-पेरेंट्स ने खुद से बच्चे का सेशन कर दिया शुन्य

-पिछले साल जिस क्लास में थे बच्चे फिर उसी में पढ़ाएंगे पेरेंट्स

-अधिकत्तर स्कूलों में आ रहे रिपीट पढ़ाई के केस

केस-1

फिर से 3 में पढ़ेगा चिंटू

गोरखनाथ इलाके के रहने वाले अनिल उपाध्याय बेटे चिंटू की ऑनलाइन पढ़ाई से संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए वे अपने बच्चे को फिर से क्लास 3 रिपीट कराने का फैसला किया है। अनिल ने बताया कि कई दिन चिंटू ऑनलाइन पढ़ाई में शामिल हुआ, लेकिन उसके सारे काम हम लोगों को ही करवाने पड़े। यहां तक कि होमवर्क भी आधा-अधूरा ही कर पाता है। उसे भी मुझे या मेरी पत्‍‌नी को ही पूरा करवाना पड़ता था। इसलिए मैंने बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई बंद करा दी और घर पर ट्यूशन मास्टर रख दिया। मुझे लगता है कि मेरा बेटा अभी क्लास 4 में जाने लायक नहीं है, इसलिए मैं उसे दोबारा उसी क्लास में पढ़ाउंगा।

केस-2

बच्चा पढ़ा नहीं किस बात की फीस दूं?

सिविल लाइन एरिया के आंनद श्रीवास्तव ने भी अपनी बेटी स्नेहा को फिर से क्लास फ‌र्स्ट में ही पढ़ाने का फैसला लिया है। आनंद बताते हैं कि शहर के बड़े स्कूल में बच्ची का एडमिशन तो करवा दिया, लेकिन कुछ ही दिन में कोरोना की वजह से स्कूल बंद हो गए। ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से उसकी आंखो में दर्द होता था, इसलिए मैंने उसे घर पर ही पढ़ाना शुरू किया। अब बच्ची का एडमिशन फिर से फ‌र्स्ट क्लास में ही कराना है, लेकिन स्कूल जाने पर वे दो साल की फीस लेंगे, इसलिए अब दूसरी जगह एडमिशन करवा रहा हूं।

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: कोरोना काल में गोरखपुर के स्कूल्स में भले ही हाइटेक अंदाज में ऑनलाइन पढ़ाई चली, लेकिन बहुत से पेरेंट्स इस पढ़ाई से संतुष्ट नहीं हुए। कहीं पढ़ाई बीच में ही छुड़ाने का मामला सामने आया, तो कहीं बच्चों को होने वाली प्रॉब्लम की वजह से पेरेंट्स ने उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई से दूर कर दिया। बच्चे की नींव मजबूत रहे और आगे जाकर उसके कॅरियर पर कोई इफेक्ट न आए, इसलिए पेरेंट्स ने अपने बच्चों को फिर से उसी क्लास में पढ़ाने का डिसीजन लिया है। पिछले साल 2020 में प्राइमरी सेक्शन में पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स ये कठोर डिसिजन उनकी जड़ मजबूत करने के लिए ले रहे हैं। स्कूल प्रबंधन की मानें तो उनके यहां कई केस आ रहे हैं, जिसमे बच्चों के पेरेंट्स उनको उसी क्लास में दोबारा पढ़ाने के लिए कह रहे हैं।

नर्सरी से पांचवी तक में अधिक केस

स्कूल प्रबंधन का कहना है कि नर्सरी से 5वीं क्लास के बच्चों के पेरेंट्स आ रहे हैं, जिनका ये कहना है कि मेरा बच्चा फिर से उसी क्लास में पढ़ेगा। इसका कारण पूछा तो पेरेंट्स ने बताया कि मुझे अपने बच्चे को शुरू से पढ़ाना है एक साल पढ़ाई अगर गैप हो जाएगी, तो उसे भविष्य में कभी पूरा नहीं किया जा सकता है।

फीस की वजह से भाग रहे दूसरे स्कूल

कई पेरेंट्स जो अपने बच्चों को दोबार उसी क्लास में पढ़ाना चाह रहे हैं। वे अपना पुराना स्कूल इसलिए छोड़ दे रहे हैं क्योंकि कहीं उन्हें पिछले साल की भी फीस ना जमा करना पड़े।

1 लाख से अधिक बच्चों ने छोड़ दी पढ़ाई

- बिना इंफॉर्मेशन ऑनलाइन क्लास से गायब हो गए बच्चे।

- 40 परसेंट बच्चों ने नर्सरी में छोड़ दी पढ़ाई।

- 35 परसेंट बच्चों ने 1,2 में छोड़ दी पढ़ाई।

- 35 परसेंट बच्चों ने 3,4 और पांच में छोड़ी पढ़ाई।

- छोटे बड़े प्राइवेट स्कूल- 400

- सरकारी स्कूल-300

स्कूल में करीब पांच परसेंट ऐसे लोग आ रहे हैं, जो ये कह रहे हैं कि मेरा बच्चा फिर से उसी क्लास में पढ़ेगा।

अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन

नर्सरी से क्लास 2 तक के बच्चों के पेरेंट्स ये चाह रहे है कि उनका बेटा पिछले साल की क्लास में ही पढ़ाई करे।

डॉ। सलिल के श्रीवास्तव, डायरेक्टर, जेपी एजुकेशन एकेडमी

बहुत से लोग ऑनलाइन पढ़ाई से संतुष्ट नहीं हुए, इसलिए बच्चे को दोबारा उसी क्लास में पढ़ाने के लिए एडमिशन ले रहे हैं।

कृष्णा मिश्रा, डायरेक्टर, मॉडर्न हैरिटेज एकेडमी