गोरखपुर (ब्यूरो)। सस्पेंड प्रो। कमलेश गुप्ता ने बीए फस्र्ट ईयर के कुल 32 स्टूडेंट की क्लास ली। जमीन पर बैठे प्रो। कमलेश एक तरफ जहां जयशंकर प्रसाद की कामायनी का आशा सर्ग पढ़ाया। वहीं, स्टूडेंट्स ने भी अपने डाउट्स क्लीयर किए। कमलेश गुप्ता ने बताया कि पं। दीन दयाल उपाध्याय के आदर्श पर चलते हुए मैंने अपने शिक्षक होने का धर्म निभाया है, इसलिए मेरा धर्म बनता है कि इन स्टूडेंट्स की पढ़ाई जारी रहे।

प्रो। कमलेश दूसरे दिन मिला भरपूर समर्थन

सत्याग्रह आंदोलन के दूसरे दिन प्रो। कमलेश गुप्ता ने दोपहर 2 बजे प्रशासनिक भवन स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के पास पहुंचकर फिर से सत्याग्रह किया। इस दौरान उनके समर्थन में शिक्षक, पूर्व शिक्षक, पूर्व व वर्तमान स्टूडेंट नेताओं के अलावा करीब 100 से अधिक स्टूडेंट शामिल हुए।

नहीं मिला लिखित नोटिस

वीसी प्रो। राजेश कुमार सिंह ने जिन सात शिक्षकों को नोटिस जारी किया है। उन्हें कारण बताओ नोटिस अब तक नहीं मिला है। जिन सात शिक्षकों को नोटिस दिए जाने का दावा एक दिन पहले यूनिवर्सिटी के कुलसचिव द्वारा दावा किया गया था, उनमें प्रो। अजेय गुप्त, प्रो। चन्द्रभूषण अंकुर और प्रो। उमेश नाथ त्रिपाठी ने दावा किया कि उन्हें यूनिवर्सिटी की तरफ से बुधवार तक कोई कारण बताओ नोटिस नहीं मिली है। ऐसे मेें कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।

कार्यपरिषद में उठेगा मामला?

कार्य परिषद सदस्य व इतिहास विभाग के प्रो। चन्द्रभूषण अंकुर ने बताया कि कार्य परिषद से अनुमोदन की प्रत्याशा में प्रो। कमलेश गुप्त का निलंबन किया गया है। इस मुददे को कार्य परिषद में लाना होगा। उस समय कार्य परिषद में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

प्री-पीएचडी स्टूडेंट्स का धरना 13वें दिन भी जारी

डीडीयू के सत्र 2019-20 के प्री-पीएचडी के स्टूडेंट्स की ओर से मेन गेट पर दिया जा रहा शांतिपूर्ण धरना 13वें दिन भी जारी रहा। स्टूडेंट्स के मुताबिक वे चाहते हैं कि वर्ष 2018 के अध्यादेश का पूरी तरह पालन करते हुए उनके एग्जाम कराए जाएं, लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इसके लिए तैयार नहीं है। उन्होंने बुधवार को एक बार फिर दोहराया कि जब तक उनकी मांगें मान नहीं ली जातीं, तब तक वे वापस नहीं लौटेंगे। इस संबंध में स्टूडेंट्स का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को कमिश्नर ऑफिस भी गया, पर उनसे मुलाकात नहीं हो सकी, जिसके बाद उनके ऑफिसमें ज्ञापन देकर वापस धरनास्थल पर लौट आया।