GORAKHPUR: एक जून से चल टिकट परीक्षकों का काम बदला हुआ नजर आएगा। टीटीई अब ट्रेन के अंदर टिकट चेक करने की बजाय यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराते नजर आएंगे। हालांकि एक सीट पर तीन लोगों के बैठने की व्यवस्था के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना उनके लिए टेढ़ी खीर होगी। एक जून से शुरू होने वाली ट्रेंस में यात्रियों के टिकट ट्रेन में चढ़ने से पहले ही चेक कर लिए जाएंगे। ट्रेन के अंदर प्रवेश सिर्फ कंफर्म बर्थ वाले पैसेंजर्स को ही मिलेगा। जबकि वेटिंग लिस्ट के पैसेंजर्स यात्रा नहीं कर सकेंगे। ऐसा इसलिए ताकि ट्रेन के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग बनाई जा सके। इसके साथ ही ट्रेंस में टीटीई की संख्या भी कम होगी। पहले एक ट्रेन में चार टीटीई ड्यूटी पर होते थे लेकिन अब सिर्फ दो टीटीई ही ड्यूटी पर रहेंगे। रेल प्रशासन ने टीटी के कार्यक्षेत्र में बदलाव करते हुए नई गाइड लाइन जारी कर दी है। अब उसी के अनुसार रेलवे स्टेशन पर टीटीई की ड्यूटी लगाई जाएगी। बाकि टीटीई को स्टेशन पर टिकट चेकिंग में लगाया जाएगा।

कल से इन ट्रेंस का होगा संचालन

गोरखपुर जंक्शन से एक जून से चलने वाली ट्रेंस में गोरखधाम, कुशीनगर, अवध, एलटीटी और अहमदाबाद एक्सप्रेस शामिल हैं। जबकि गोरखपुर से होकर सहरसा-नई दिल्ली वैशाली, मुजफ्फरपुर-आनन्द विहार सप्तक्रांति, रक्सौल-आनन्द विहार सत्याग्रह और अमृतसर-जयनगर शहीद एक्सप्रेस शामिल है।

पूर्व निर्धारित समय पर ही चलेंगी

सभी ट्रेनें अपनी पूर्व निर्धारित समय और स्टापेज के हिसाब से चलेंगी। मसलन गोरखधाम पूर्व की तरह शाम 4.35, अवध दोपहर 1.35, एलटीटी रात 9.50 बजे रवाना होगी।

नियम का करना होगा पालन

-पैसेंजर्स के पास कंफर्म टिकट होने पर ही स्टेशन पर एंट्री

-हर पैसेंजर्स के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना जरूरी

-रेल पैसेंजर्स को यात्रा के लिए एवं यात्रा के दौरान फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा

-यात्रा शुरू होने के डेढ़ घंटा पहले ही पैसेंजर्स को स्टेशन पर पहुंचना होगा, यहां उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग की जांच से गुजरना होगा

-रेल पैसेंजर्स को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए यात्रा करनी होगी

-एसी कोचों में परदे नहीं लगाए जाएंगे न ही चादर तकिया दिया जाएगा

-सफर के समय यात्री भोजन और पानी साथ लेकर चले। हालांकि आईआरसीटीसी की तरफ से ट्रेंस में पैक्ड खाद्य सामग्री, ड्रिकिंग वाटर पेमेंट के आधार पर मुहैया होगा।

वर्जन

ट्रेंस के जनरल बोगियों में आरक्षित टिकट वाले पैसेंजर्स ही बैठेंगे। इन बोगियों के भी स्लीपर और एसी कोच की तरह नंबर होंगे। इन बोगियों को डी-1, डी-2, डी-3 कोच नाम से जाना जाएगा।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ