- भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली 2014 के तहत समाज कल्याण विभाग रखेगा बुजुर्गो का ध्यान

- बनेगी अथारिटी, रखेगी वृद्घों की उपेक्षा पर नजर

GORAKHPUR : अपनी औलाद को पाल-पोस कर बड़ा करने वाले जब बुजुर्ग हो जाते हैं तो वही औलाद उनका ध्यान नही रखती। ऐसे बुजुर्गो का ख्याल अब यूपी सरकार रखेगी। न्यूक्लियर फैमिलीज में सीनियर सिटीजंस की उपेक्षा को देखते हुए राज्य सरकार भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली-2014 के तहत हर तहसील में भरण पोषण अथारिटी बनाएगी। ये अथारिटी एडीएम के नेतृत्व में कार्य करेगी। जिले में किसी भी बुजुर्ग को समस्या होने पर एसडीएम ऑफिस में कर सकेंगे। एसडीएम भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम-2007 के तहत मामलों की सुनवाई करेंगे। वे वृद्धों के स्वास्थ्य, संपत्ति और देखभाल संबंधी मामलों पर निगरानी रखेंगे। उपेक्षा के मामले में दोषी पाए जाने पर वृद्ध के फैमिली मेंबर्स पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अपीलीय अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट होंगे।

डीएसडब्ल्यूओ होंगे अधिकारी

हर तहसील में स्थापित होने वाली भरण पोषण अथारिटी उन वृद्घों को वृद्घाश्रम में भर्ती कराएगी जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। इसके लिए समाज कल्याण अधिकारी को भरण पोषण अधिकारी बनाया गया है।

नियुक्त होंगे सुलह अधिकारी

भरण पोषण अधिनियम के तहत प्रत्येक तहसील में वृद्धों की देखभाल करने, उनकी उपेक्षा तथा उत्पीड़न को रोकने के लिए एक पैनल बनेगा। जिसमें एक सुलह अधिकारी की नियुक्ति होगी। इसके लिए समाज कल्याण में अनुभवी और कानून की जानकारी रखने वाले लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। चार दिन पहले विभाग की ओर से इसके आवेदन भी मांगे गए थे।

वृद्धाश्रम के लिए भूमि चयनित

जिले के ऐसे वृद्ध जिनके पास कोई सम्पत्ति नहीं और न ही उनकी कोई देखभाल करने वाला है, उनके लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पास वृद्धाश्रम बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। वृद्धों के लिए काम करने वाली संस्था फेयर डील ग्रामोद्योग सेवा समिति को इस आश्रम की देखभाल करने के लिए चुना गया है।

भरण-पोषण अथारिटरी का निर्माण प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता को बताती है। इससे बेबस वृद्धों को काफी मदद मिलेगी। मैं एसोसिएशन की ओर से सरकार को धन्यवाद देता हूं।

प्रो। प्रभाशंकर पांडेय, अध्यक्ष, सीनियर सिटीजन एंड पेंशनर्स एसोसिएशन

चुनाव के बाद भरण पोषण अथारिटी के सुलह अधिकारियों के चयन और वृद्धाश्रम के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जल्द ही ये व्यवस्था अस्तित्व में आ जाएगी।

सुनील कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी