- परिजनों और छात्रों के शोरशराबे के चलते नहीं हो सका अंतिम संस्कार

- नगर विधायक बोले- एंटी मार्टम इंज्युरी मौत की वजह

GORAKHPUR:

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के होम साइंस डिपार्टमेंट के स्टोर रूम में फांसी पर लटकी मिली युवती के मामले में रविवार को सियासत गरमा गई। युवती को मारकर बॉडी को लटकाने का आरोप लगाते हुए दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की गई। नगर विधायक डॉ। राधा मोहनदास अग्रवाल ने मौत की वजह एंटी मार्टम इंज्युरी बताई। कांग्रेस नेता पीडि़ता के घर पहुंचे और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रिेशन पर आरोप मढ़े। दिनभर के विवाद पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मान-मनौवव्वल करते रहे।

पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिग

शिवपुर, सहबाजगंज मोहल्ला निवासी विनोद की बेटी प्रियंका (19) शनिवार को होमसाइंस का एग्जाम देने यूनिवर्सिटी गई थी। दोपहर में उसकी बॉडी होमसाइंस डिपार्टमेंट के स्टोर रूम के पास दुपट्टे के फंदे से झूलती मिली। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे सुसाइड बताया। कैंट पुलिस ने बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। रविवार तड़के करीब तीन बजे छात्रा का पोस्टमॉर्टम कराया गया। दो डॉक्टरों की टीम ने वीडियो रिकार्डिग करते हुए पोस्टमॉर्टम किया। उन्होंने जहां इसे सुसाइड बताया। वहीं, छात्रा के घर पहुंचे नगर विधायक डॉ। राधा मोहनदास अग्रवाल ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर एंटी मार्टम इंज्युरी से दम घुटने से मौत की बात कही। इसके अतिरिक्त एसएचओ गुलरिया विनोद अग्निहोत्री ने इस बात को दोहराया। इससे लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। इसके बाद छात्रा के पिता विनोद ने कैंट थाना पहुंचकर तहरीर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

दोबारा पोस्टमॉर्टम की उठी मांग

उधर, युवती की बॉडी का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने की मांग को लेकर लोग परिजनों को रविवार देर शाम तक घेरे रहे। परिजनों ने भी दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग उठाई। उनके समर्थन में मोहल्ले के लोग भी आ गए। विभिन्न दलों के नेताओं और पदाधिकारियों ने परिजनों से मिलकर मुआवजा दिलाने, मर्डर के लिए आरोपित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। भीड़ जुटने की वजह से छात्रा के घर पर पुलिस फोर्स की तैनाती भी बनी रही। दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की वजह से छात्रा का अंतिम संस्कार नहीं हो सका।

तनाव की सूचना पर फोर्स तैनात

तनाव की सूचना पाकर पुलिस अधिकारी पहुंच गए। इस बीच पीडि़त के घर छात्रा की मौत में आरोप लगाते हुए नेताओं का जमावड़ा शुरू हो गया। लोगों ने परिवार को मुआवजा दिलाने, जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने सहित अन्य मांग उठने लगीं। माहौल को देखते हुए पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। देर शाम तक परिजनों से अंतिम संस्कार कराने की बात चलती रही। देर शाम परिजनों ने मांग पत्र देते हुए सोमवार सुबह दाह- संस्कार करने की बात कही। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली। सुरक्षा के लिए मौके पर फोर्स तैनात कर दी गई है ।

यूनिवर्सिटी प्रशासन पर बरसीं निर्मला

पीडि़त के घर पहुंचीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर दोष मढ़ा। उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवार से मिलने यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार नहीं पहुंचे। यह तानाशाही की पराकाष्ठा है। निर्मला के साथ महानगर अध्यक्ष आशुतोष तिवारी, तौकीर आलम, रोहन पांडेय, अनिल द्विवेदी, प्रवीण पासवान, प्रभात पांडेय सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

परिजनों से की मुलाकात

यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ छात्र नेता मनीष ओझा ने छात्रा के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रकरण की सीबीसीआईडी जांच के लिए सोमवार को डीएम को पत्र सौंपेंगे। छात्रा के घर पहुंचे विजय श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव, भास्कर चौधरी, बादल चतुर्वेदी, अनिल दुबे, आलोक सिंह, मनीष गौतम, शांति भवानी, सुनीता चौधरी, सुरेश भारती ,वीरेन्द्र राजभर, धीरेन्द्र प्रताप, सुरेंद्र बाल्मीकि ,स्नेह लता गौतम सहित तमाम लोगों ने धरना भी दिया। लोकतांत्रिक जनता दल के शिवपुर सहबाजगंज स्थित कैम्प कार्यालय में बैठक करके घटना पर गहरा दुख जताया गया। सपा का प्रतिनिधिमंडल भी पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचा।

इधर, वीसी ने बनाई जांच कमेटी

डीडीयूजीयू में छात्रा की मौत के मामले में वीसी ने जांच का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के रिटायर जांच की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम प्रकरण की जांच करेगी। कमेटी में रिटायर जज, एक कार्य परिषद सदस्य के साथ यूनिवर्सिटी के दो अन्य अधिकारी शामिल होंगे। जांच कमेटी हर बिंदु पर अपनी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी प्रशासन को उपलब्ध कराएगी। छात्रा की मौत पर वीसी प्रोफेसर राजेश सिंह ने दुख जताया। उन्होंने चीफ प्रॉक्टर से कहा है कि पुलिस की हरसंभव मदद की जाए। असिस्टेंट रजिस्ट्रार को छात्रा के परिवार से बात करके सहयोग करने का निर्देश भी दिया है। इसके अलावा छात्रों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग के लिए सभी विभागाध्यक्ष और डीन को हर हफ्ते सप्ताह में एक बार अलग-अलग दिन यूजी-पीजी और पीएचडी के स्कॉलर्स से मिलने और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए कहा है।