- 78 बकायेदार के 23 लाख बकाए को महज 3 लाख में निपटाए जाने का मामला

- पॉवर कार्पोरेशन के चेयरमैन ने राजस्व लिपिकों, लेखाकार व अवर अभियंता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

बिजली निगम में चल रहे खेल पर अब डिपार्टमेंट का चाबुक चलने लगा है। नगरीय वितरण खंड द्वितीय में पांच साल पहले बकाये के निस्तारण में हुई हेराफेरी के मामले में जिम्मेदारों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। नियमों को दरकिनार कर 78 बकायेदारों के 23 लाख रुपए के बिल को महज 3 लाख में निपटा दिया गया। इसमें राजस्व लिपिकों, लेखाकार व जेई के खिलाफ चेयरमैन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए खंडीय लेखाकर रामधनी चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, तत्कालीन कार्यालय सहायक धीरेंद्र चौधरी के खिलाफ भी बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई है। लिपिक रहे नितिन नारायण श्रीवास्तव को पदावनत कर सेवा प्रारंभ के समय के वेतनमान पर बहाली मिली है। जबकि सूरजकुंड के तत्कालीन जेई मनोज गुप्ता को निंदा प्रविष्टि मिली है।

मानवाधिकार संगठन ने की थी शिकायत

नगरीय वितरण खंड द्वितीय बक्शीपुर में बिल सुधार के नाम पर राजस्व को क्षति पहुंचाने के मामले की कंप्लेन तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन ने वर्ष 2015 में शासन व चेयरमैन से की थी। संगठन ने शिकायती पत्र के साथ कुछ कनेक्शन नंबर व ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम से बकाया उड़ाने के दस्तावेज भी मुहैया कराए। शासन ने शिकायत का संज्ञान लेकर चेयरमैन को निर्देशित किया। चेयरमैन के निर्देश पर स्थानीय जांच टीम ने मामले की जांच की। टीम ने अपनी रिपोर्ट तय समय में भेज दी। इसके बाद मामला दबा रहा।

22 मामलों में मांगे दस्तावेज

पॉवर कॉर्पोरेशन की आंतरिक जांच कमेटी ने जून 2020 में जोन के चीफ इंजीनियर को पत्र भेजकर कहा कि 22 मामलों में दस्तावेज नहीं मिले हैं। स्थानीय टीम से दोबारा जांच कराकर दस्तावेज भेजें। इसके बाद चीफ इंजीनियर ने कमेटी बनाकर जांच कराई। इस जांच में पहले खंड के आरोपी लिपिकों का तबादला जोन के दूसरे खंडों में हो गया था। ऐसे में खंड से दस्तावेज मिलने के बाद टीम को किसी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा। कॉर्पोरेशन की आंतरिक टीम ने आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुए चेयरमैन को अपनी रिपोर्ट भेज दी। चेयरमैन का निर्देश शनिवार को जोन के चीफ इंजीनियर के पास आया। उन्होंने संबंधित खंडों के जिम्मेदारों को भेजकर तत्काल आरोपी कर्मचारियों को रिसीव कराकर बाहर का रास्ता दिखा दिया।

क्लर्क पर जुर्माना भी लगा

आंतरिक जांच कमेटी की संस्तुति पर चेयरमैन ने बक्शीपुर खंड के तत्कालीन लिपिक रहे नितिन नारायण श्रीवास्तव को पदावनत करते हुए उनकी सेवा प्रारंभ के समय के वेतनमान पर फिर से बहाल की है। लिपिक के खिलाफ 78 हजार का जुर्माना भी लगा है। नितिन देवरिया मंडल के गौरी बाजार खंड में कार्यकारी सहायक के रूप में कार्यरत हैं। यह पूरा मामला बक्शीपुर के तत्कालीन एक्सईएन ई। आरसी पांडेय के कार्यकाल का बताया गया है। पांडेय की गोरखपुर के बाद प्रयागराज में बतौर एक्सईएन स्टोर तैनाती हो गई। उसके बाद वे प्रमोट हो गए। फिलहाल ई। आरसी पांडेय मध्यांचल में अधीक्षण अभियंता के पद पर हैं।

जेई को निंदा प्रविष्टि

लाखों के बिजली बिल में घालमेल के समय सूरजकुंड बिजलीघर के तत्कालीन अवर अभियंता ई। मनोज गुप्ता के खिलाफ निंदा प्रविष्टि की कार्रवाई के निर्देश चेयरमैन ने दिए हैं। वर्तमान में ग्रामीण विद्युत वितरण खंड द्वितीय के गीडा क्षेत्र में तैनात हैं। इन पर आरोप है कि बकायेदारों के बिल को कम करने के लिए जेई ने रीडिंग का सत्यापन किया था।

बिल सुधार के नाम पर घालमेल करने वाले लिपिक व लेखाकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चेयरमैन ने की है। इस निर्देश से खंड के एक्सईएन को अवगत करा दिया गया है। लेखाकार व लिपिक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हुई। एक लिपिक पर जुर्माना लगाकर उसे पदावनत किया गया है। अवर अभियंता को निंदा प्रविष्टि दी गई है।

- ई। राजेंद्र प्रसाद, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन