- धड़ाम से नीचे आया मैक्सिमम टेंप्रेचर, 24 घंटे में 4 डिग्री गिरावट

- ठंड से गर्म और गर्म से ठंड पड़ने पर बॉडी को टेंप्रेचर मेनटेन करने में होती है प्रॉब्लम

- मौसम के इस अनइवेन चेंज से जकड़ सकती है बीमारी

GORAKHPUR: मौसम के अचानक बदले मिजाज ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ठंड परेशान कर रही है, वहीं सर्द हवाएं मुश्किलों में इजाफा कर रही है। हालत यह हो गई है कि घर से बाहर चलना काफी दूभर हो गया है। महज 24 घंटे में ही 4 डिग्री सेल्सियस टेंप्रेचर में गिरावट देखने को मिली। मौसम के एकाएक बदले मिजाज की वजह से जहां लोगों की बॉडी टेंप्रेचर एडजस्ट न कर पाने की वजह से बीमार बना रही है, तो वहीं जिनको पहले से कोई बीमारी है, उनकी परेशानी और भी बढ़ गई है। डॉक्टर्स की मानें तो ऐसे बदलते टेंप्रेचर में जरा सी भी लापरवाही वायरस और बैक्टिरिया का शिकार बना सकती है। इसलिए जहां तक पॉसिबल हो, खुद को सेफ करके बाहर निकलें। वहीं मॉर्रि्नग वॉकर्स सुबह टहलना अवॉयड करें और बच्चे और बुजुर्ग घरों में ही रहें।

16 डिग्री पहुंच आया मिनिमम

मौसम के तेवर लगातार बदल रहे हैं। ठंड में धीरे-धीरे इजाफा भी हो रहा है। मौसम के इस रुख की वजह से पारे में भी गिरावट देखने को मिल रही है। बुधवार को मैक्सिमम टेंप्रेचर लुढ़कर 16.0 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। मिनिमम टेंप्रेचर भी 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया गया। जिम्मेदारों की मानें तो आने वाले दिनों में भी मौसम का रुख यूं ही बना रहेगा। मैक्सिमम टेंप्रेचर में थोड़ा इजाफा हो सकता है, जबकि मिनिमम टेंप्रेचर थोड़ा डाउन होगा। वहीं कोहरा यूं ही परेशान करता रहेगा।

वायरस का घर बनी ह्यूमन बॉडी

मौसम का मौजूदा हाल पेशेंट्स के लिए तो काफी खतरनाक है। जो बीमार नहीं हैं, उन्हें भी इसे हलके में नहीं लेना चाहिए। मौसम का मिजाज लगातार चेंज हो रहा है, ऐसे चेंज से वायरस काफी तेजी से बढ़ गई है। इस ग्रोथ में ह्यूमन बॉडी एक वेक्टर के तौर पर वर्क करने लगती है। बाहर के टेंप्रेचर को मेनटेन करने के लिए वाइरस ह्यूमन बॉडी का इस्तेमाल करते हैं और अपनी लाइफ स्टाइल को मेनटेन करते हैं। मगर लगातार बदल रहे टेंप्रेचर में बॉडी खुद टेंप्रेचर मेनटेन करने में नाकाम है, जिसकी वजह से लोग लगातार बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

टेंप्रेचर डिफरेंस बढ़ा सकता है परेशानी

मौसम की उठा-पटक का असर भी गोरखपुराइट्स पर पिछले कुछ दिनों से साफ नजर आ रहा है। सुबह और शाम के टेंप्रेचर चेंज की वजह से बच्चे-बूढे़ लोगों के साथ ही दमा और कार्डिएक पेशेंट्स की परेशानी बढ़ गई। एटमॉस्फियर में पॉल्युशन पार्टिकिल्स के साथ ही ओस और हवा लोगों पर एक साथ अटैक कर रही है, जिसकी वजह से सांस लेने की प्रॉब्लम के साथ ही गला चोक, दम घुटने जैसे कई केसेज सामने आ रहे हैं। जिसे दिखाने के लिए लोगों की लंबी लाइन अस्पतालों के बाहर लगी नजर आई।

इन्हें होती है ज्यादा प्रॉब्लम

8 साल से छोटे बच्चे

50 साल से ज्यादा बड़े व्यक्ति

दमा पेशेंट्स

कार्डिएक पेशेंट्स

यह होती है प्रॉब्लम

- एलर्जी

- फीवर

- नाकों में जलन

- वायरल इंफेक्शन

- मिजल्स

- वूफिंग कफ

- स्किन रैशेज

- खुजलाहट

क्या बरतें सावधानी

- पूरे शरीर को ढंक कर चलें जिससे म्वाइस्ट एयर न कॉन्टैक्ट होने पाए

- धूप निकलना शुरू न हो जाए तब तक बाहर निकलना अवाइड करें।

- ढके बदन और नाक मुंह पर कपड़ा बांधकर ही वॉकिंग के लिए जाएं।

- सिर पर टोपी लगाएं।

- फुल स्लीव्ज के कपड़े और टोपी का इस्तेमाल करें।

- गाड़ी चलाते वक्त हेलमेट पहने जिससे दोनों ही कंडीशन में बचा जा सके।

- कोई प्रॉब्लम हो रही है, तो चिकित्सक की सलाह लें।

- बच्चों को खुले में न टहलाएं और कवर किए रहे।

कुछ यूं बदला है मौसम का मिजाज

डेट मैक्सिमम मिनिमम

9 दिसंबर 19.0 16.0

8 दिसंबर 23.0 15.0

7 दिसंबर 25.0 13.0

6 दिसंबर 25.6 11.8

5 दिसंबर 26.09 21.1

4 दिसंबर 26.03 12.3

3 दिसंबर 27.04 12.2

2 दिसंबर 26.06 11.8

1 दिसंबर 27.02 10.9

टेंप्रेचर में यह उठापटक जारी रहेगी। अब मिनिमम टेंप्रेचर में आगे और गिरावट दर्ज होगी। आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ेगी, धूप की तपिश कम होती जाएगी। सुबह और देर शाम को कोहरा भी रहेगा।

- जेपी गुप्ता, रीजनल डायरेक्टर, आईएमडी लखनऊ

टेंप्रेचर चेंज होने की वजह से पेशेंट्स की तादाद काफी बढ़ी है। मौसम का जिस तरह से रुख है, इसमें जरा सी भी लापरवाही बीमार बना सकती है। बाहर निकलते वक्त स्वेटर और जैकेट तो पहने ही, साथ ही सर को भी ढंक कर चलें। वहीं कोई भी बीमारी हो तो खुद दवा लेने के बजाए डॉक्टर्स की सलाह के बाद ही मेडीटेशन लें।

- डॉ। संदीप श्रीवास्तव, फिजिशियन