गोरखपुर (ब्यूरो)। रोडवेज एडमिनिस्ट्रेशन ने ऐसे करप्ट संविदा कंडक्टर्स के खिलाफ मुहिम छेड़ी है, जिसमें बिना टिकट सफर कराने वाले कंडक्टर्स पर लगाम कसने की तैयारी की गई है। इसकी जद में वह पैसेंजर्स भी आएंगे, जिन्होंने टिकट नहीं बनवाया है या उनकी डेस्टिनेशन का टिकट नहीं होगा। इसलिए अगर आपको कंडक्टर टिकट नहीं दे रहा है तो उससे टिकट जरूर लें और इसकी सूचना भी जिम्मेदारों को दें।

पकड़े गए 100 से अधिक मामले

पैसा कमाने के लिए कंडक्टर पैसेंजर्स को बैठा रहे हैं। टिकट के दाम से कुछ कनसेशन कर उन्हें टिकट नहीं दे रहे हैं। ऐसे में पैसेंजर्स भी मुंह बंद कर अपना सफर पूरा कर रहे हैं, जबकि संविदा पर तैनात कंडक्टर अपनी जेबें भर रहे हैं। एक महीने के अंदर अब तक ऐसे 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। लांग रूट पर ऐसा करने वालों की संख्या कम है, लेकिन लोकल रूट पर ऐसे ढेरों मामले पकड़े गए हैं। रोडवेज की प्रवर्तन दल की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है फिर भी कंडक्टर्स के अंदर किसी तरह का खौफ नजर नहीं आ रहा है।

बसों में है जबरदस्त भीड़

गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन से लांग और लोकल रूटों की ज्यादातर बसों का संचालन किया जाता है। यहां से संतकबीरनगर, बस्ती, अयोध्या, लखनऊ, कानपुर, दिल्ली आदि रूटों के लिए बसें चलाई जाती है। वहीं लोकल रूट देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज आदि विभिन्न रूटों पर बसों का संचालन किया जाता है। इन दिनों बस अड््डे पर पैसेंजर्स की संख्या अधिक हैं, क्योंकि शादी विवाह और त्योहार की वजह से अब पैसेंजर्स अपने गंतव्य तक जा रहे हैं। जिसकी वजह से बसों में अधिक भीड़ बढ़ जा रही है। इसी का फायदा उठाकर संविदा कंडक्टर कम दूरी का टिकट बनाकर पैसेंजर्स से रुपए ऐंठ रहे हैं और जिम्मेदारों की आंखों में धूल झोंक रहें हैं।

पैसेंजर्स का होता है नुकसान

प्रवर्तन दल के पवन सिंह ने बताया कि यात्री चंद रुपए बचाने के लिए अपनी जान से समझौता करने को तैयार हो जाते हैं। बस टिकट के साथ पैसेंजर का बीमा होता है। किसी भी हादसे के समय मृतक हो या घायल, दोनों को मुआवजा मिलता है। मृतक के परिवार को बीमा राशि दी जाती है। लेकिन यदि बिना टिकट या काम दूरी का टिकट मिलता है तो ऐसे पैसेंजर्स को बीमा का कोई लाभ नहीं मिलता। पैसेंजर्स सफर कर रहे हैं तो इस दौरान पूरा टिकट बनवा लें।

बस में सफर के दौरान बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं तो इसमें पैसेंजर और कंडक्टर दोनों दोषी होते हैं। इसलिए यात्रा के दौरान पूरा टिकट बनवा लें। ताकि सफर सुरक्षित हो। प्रवर्तन टीम की ओर से लगातार जांच की जाती है। 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। जिसमें कई कंडक्टर को बाहर का रास्ता दिखाया गया है और की जांच की जा रही है।

- पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन