गोरखपुर (ब्यूरो)। क्राइम ब्रांच के साथ-साथ घटना के पर्दाफाश में क्राइम ब्रांच की टीम भी लगी है। चार साल से फरार कुख्यात राघवेंद्र के बारे में भी पुलिस को कोई जानकारी नहीं

मिल पा रही। एसएसपी ने कहा कि फरार बदमाशों के खिलाफ इनाम जारी किया जाता है। सूचना देने वाले व्यक्ति को इनाम की राशि दी जाती है।

केस एक : फर्जी पुलिस कर्मचारियों की तलाश जारी

02 नवंबर 2021 : कोतवाली एरिया में हुई टप्पेबाजी की घटनाओं में शामिल आरोपितों को पकडऩे के लिए डीआईजी ने मीटिंग बुलाई थी। उन्होंने कोतवाली में मीटिंग करके सूचना

देने वाले व्यक्ति को इनाम देने की बात कही थी। लेकिन अभी तक कोई व्यक्ति गोपनीय सूचना देने के लिए सामने नहीं आया।

केस दो : राघवेंद्र की तलाश में जारी हुआ इनाम

झंगहा एरिया के राघवेंद्र के खिलाफ ढाई हजार का इनाम जारी है। चार मर्डर में फरार चल रहे आरोपित की तलाश में पुलिस नाकाम है। उसका पोस्टर चस्पा करके पुलिस अधिकारियों

ने मोबाइल नंबर जारी किए हैं जिन पर सूचना देने पर ढाई लाख रुपए का इनाम मिलेगा।

केस तीन: गैंगेस्टर ओम प्रकाश की तलाश में जुटी पुलिस

29 अक्टूबर 2021: कैंट एरिया में कई लोगों के रुपए हड़पकर फरार हुए शातिर ओम प्रकाश के खिलाफ पुलिस ने गैंगेस्टर की कार्रवाई की है। उसके खिलाफ दो दर्जन से अधिक

मुकदमे भी दर्ज हो चुकी है। ओम प्रकाश की तलाश में पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम जारी किया है। लेकिन उसके बारे में अभी तक केाई जानकारी नहीं मिल सकी है।

फरार राघवेंद्र की तलाश में खाली हाथ पुलिस

झंगहा एरिया निवासी राघवेंद्र यादव के खिलाफ ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ एक ही परिवार के चार लोगों का मर्डर करने का आरोप है। राघवेंद्र के

पोस्टर थानों पर लगाकर पब्लिक से सूचना देने की अपील की गई है, लेकिन चार साल के भीतर अभी तक ऐसा कोई व्यक्ति सामने नहीं आया जो राघवेंद्र के बारे में सूचना देकर

उसकी गिरफ्तारी में पुलिस की मदद कर सके। डीजीपी हेडक्वार्टर से इनाम जारी होने के बावजूद पुलिस खाली हाथ है।

नकली पुलिस वालों का नहीं मिला कोई सुराग

कोतवाली और कैंट एरिया में नकली पुलिस वाले असली पुलिस कर्मचारियों के लिए मुसीबत बन गए थे। हाल के दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पूर्व में घटित

करीब एक दर्जन वारदातों में फरार चल रहे नकली पुलिस कर्मचारियों को पकडऩे के लिए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पोस्टर जारी किए गए थे। इनके बारे में सूचना देने वाले

व्यक्ति को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा हुई। लेकिन इनके बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल सकी। इसके अलावा डिक्की तोड़कर रुपए उड़ाने, कार का शीशा तोड़कर

लोगों को चपत लगाने और मोबिल गिरने की बात कहकर टप्पेबाजी करने वाले भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

डेविना मर्डर कांड से हुई शुरुआत

वर्ष 2020 में शाहपुर एरिया में टीचर डेविना मर्डर कांड सामने आया था। कुख्यात त्रिभुवन सिंह ने लूट के लिए महिला टीचर की हत्या कर दी। कई दिनों तक रंजिश और भूमि विवाद

में मर्डर की वजह तलाशती रही पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जारी किया। तब सामने आया कि कुख्यात त्रिभवुन ने अपने साथी संग मिलकर घटना को अंजाम दिया है। चेन लूट की

फुटेज के आधार पर पुलिस उसे दबोच सकी। इस घटना के बाद से ही सीसीटीवी फुटेज और पोस्टर जारी करके पब्लिक से मदद मांगने के मामलों में तेजी आई।

इस वजह से पब्लिक ने लेती कोई इंटरेस्ट

- पब्लिक के बीच पुलिस का भरोसा पूरी तरह से कायम नहीं है।

- पुलिस को सूचना देने पर लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं।

- सूचना देने वालों की गोपनीयता बरकरार नहीं रहती है।

- कानूनी दावपेंच में उलझने और बवाल के डर से लोग दूर रहते हैं।

फरार चल रहे बदमाशों के खिलाफ इनाम जारी किया जाता है। उनकी गिरफ्तारी के लिए पब्लिक से मदद मांगी जाती है। गोपनीय सूचना देकर पुलिस की मदद करने वालों को इनाम

की राशि दी जाएगी।

डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी