-अंतर जनपदीय ट्रांसफर के तहत गोरखपुर में आए 454 टीचर्स का गुरुवार को भी नहीं हो सका स्कूल अलॉट

-नौकरी छोड़कर पत्‍ि‌न को ज्वाइंन कराने आए हसबैंड, दिनभर बीएसए ऑफिस में खिलाते रहा बच्चा

GORAKHPUR: कंधे पर बच्चा, दूसरे हाथ में फाइल, बीएसए दफ्तर के बाहर कभी धूप तो कभी छांव की तलाश। इन सबके बीच बच्चों का रोना और चिल्लाना और बार-बार घर जाने की जिद्द। यह नजारा था गुरुवार को बीएसए कैंपस का, जहां रोते बच्चे को कभी मम्मी, तो कभी अपनी नौकरी या काम छोड़कर आए हसबैंड, भाई या पिता दुलारते-पुचकारते नजर आए। अंतर जनपदीय ट्रांसफर होकर गोरखपुर आए टीचर्स को दो दिन से काउंसिलिंग के लिए बुला फिर लौटा दिया जा रहा है। इससे परेशान टीचर्स बस यही कह रहे हैं कि आखिर उनके अब और कितना इम्तेहान लिया जाएगा। निदेशालय से सूची ना मिलने के कारण दोनों ही दिन उन्हें लौटा दिया गया। अगले दिन फिर अलॉटमेंट की आस लिए वह घरों को लौट गए।

टॉयलेट के बाहर बैठे गुरूजी

बीएसए दफ्तर के बाहर गुरूवार को सुबह 10 बजे से ही टीचर्स अपने बच्चों और पेरेंट्स के साथ पहुंच गए। थोड़ी देर तो टीचर ने यहां-वहां खड़े होकर समय बिताया, लेकिन जैसे ही सूरज सिर पर आया, तो उन्होंने छांव तलाशनी शुरू कर दी। बीएसए दफ्तर के कैंपस में कहीं बैठने का इंतजाम नहीं मिला, तो कोई पेड़ के नीचे, तो कोई टॉयलेट के बाहर ही छांव देखकर बैठ गया। वहीं जिनके साथ बच्चे थे वे अपने साथ लाए शॉल या चादर बिछाकर नीचे ही बैठ गए। कई ऐसे टीचर भी थे जो अपनी कार या बाइक पर बैठकर समय काटते रहे।

देर शाम आई लिस्ट तो दिव्यांग टीचर को मिला मौका

कुल 454 टीचर्स की काउंसिलिंग होनी है। बुधवार और गुरुवार को 225 टीचर्स को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था। दोनों ही दिन उन्हें दिनभर बीएसए दफ्तर में जैसे तैसे बिताने के बाद बैरंग लौटना पड़ा। गुरुवार को टीचर्स को वापस भेजने के बाद बीएसए ऑफिस में निदेशालय से सूची आ गई। इसके बाद आनन-फानन में कर्मचारियों ने 20 दिव्यांग टीचर्स को कॉल कर काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया। बाकी टीचर्स की शुक्रवार को काउंसिलिंग होगी।

खोराबार और चरगांवा की डिमांड

बाहर से आए अधिकतर टीचर्स की सबसे पहली पंसद खोराबार और चरगांवा है। दोनों ही ब्लॉक सिटी के आस-पास हैं। अधिकतर टीचर का घर शहर के अंदर ही है, इसलिए वे दोनों ही ब्लॉक में स्कूल पाने के लिए लोगों ने खूब जुगाड़ भी लगाने शुरू कर दिए, मगर सभी प्रॉसेस ऑनलाइन होने की वजह से किसी की दाल नहीं गली।

वापस भेजे जाएंगे 16 टीचर

अंतरजनपदीय ट्रांसफर में 16 ऐसे टीचर हैं, जिनकी तैनाती पहले रूरल एरिया में थी। उन्होंने अंतरजनपदीय ट्रांसफर के समय अर्बन एरिया का च्वॉयस लॉक कर दिया। संतकबीरनगर से 10, महाराजगंज से 4, देवरिया और जौनपुर से आए 1-1 टीचर्स को फिर से वापस उसी जिले में भेजा जा रहा है जहां से वे आए थे।

एक-एक टीचर को कम्प्यूटर रूम में बुलाया जाएगा। केवल पांच मिनट लगेगा और स्कूल अलॉट हो जाएगा। निदेशालय से सूची लेट में आई इसलिए टीचर को इंतजार करना पड़ा। अब जल्द ही प्रॉसेस पूरी कर ली जाएगी।

बीएन सिंह, बीएसए