गोरखपुर (ब्यूरो).बता दें, ओवरलोडिंग और ट्रैफिक रूल्स को दरकिनार चल रहे ई-रिक्शा के मुद्दे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने प्रमुखता से उठाया था। इस पर ट्रैफिक पुलिस ने संज्ञान लिया है और सोमवार को सुबह से शाम तक अभियान चलाया।

शाम 6 बजे से चला अभियान

ई-रिक्शा चालक बैट्री बचाने के लिए रात में हेडलाइट बंद कर चलते हैं। इसके लिए एसपी ट्रैफिक के निर्देश में सिटी के मोहद्दीपुर और पैडलेगंज चौराहे पर चेकिंग की गई। इसमें ई-रिक्शा चालकों को रोककर उनकी हेडलाइट चेक की गई, जिन गाडिय़ों की लाइट जल गई, उनको वॉर्निंग देकर छोड़ दिया गया। इसके साथ ही लाइट खराब निकली या फिर बैट्री डाउन मिली तो उनका मौके पर ही चालान कर गाड़ी सीज कर दी गई।

अधिकतर ई-रिक्शा चालक बिना लाइसेंस

गोरखपुर में रजिस्टर्ड लगभग 5000 ई-रिक्शा चालकों में से अधिकतर के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं हैं। सोमवार को ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग के दौरान जब ई-रिक्शा चालकों से ड्राइविंग लाइसेंस मांगा गया तब उनके पास दिखाने को कुछ नहीं था। किसी ने बहाना बनाया कि सर मेरा डीएल घर पे छूट गया है, तो किसी ने कहा कि सर मैं जल्द ही अपना डीएल बनवा लूंगा। मगर हकीकत तो यह है कि इनमें से ज्यादातर के पास तो डीएल है ही नहीं। ई-रिक्शा के मैक्सिमम ड्राइवर नाबालिग हैं।

बिना हेलमेट वालों का हुआ चालान

ट्रैफिक पुलिस के चेकिंग अभियान में बिना हेलमेट के बाइक चलाने वालों का खूब चालान काटा गया। सिटी में ट्रैफिक व्यवस्था ऑनलाइन संचालित होने के बाद भी लोग हेलमेट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।

ई-रिक्शा वालों पर हेडलाइट बंद रखने के लिए कार्रवाई की गई। यह अभियान आगे भी ऐसे ही चलता रहेगा। शहर में चल रहे ई-रिक्शा और ऑटो चालकों से मेरी अपील है कि वह ट्रैफिक रूल्स का सही से पालन करें और यातायात व्यवस्था को कायम रखने में हमारी मदद करें।

डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक