गोरखपुर (ब्यूरो)। यही वजह रही कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पर बसों में रियल्टी चेक किया तो हकीकत सामने आई।

तार से बांध दिया पार्ट

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बस के ड्राइवर से रोडवेज की जुगाड़ टेक्नोलॉजी के बारे में पड़ताल की। सभी पाट्र्स जुगाड़ के सहारे नजर आए। किसी में फॉग लाइट खराब हाल में मिली तो कईयों में ऑल वेदर लाइट को तार से बांधकर किसी तरह से काम चलाया गया। इतना ही नहीं बस के बैक लाइट भी पूरी तरह से टूट कर अलग हो गए थे। ऐसे में घने कोहरे की वजह से बस को चलाने में परेशानी लाजमी है।

कोहरे में घातक ये सफर

गोरखपुर बस स्टेशन पर खड़ी दर्जनों बसों की पड़ताल करने के दौरान सामने आया कि अधिकतर बसों में अभी तक ऑल वेदर लाइटें ही नहीं लगाई गई है। साथ ही दर्जनों बसों में वाईपर तक नहीं लगा है। यह दोनों ही उपकरण कोहरे में सुरक्षित बस संचालन में काफी सहायक होती है। इसके बाद भी रोडवेज अफसरों ने इसकी जरूरत नहीं समझी।

मेनटेनेंस में होती है लापरवाही

गोरखपुर वर्कशॉप के एक रोडवेज कर्मचारी ने बताया कि रूट से आने के बाद ड्राइवर बसों का मेंटीनेंस देखने वाले फोरमैन को बस की सभी खामियों को बताता है। इसके बाद उन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। कुछ खामियों को जुगाड़ से सही कर दिया जाता है, जोकि कुछ दिनों के बाद फिर खराब हो जाती है। मेनटेनेंस के लिए ज्यादा जोर देने पर ड्राइवर्स को कई बार बस चलाने के लिए ही नहीं दी जाती है।

केस 1-

रविवार को बस्ती से गोरखपुर पैसेंजर्स को लेकर आ रही रोडवेज की बस खलीलाबाद स्थित हाईवे के डिवाइडर में जा टकराई। इस दौरान बस में 40 से अधिक पैसेंजर्स सवार थे। संयोग ठीक था कि इस दौरान कोई पैसेेंजर्स चोटिल नहीं हुआ। मिली जानकारी के अनुसार कोहरे की धुंध की वजह से ड्राइवर को कुछ नहीं दिखाई दिया। इसलिए बस डिवाइडर में जा टकराई।

केस 2-राष्ट्रीय राजमार्ग 29 पर रविवार की सुबह बड़हलगंज से गोरखपुर की ओर जा रही पैसेंजर्स से भरी बस चवरियां के पास सड़क पर खड़े डंपर में टकरा गई। हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि धुंध की वजह से ड्राइवर को कुछ नहीं दिखाई दिया। जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। बस में 50 पैसेंजर्स सवार थे।

ज्यादातर बसों में ऑल वेदर लाइट लगाई गई है। जिनमें नहीं लगे हैं उनमें लगाया जा रहा है, वहीं जो खराब हैं उन्हें ठीक कराया जा रहा है। साथ ही जिन बसों के बैक लाइटें टूट गई हैं। उस भी ठीक कराया जा रहा है।

- एके मिश्रा, एआरएम गोरखपुर डिपो