गोरखपुर (ब्यूरो)। वीसी प्रो। कल्पलता पाण्डेय ने कहा कि शिक्षक ही समाज को दिशा देता है, इसलिए उसके भीतर मानवीय गुणों का समावेश होना आवश्यक है। वर्तमान में व्याप्त

यांत्रिकता को मानवीयता में परिवर्तित करने की जरूरत है। अध्यक्षता कर रहे वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा, शिक्षा को अर्थव्यवस्था से जोडऩे की जरूरत है। हमें ऐसी शैक्षिक प्रणाली

की ओर बढऩा, जो बाजार की चुनौतियों का सामना कर सके। बाजार की मांग के अनुरूप शिक्षा प्रणाली को बदलना पड़ेगा, इसे अधिक समृद्ध और वर्धित करना होगा, प्रोफेशनल

कोर्सेज को शुरू करना होगा, तभी शिक्षण संस्थानों का महत्व बना रह सकता है। नई शैक्षिक नीति के अनुरूप सीबीसीएस प्रणाली को समझने और विद्यार्थियों को समझाने की जरूरत

है। यूजीसी एचआरडीसी के डायरेक्टर प्रो। रजनीकांत पांडेय ने कहा, उच्च शिक्षा के नियम एवं अनुशासन को समझने के लिए गुरु-दक्षता कार्यक्रम जैसे प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

प्रोग्राम के समन्वयक प्रो। अजय कुमार शुक्ला ने फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में प्रकाश डाला। प्रोग्राम का संचालन डॉ। मनीष पाण्डेय ने किया। इस

दौरान विभिन्न यूनिवर्सिटी एवं कॉलेजों से पार्टिसिपेट करने वाले टीचर्स ऑनलाइन जुड़े रहे.्र

प्री-पीएचडी कोर्स वर्क एग्जाम आज से

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्री-पीएचडी कोर्स वर्क सत्र 2019-20 के एग्जाम की शुरुआत शुक्रवार से होगी। पहले दिन फस्र्ट पेपर रिसर्च मैथोडोलॉजी का होगा। वहीं, 9 जनवरी को कंप्यूटर

एप्लीकेशन का एग्जाम दोपहर 1-4 बजे तक दीक्षा भवन में होगा। यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर बने साइकिल स्टैंड में सभी स्टूडेंट को अपने वाहन पार्क करना होगा। कैंडिडेट्स यूनिवर्सिटी के आफिशियल बेवसाइट से एडमिट कार्ड ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। एग्जाम के दौरान कक्ष में मौजूद सभी को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन, मॉस्क लगाना अनिवार्य होगा। कक्ष में सभी कैंडिडेंट्स सेनेटाइजर ले जा सकते है