गोरखपुर (ब्यूरो)। प्रकृति की मार से बेबस हुए गगहा एरिया के ग्राम पंचायत करवल मझगांवा व अतायर के किसानों के करीब चालीस एकड़ भूमि पर गेहूं की फसल का बोआई अबतक नहीं हो सकी। ऐसा पहली बार है जब साल के भीतर किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके पहले भी अत्यधिक बारिश और बाढ़ की वजह से धान की फसल नष्ट हो गई है। किसान बर्बाद हुई फसल को खेतों से साफ कर गेहूं की फसल बोने के लिए खेतों को सूखा रहे थे तभी बिन मौसम हुई बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया।

आशा थी कि अच्छी होगी पैदावार

लिहाजा अब तक गेहूं की फसल की बोआई नहीं हो सकती। ऐसे में अब खेती पर आश्रित किसानों के सामने पूरे साल भर जिवकोपार्जन के लिए अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। पहले धान की खेती के लिए पैसा लगाने के साथ किसान इस आशा में थे कि इस बार पैदावार अच्छी होगी। किसान अवधेश मौर्या, जयप्रकाश, अनिल सिंह, देवता राय, गुड्डू सिंह, उदय प्रताप, भीम मौर्या, फेंकना, हरहगी, दयाशंकर, रमाशंकर, शिवशंकर सिंह, राजू सिह आदि किसानों के खेतों की बोआई नहीं हो सकी, जबकि कुछ की बोई हुई गेहूं की फसल डूबकर नष्ट हो गई है। जिससे किसान काफी परेशान हैं।

अत्यधिक बारिश होने की वजह से पहले धान की फसल खराब हो गई। अब बे मौसम हुई बारिश के कारण गेहूं की बुआई नहीं हो सकी है। कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है।

गुड्डू सिंह, किसान

बारिश की वजह से गेहूं की बुआई नहीं हुई है। आय का मुख्य साधन कृषि ही है, दूसरा कोई इनकम सोर्स भी नहीं है। ऐसे में साल का जिवकोपार्जन कैसे होगा। हमारे लिए चुनौती है।

जयप्रकाश राय, किसान

बारिश होने से खेत गीला है, गेहूं की बोआई नहीं हो सकी है। ऐसे में अब सालभर कैसे परिवार का भरण-पोषण होगा। यह चिंता सताने लगी है। धान की फसल भी नुकसान हो गया है।

दयाशंकर, किसान

काफी बारिश की वजह से पहले धान की फसल बर्बाद हुई, अब बारिश की वजह से गेहूं की फसल की बोआई नहीं हो सकी है। ऐसे में साल भर परिवार का भरण पोषण कैसे होगा।

रमाशंकर, किसान