड़कर दूसरे शहर में नौकरी करने से बेहतर अपने शहर में स्टार्ट करना और इसे आगे बढ़ाकर अपने शहर को बेहतर शहर के रूप में प्रेजेंट करने का ख्वाब पूरा करने के लिए गोरखपुर के युवाओं ने ठान ली है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने जब नौका विहार पर इंजीनियरिंग और मैनेजर की पढ़ाई के बाद नौकरी छोड़ स्टार्ट अप के राह को बेहतर फ्यूचर बताया।

बाक्स में

आकर्षित कर रहा नौका विहार

सीएम सिटी बनने के बाद से ही गोरखपुर में बदलाव दिख रहे हैं। आउटर में जहां रिंग रोड से शहर की खूबसूरती को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं सिटी के सड़कों का सौंदर्यीकरण भी जोरशोर से किया जा रहा है, लेकिन गोरखपुर का जुहू चौपाटी कहा जाने वाला रामगढ़ताल के जेटी प्वाइंट पर बनाए गए सेल्फी जोन और खूबसूरत नजारा लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है। यहां आने वाले युवाओं को भी रोजगार की तमाम संभावनाएं नजर आ रही हैं। स्टार्ट अप के तहत हर कोई अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बिजनेस का हब मान रहा है। आने वाले दिनों में एक तरफ जहां नौका विहार को एक विकसित टूरिस्ट प्लेस के रूप में देखा जा रहा है। वहीं चिलुआताल को दूसरे टूरिस्ट प्लेस के रूप में देखा जा रहा है।

मैंने बीटेक किया है। मैं नोएडा में साफ्ट वेयर इंजीनियर की पोस्ट पर नौकरी कर रहा था। लेकिन कोरोना पेंडमिक में सेलरी कट कर आने लगी तो स्टार्ट अप करने का ठाना। उसके बाद दिमाग में आया कि क्यों न कुछ अलग किया जाए। इसके लिए मैंने अपने घर के पुराने बुलेट को मॉडिफाई करवाकर उसी से नॉन वेज का बिजनेस स्टार्ट किया। इसका नाम मैने बुलेट वीवी क्यू रखा है। डेली सुबह से शाम तक मैं नौका विहार अपनी बुलेट लगाता हूं। मेरे इस काम के लिए तीन सपोर्टर हैं। इन्हें भी रोजी रोटी मिली है।

शिवम पांडेय, ऑनर बुलेट वीवी क्यू

मैं एचडीएफसी बैंक में डिप्टी मैनेजर के पद पर काम करता था। मेरा वर्किग प्लेस लखनऊ था। चूंकि गोरखपुर का रहने वाला हूं। इसलिए मैने स्टार्ट अप के तहत अपनी बहन जूही पांडेय और फ्रेंड के अक्षय द्विवेदी के साथ मिलकर फूड कार्ट खोला हैं। जिसमें चाय पिलाने का काम करते हैं। इसका नाम चायम रखा है। चायम चूंकि संस्कृत शब्द से लिया गया है। इसलिए यह नाम हम लोगों के बिजनेस के लिए बेहतर लगा, इसलिए नाम चायम रखा। मेरा दोस्त अक्षय अभी आईडीएफएस फ‌र्स्ट दिल्ली में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्य कर रहा है। लेकिन वह भी अब रिजाइन देने वाला है। नोटिस पीरियड पर है। वह भी बहुत जल्द हमारे इस काम में शामिल हो जाएगा। हमारे चाय की सबसे खास बात यह है कि टेरोकोटा से डिजाइन किया हुआ कुल्हड़ में चाय दिया जाता है।

सूयश पांडेय, चायम

मैंने बीकॉम, एमकॉम के बाद एमबीए किया। उसके बाद मैने मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहा हूं। लेकिन स्टार्ट अप के तहत मैने नौका विहार पे चीमो नाम से अपना फूड कॉर्ट खोला है। इंदिरा नगर में मेरा घर है। वैसे तो आपको सिटी के हर कोने स्ट्रीट वेंडर्स बहुत से मोमोज खिलाएंगे, लेकिन हमारे मोमोज की रेसिपी ही बिल्कुल अलग है। कोरोना पेंडमिक के बाद स्टार्ट अप करने का सोचा। नौकरी का कोई भरोसा नहीं है। ऐसे में यह बेस्ट बिजनेस है। अपने इस बिजनेस को सिटी के हर कोने तक फैलाने की प्लानिंग है।

सूर्य प्रताप सिंह, चीमो

मेरा फास्ट फूड का कारोबार है। मैंने स्ट्रीट कम व्हील वेंडिंग का काम स्टार्ट अप किया है। एमबीए की पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद मैंने फाइंनेस कंपनी में जॉब भी किया, लेकिन जॉब से ज्यादा मुझे खुद का स्टार्ट करना पसंद आया। इसके लिए मैने नौका विहार प्लेस को चुना और यहां अड्डेबाजी नाम से अपने बिजनेस को स्टार्ट किया। काफी फायदा है। नौका विहार जो भी आता है। फास्ट फूड के शौैकीन लोग जरूर आते हैं। नाम थोड़ा यूनिक नहीं होगा तो बिजनेस में मजा नहीं आएगा। आगे की प्लानिंग है कि इस बिजनेस को आगे बढ़ाया जाए। बिजनेस से बेहतर ऑप्शन कोई और नहीं हो सकता है। इसे हम स्ट्रीट वेंडर के बजाय इनोवेटिव स्ट्रीट कम व्हील वेंडर के नजरिए से देखे तो आने वाले दिनों में इसका अच्छा रिस्पांस मिलेगा।

- अमित चंद, अड्डेबाजी