-कोटा में फंसे हैं गोरखपुर के कई स्टूडेंट

-सीएम की पहल पर कोटा भेजी गई हैं तीन सौ बसें

-बसें जाने की खबर सुनकर बच्चों परिवार की जगी आस

-कोटा में फंसे स्टूडेंट्स से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने की बात

गोरखपुर में जब बच्चा टॉप किया था तब ये नहीं सोचा था कि बच्चा इतना दूर हो जाएगा कि उसे घर आने के लिए भी सोचना पडे़गा। ये पीड़ा है गोरखपुर के स्टूडेंट राहुल गुप्ता की मां पार्वती देवी की है। राहुल ने पिछले साल आरपीएम एकेडमी ग्रीन सिटी में पढ़ते हुए गोरखपुर टॉप किया था। इसके बाद वे आईआईटी की तैयारी के लिए 31 मार्च 2019 में ही कोटा चले गए। तब से राहुल पढ़ाई ना डिस्टर्ब हो इस वजह से गोरखपुर नहीं आया। राहुल के पिता बाबूलाल गुप्ता पुलिस डिपार्टमेंट में हैं। बाबूलाल ने राहुल को लॉकडाउन में कही भी निकलने से मना किया था। लेकिन कोटा में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या देख अब राहुल के माता-पिता किसी भी हाल में उसे गोरखपुर लाना चाहते हैं। यही नहीं कोटा में फंसे स्टूडेंट ने करीब 70 हजार पोस्ट ट्विटर पर डाल सीएम और पीएम से मदद मांगी। जिसके बाद सीएम योगी ने यूपी के फंसे बच्चों को लाने के लिए तीन सौ बसें कोटा भेजने की घोषणा की।

हम सब सामान पैक कर तैयार बैठे हैं

कोटा में फंसे गोरखपुर के स्टूडेंटस अब्दुल हफीज, मनोज, धनंजय, रितेश, अविनाथ, हर्ष गुप्ता ने कहा कि हम लगातार घर वापस आने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन स्थानीय प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा था। बड़ी मुश्किल से कुछ छात्र 27 मार्च को यहां से निकलने में सफल रहे। स्टूडेंट्स ने कहा कि अभी हमें अपने कोचिंग संस्थान की ओर से बस यही सूचना मिली है कि हमारी सरकार बसें भेज रही है। हमें कोचिंग से मैसेज मिला है कि बसें कहां आयेंगी और कब मिलेगी इसकी सूचना जल्द दी जाएगी।

बस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर के स्टूडेंट भी लौटेंगे

तिवारीपुर क्षेत्र के बहरामपुर निवासी गोपाल यादव बस्ती कोतवाली में कान्सटेबल के पद पर तैनात हैं। उनका बेटा अखिलेश यादव लॉकडाउन में साथियों के साथ कोटा में फंसा है। अखिलेश ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि सभी स्टूडेंट्स की सूची प्रशासन द्वारा तैयार की गई है। अलग-अलग जिलों के लोगों को अलग-अलग बस से भेजने की बात है। कान्सटेबल गोपाल यादव का कहना है कि बेटे के साथ बस्ती के करीब 17 बच्चे हैं। सभी साथ लौटेंगे। बेटे को बस्ती में ही रखेंगे। वहीं, महराजगंज सदर निवासी अभय भी वापसी की तैयारी में हैं। पिता ओम प्रकाश लगातार उनके संपर्क में हैं।

ट्विटर पर 70 हजार पोस्ट

कोटा में फंसे स्टूडेंट्स निकलने के लिए हर तरह का प्रयास कर रहे हैं। ट्विटर पर करीब 70 हजार पोस्ट कोटा में फंसे स्टूडेंट्स ने मदद के लिए डाली है।

हम तैयार हैं

परिवहन विभाग में गोरखपुर रीजन के आरएम डीबी सिंह का कहना है कि बसें झांसी, आगरा और आसपास के डिपो से भेजे जाने की सूचना है। गोरखपुर से बसें नहीं भेजी गई हैं। प्रशासन की तरफ से बच्चों को कहीं भेजने की जरूरत होगी तो हम तैयार हैं।