- सोशल मीडिया पर छात्र नेता बन गए एमएलए गोरखपुर

- चंद घंटों में वायरल हुआ मामला, डीएम ने दिए जांच के निर्देश

सोशल मीडिया के जरिए सुर्खियों में रहने वाले पवन सिंह ने एक बार फिर से सनसनी फैलाई है। गुरुवार को पवन सिंह की बदली हुई फेसबुक प्रोफाइल देखकर सोशल मीडिया फ्रेंड्स हैरत में पड़ गए। लोगों को अचानक गोरखपुर में 10वें एमएलए के होने का अहसास होने लगा। फेसबुक पर बनी प्रोफाइल में एमएलए गोरखपुर पवन सिंह भैया लिखकर तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। मजेदार बात है कि प्रोफाइल की फोटो में पवन सिंह के साथ वर्दी में दो पुलिस कर्मचारी गन के साथ खड़े हैं। इससे पवन सिंह के विधायक होने का कंफ्यूजन भी हो रहा है। कुछ दिनों पूर्व पवन सिंह ने 2021 में सीधे जनता के जरिए जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव होने पर खुद के प्रत्याशी होने की मंशा जताते हुए लिखा था कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो उसके बाद 2022 तो है ही। लेकिन जिस प्रोफाइल से मैसेज दिया गया था। वह प्रोफाइल पवन सिंह के नाम से थी।

विधि विशेषज्ञों का कहना है कि जिस पद पर कोई नहीं है। यदि अपने नाम के साथ उसका उपयोग कर रहा है तो पूर्ण रूप से गलत है। विधायक जनता के चुने प्रतिनिधि होते हैं। यह एक संवैधानिक पद होता है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति अपने नाम के आगे-पीछे एमएलए नहीं लिख सकता है। इस मामले में डीएम और एसएसपी ने कहा कि पहले से कोई जानकारी नहीं थी। मामला सामने आया है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

सुर्खियों में रहते पवन, अक्सर आता नाम

गोरखनाथ एरिया के नथमलपुर, कौडि़हवा निवासी पवन सिंह ने यूनिवर्सिटी से स्टूडेंट लीडर के रूप में अपनी राजनीति शुरू की थी। तभी से किसी न किसी वजह से वह सुर्खियों में रहते हैं। कुछ साल पूर्व पवन सिंह ने गोरखपुर और आसपास के जिलों में भारी संख्या में होर्डिग्स लगवा दी थी। इससे उनके नाम को लेकर खूब चर्चा हुई। इसके अलावा कई अन्य मामलों में पवन सिंह का नाम सामने आया। गोरखनाथ थाना में पवन सिंह के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज हुए। 2017 के सितंबर में एक शिकायत पर पुलिस ने पवन सिंह के खिलाफ कार्रवाई की थी। तारामंडल में रहने वाले सच्चिदानंद सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके सहित 35 लोगों से पवन सिंह और उनके भाई ने एक करोड़ 41 लाख रुपए हड़प लिए हैं। इसकी शिकायत पहले सीएम के जनसुनवाई पोर्टल पर हुई। फिर बाद में पीडि़त ने खुद सीएम से मिलकर गुहार लगाई। मामला सामने आने पर सीएम ने कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके बाद ही पवन सिंह और उनके भाई को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था।

सोशल मीडिया पर एक दर्जन से अधिक प्रोफाइल

छात्र नेता पवन सिंह की एक दर्जन से अधिक फेसबुक प्रोफाइल है। इसमें एक फेसबुक प्रोफाइल पर एमएलए गोरखपुर पवन जनसेवक नाम से चलाया जा रहा है। जबकि, एक अन्य प्रोफाइल को एमएलए गोरखपुर पवन भैया के नाम से संचालित किया जा रहा है। दोनों एक कामन फोटो है जिसमें पवन सिंह दो सुरक्षा कर्मचारियों के साथ खड़े आ रहे हैं। एक अन्य प्रोफाइल में पवन सिंह विधायक जी के नाम से भी बनी है। सवाल यह है कि आखिर इस तरह फेसबुक प्रोफाइल से क्या मैसेज देने का प्रयास किया जा रहा है।

वर्जन

किसी पद पर न रहते हुए उस पद का नाम लिखना गलत है। ऐसा बिल्कुल नहीं किया जा सकता है। विधायक का चुनाव जनता करती है। इसलिए हर कोई अपने नाम के आगे-पीछे एमएलए नहीं लिख सकता है। यदि कोई व्यक्ति इस तरह की हरकत जानबूझ कर रहा है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा सकती है।

बीडी मिश्रा, एसपीओ गोरखपुर

यह बात संज्ञान में आई है। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों को चिहिन्त किया जा रहा है।

के विज्येंद्र पांडियन, डीएम गोरखपुर

इस तरह के फेसबुक प्रोफाइल की जांच कराई जाएगी। इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।

जोगेंद्र कुमार, एसएसपी