-कैशलेस ट्रांजेक्शन के लिए एनई रेलवे कर रहा है पे-टीएम से करार

-मोबाइल से ही हो जाएगा पेमेंट, वहीं मिलेंगे ढेरों ऑफर

- अभी भीम और पीओएस से है फैसिलिटी

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: 'छुट्टा लेकर आइए, तब टिकट मिलेगा.' 'दो रुपए कम हैं, पूरे पैसे लाइए, तभी टिकट निकल पाएगा.' 'नोट दूसरी लाइए, यह नोट नहीं चल पाएगी.' रेलवे रिजर्वेशन काउंटर्स पर अक्सर ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं। कई बार हम खुद इस प्रॉब्लम में फंसकर उलझे रहते हैं और इधर-उधर दौड़ लगाकर पैसों की व्यवस्था करने में जुट जाते हैं। मगर अब ऐसा नहीं होगा। ऑनलाइन टिकट पर जोर देने वाली रेलवे अब ई-पेमेंट पर भी ध्यान देने में लग गए हैं। यही वजह है कि पहले यूपीआई और पीओएस के जरिए पेमेंट की शुरुआत की गई। तो अब पे-टीएम कर ही पैसेंजर्स को टिकट मिल जाएगा। इसके लिए उन्हें न तो दौड़ लगानी होगी और न ही छुट्टे तलाशने होंगे। सबकुछ ठीक रहा, तो इसी साल पैसेंजर्स को यह सुविधा मिलने लगेगी।

हो रहा है करार
पैसेंजर्स को सुविधा देने के लिए रेलवे इन दिनों पे-टीएम के जिम्मेदारों से बातचीत में लगा हुआ है। अगर सबकुछ ठीक रहा, तो जल्द एनई रेलवे के सभी स्टेशन पर पे-टीएम के क्यूआर कोड लग जाएंगे, जिन्हें मोबाइल से स्कैन कर पैसेंजर्स आसानी से पेमेंट कर सकेंगे। खास बात यह कि रेलवे इसमें पैसेंजर्स के लिए स्कीम और ऑफर्स के लिए भी पे-टीएम से बातचीत कर रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा पैसेंजर्स इसके जरिए ही टिकट बनवाएं और डिजिटल इंडिया के साथ कैशलेस मुहिम भी रफ्तार पकड़े। वहीं, पैसेंजर्स को भी छुट्टे या एक्स्ट्रा पैसों के लिए इधर-उधर दौड़ न लगानी पड़े।

रिजर्व और अनरिज‌र्व्ड सभी टिकट
रेलवे की ओर से स्टार्ट की जाने वाली यह फैसिलिटी सिर्फ रिजर्व टिकट पर नहीं, बल्कि अन रिज‌र्व्ड टिकट पर भी अवेलबल रहेगी। जिम्मेदारों की मानें तो रेलवे के सभी रिजर्वेशन काउंटर्स के साथ ही जनरल टिकट, प्लेटफॉर्म टिकट और रूम बुकिंग के लिए भी पैसेंजर्स पे-टीएम के जरिए ही पेमेंट कर सकेंगे। इसमें उन्हें छूट भी मिलेगी, वहीं फ्यूचर के लिए उनके पास ढेरों ऑफर्स भी रहेंगे, जिसका फायदा वह बाद में टिकट बुक कराकर उठा सकते हैं।

38 परसेंट लोग कराते हैं विंडो टिकट
रेल से सफर करने वाले पैसेंजर्स की भीड़ रेलवे स्टेशन के पीआरएस से तो कम हो रही है, लेकिन इसके बाद भी अब तक 38 फीसद से ज्यादा टिकट के लिए लोग विंडो तक ही पहुंच रहे हैं। इसमें 37 फीसद से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो अब तक डिजिटल राह नहीं पकड़ सके हैं। वहीं, 62 परसेंट मुसाफिर अब ई-टिकट सर्विस अवेल कर टिकट बुक कराने में लगे हैं। वहीं प्री-बॉट, आरटीसी और आई टिकट बुक कराने वाले लोगों की तादाद 5 फीसद से भी कम है।

नवंबर 2017 से यूपीआइर् और भीम
पायलट प्रोजेक्ट के तहत नवंबर 2017 से ही रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर्स यूपीआई और भीम एप के जरिए पेमेंट का सिस्टम शुरू किया। एनई रेलवे के काउंटरों पर यूपीआई या भीम एप से पेमेंट करने पर लोगों को 5 फीसदी की छूट देने की शुरुआत हुई। इसके बाद भी रेलवे ने इस व्यवस्था को और 10 माह के लिए बढ़ा दिया है, ताकि लोगों को इस ऑनलाइन फैसिलिटी का फायदा मिले और लोग का रूझान ऑनलाइन पेमेंट की ओर हो जाए। अब 13 जून 2019 तक फिलहाल यूपीआई और भीम से पेमेंट की फैसिलिटी है, जिसे यूजर्स के इंटरेस्ट को देखकर और एक्सटेंड किया जा सकता है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

टिकट टाइप परसेंटेज

सिस्टम 37

प्री-बॉट 0.4

आरटीसी 0.1

ई-टिकट 62.1

आई-टिकट 0.5

पीओएस 0.1

यूपीआई 0.0005

टोटल 00

रेलवे पैसेंजर्स के लिए हर जरूरी सुविधा मुहैया करा रहा है। उन्हें कैश के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए नई व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उम्मीद है कि पैसेंजर्स को इसका भरपूर फायदा मिलेगा.

- संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे