गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके मद्देनजर बोर्ड ने परीक्षार्थियों के लिए पहली बार कॉपियों के हर पन्ने पर रोल नंबर के साथ ही आंसर सीट नंबर लिखना अनिवार्य कर दिया है। नई व्यवस्था लागू होने से आंसर सीट के पन्नों की बदलने की गुंजाइश खत्म होगी।

कापियों का नहीं हो सकेगा फेरबदल

कॉपियों के पन्नों पर रोल नंबर लिखने के पीछे बोर्ड की मंशा कॉपियों में फेरबदल को रोकना है। पूर्व में बोर्ड को कॉपियों के पन्नों के साथ ही पूरी की पूरी कॉपियों के बदलने की शिकायत मिलती रही है। जिससे एग्जाम की शुचिता पर प्रश्न चिह्न लगा है। इस बार इस तरह का कोई मामला सामने न आए इसको लेकर बोर्ड इस बार फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि एग्जाम खत्म होने के बाद यह भी सुनिश्चित किया जाए कि एग्जाम रूम में उपस्थित सभी परीक्षार्थियों की आंसर शीट जमा हो गई हैं। इसके बाद ही उन्हें रूम से बाहर निकलने की अनुमति दी जाए।

समस्याओं का त्वरित निदान कर बोर्ड को भेज रहे रिपोर्ट

बोर्ड के निर्देश पर नकलविहीन प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर पहली बार क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्रधानाचार्यों से फोन पर वार्ता की जा रही है। इस दौरान प्रायोगिक परीक्षा के दौरान आने वाले समस्याओं को पूछा जा रहा है। साथ ही साथ यथा संभव निदान कराया जा रहा है।

पहली बार लागू हुई व्यवस्था

केंद्र पर मौजूद विद्यार्थियों से भी प्रायोगिक परीक्षाओं में आने वाली समस्या के बारे में पूछा जा रहा है। बकायदा, किस प्रधानाचार्य से बात हुई, किस विद्यार्थी से बात हुई, उनके मोबाइल नंबर सहित इसकी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजी जा रही है। बोर्ड भी इन नंबरों पर फोन कर क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय की ओर से फोन किए जाने के बाबत जानकारी को सत्यापित किया जा रहा है। बोर्ड के उप सचिव डा.आरपी सिंह ने बताया कि पहली बार बोर्ड के निर्देश पर यह व्यवस्था लागू की गई है।

बोर्ड की इस पहल से कॉपियों का फेरबदल नहीं हो सकेगा । मामला प्रकाश में आने पर जांच कराई जाएगी। किसी भी सूरत में बोर्ड परीक्षा की शुचिता प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।

-ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस