5000 से अधिक दुकानें हैं शाहमारूफ में

50 हजार के करीब रोज पहुंचते हैं लोग

20 हजार से अधिक वाहन पहुंचते हैं यहां

20 हजार से अधिक है एरिया की आबादी

05 बड़ी मार्केट कनेक्ट होती हैं यहां से

-शाहमारूफ एरिया में आग से निपटने का इंतजाम मिला जीरो

-आम दिनों में पैदल चल पाना भी होता है मुश्किल, नहीं मिलता रास्ता

arunkumar@inext.co.in

GORAKHPUR: सिर्फ दो घंटे की मामूली सी आग से शाहमारूफ में शुक्रवार को सबकी सांसें टंग गई थीं। शनिवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम यहां हालात का जायजा लेने पहुंची। जो सीन देखने को मिला, उसमें अगर यहां कभी आग लगने की घटना होती है तो बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में इस मार्केट में आग से निपटने के प्रॉपर इंतजाम नहीं मिले। वहीं इस एरिया में पॉपुलेशन डेंसिटी इतनी ज्यादा है कि यहां तक दमकल की गाडि़यां भी नहीं पहुंच सकेंगी।

हमेशा बना रहता खतरा

-500 मीटर से ज्यादा के रेडियस में फैला यह मार्केट काफी घना है।

-यहां एक तरफ बिसाता की दुकानें हैं तो दूसरी ओर शादी के सामान मिलते हैं।

-शाहमारूफ में जूते, चप्पले, प्लास्टिक के सामान, खिलौने, फूल, घड़ी सहित अन्य दुकानें लगती हैं।

-यहां बने मकानों में हर तरफ दुकान और गोदाम नजर आएगा।

-सामान सस्ता मिलने की वजह से इस एरिया में फुटफालिंग भी ज्यादा है।

जान बचाने को नहीं मिलेगा रास्ता

-मार्केट में हर तरफ भीड़ रहती है। कई जगहों से तो दो लोग पैदल नहीं निकल सकते हैं।

-ऐसी जगहों से साइकिल, रिक्शा, ठेला निकालने की कोशिश होती है।

-दुकानों पर ग्राहकों की भीड़, कर्मचारियों का रेला और संकरी गलियां बड़ा हादसा होने पर मुसीबत का सबब बन सकती हैं।

-घनी आबादी में दुकानें हैं। सभी दुकानों का गोदाम भी बना है।

-छोटी-बड़ी दुकानों पर कितने लोग काम करते हैं। इसका कोई अंदाजा नहीं।

-गलियों में पैदल चलने की जगह नहीं बचती है। खाली जगहों पर व्हीकल खड़े होते हैं।

-दुकान से लेकर बाहर तक सामान फैला रहता है।

-रिक्शा, दोनों तरफ से बाइक और साइकिल, ठेले की आवाजाही से जाम लगता है।

सुरक्षा के इंतजाम मिले जीरो

-मार्केट में असुरक्षित ढंग से बड़े-बड़े गोदाम बनाए गए हैं। सुरक्षा के इंतजाम नहीं है।

-आग बुझाने के लिए कहीं पर भी वाटर हाइड्रेंट नहीं लगे हैं।

-दुकानों पर फायर इंस्टीग्यूशर की संख्या काफी कम है।

यहां पैदल चलना भी मुश्किल

घंटाघर से पांडेयहाता रोड

घंटाघर से हॉल्सीगंज मोहल्ला रोड

घंटाघर से रायगंज-अलहदादपुर मोहल्ला रोड

घंटाघर से रेती चौक

वर्जन

यह मार्केट काफी पुरानी है। यहां दुकानों की तादाद बढ़ती जा रही है। गोदाम भी बने हैं। इसलिए जाम की नौबत रहती है। कोई भी आराम से नहीं निकल सकता।

संतोष कुमार, शॉप कीपर

इस रोड को चौड़ा करने की बात चल रही है। यदि ऐसा हुआ तो आने वाले दिनों में थोड़ी राहत मिल जाएगी। तब आवाजाही के लिए रास्ता हो जाएगा।

-विनोद कुमार, शॉप कीपर

पार्किग की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए यहां पर जहां जगह मिलती है। लोग वहीं पर गाड़ी खड़ी कर देते हैं। ग्राहकों की भीड़ होने पर जगह नहीं बचती है।

-दिनेश कुमार, शॉप कीपर

यहां अक्सर कोई न कोई घटना होती रहती है। लेकिन फिर सबकुछ नॉर्मल हो जाता है। सबकी पुरानी दुकाने हैं। यहां से कोई अपना बिजनेस दूसरी जगह पर कैसे शिफ्ट कर सकता है।

-सुरेश कुमार, शॉप कीपर

आग लगने पर प्रॉब्लम खड़ी होती है। फायर विभाग की गाड़ी नहीं पहुंच पाती। कई बार लंबा पाइप लगाना पड़ता है। इसलिए कोई समुचित प्रबंध होना चाहिए।

-मुन्ना अग्रवाल, शॉप कीपर

दुकानदार अपने सामान को ज्यादा दूर गोदाम में रख भी तो नहीं सकते। दिन के समय सामान को गोदाम से ले आने पर प्रॉब्लम होती है।

-अमित दास, शॉप कीपर