- शुचिता के साथ परीक्षा के लिए स्थापित हुई ऑनलाइन मॉनीटरिंग और शिकायत सेल

- कोविड प्रोटोकाल के साथ होगा परीक्षाओं का आयोजन, सीसीटीवी से रखी जाएगी केंद्रों पर नजर

GORAKHPUR: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों की वार्षिक परीक्षाओं की शुरूआत मंगलवार से हो रही है। 213 केंद्रों पर दो लाख 46 हजार विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे। शुचिता के साथ परीक्षा कराने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑनलाइन मॉनीटरिंग के साथ साथ ऑनलाइन शिकायत सेल की स्थापना की है। वार्षिक परीक्षा से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए विद्यार्थी, शिक्षक, मैनेजर और केंद्राध्यक्ष 1ष्श्र.द्ग3ड्डद्व.ष्श्रद्वश्चद्यड्डद्बठ्ठ@द्दद्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व और 9453033996 पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। परीक्षा की निगरानी कुलपति कार्यालय से की जाएगी। गलत शिकायत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। परीक्षाओं का आयोजन कोविड प्रोटोकाल के तहत किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे से परीक्षा केंद्रों के निगरानी की व्यवस्था की गई है।

भेजी जा चुकी है आंसरशीट

परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि सभी केंद्रों पर प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिकाएं भेजी जा चुकी हैं। शुचितापूर्ण परीक्षाओं को लेकर केंद्रीय उड़ाका दल के साथ पांच क्षेत्रीय उड़ाका दलों का गठन किया गया है। पहली बार परीक्षा केंद्रों की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। इसे लेकर सभी महाविद्यालयों को अपने यहां सीसीटीवी कैमरा लगवाने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है। सभी केंद्रों के सीसीटीवी कैमरा को विश्वविद्यालय के सेंट्रल ऑनलाइन मॉनीटरिंग सेल से जोड़ा गया है। वार्षिक परीक्षाओं के सकुशल आयोजन को लेकर विवि प्रशासन ने विगत वर्षों के आधार पर कुछ संवेदनशील केंद्रों को भी चिन्हित किया है। उन केंद्रों पर विवि प्रशासन की विशेष नजर रहेगी।

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दस मिनट तक नहीं चला कैमरा तो पहुंचेगा उड़ाका दल

ऑनलाइन मॉनीटरिंग सेल से अगर कोई महाविद्यालय 10 मिनट तक कनेक्ट नहीं होगा तो उस महाविद्यालय को चेतावनी दी जाएगी और तत्काल उड़ाका दल की टीम को केंद्र पर भेजा जाएगा। ऑनलाइन सेल और उड़ाका दल को नकल के पुख्ता सबूत मिलने पर केंद्र निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। प्रश्न पत्र खोलने और उत्तर पुस्तिकाओं के सील होने तक की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जाएगी। महाविद्यालयों को परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले और बाद तक रिकार्डिंग सुरक्षित रखनी होगी। जरूरत के मुताबिक विवि प्रशासन उस रिकार्डिंग को कभी भी मांग सकता है।