गोरखपुर (ब्यूरो)। एग्जाम के कैंसिल होने से परीक्षार्थी मायूस होकर घर लौटे। इस दौरान गोरखपुर जिले में रजिस्टर्ड 61 हजार से अधिक परीक्षार्थियों में से कई कैंडिडेट्स में काफी आक्रोश दिखा। बैंक रोड स्थित एमजी इंटर कॉलेज में बनाए गए एग्जाम सेंटर से परीक्षार्थियों को बाहर निकाले जाने से अफरातफरी मच गई और परीक्षार्थियों के विरोध के चलते माहौल हंगामेदार हो गया। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया और परीक्षार्थियों को लौटाया। परीक्षा निरस्त होने के बाद हंगामे की आशंका के मद्देनजर छात्रसंघ चौक, पैडलेगंज, बस स्टेशन, बैंक रोड, बेहतियाता समेत कई स्थानों पर पुलिस अलर्ट रही। एनएसयूआई पदाधिकारियों ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर विरोध प्रदर्शन किया।

एग्जाम सेंटर्स से कैंडिडेट्स को लौटाया

पेपर कैंसिल होने के बाद एग्जाम सेंटर्स से कैंडिडेट्स को वापस भेजा गया। अचानक आए शासन के आदेश के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में अफरातफरी मच गई। सिटी में रविवार को यूपी टीईटी की फस्र्ट मीटिंग एग्जाम के लिए 70 सेंटर्स बनाए गए थे, जिसमें 35,306 कैंडिडेट्स को शामिल होना था। वहीं, सेकेंड मीटिंग में 51 एग्जाम सेंटर्स पर 25,924 कैंडिडेट सम्मिलित होने थे। फस्र्ट मीटिंग सुबह 10:00 बजे से 12:30 बजे एवं सेकेंड मीटिंग समय 2:30 बजे से 5:00 बजे तक थी।

फस्र्ट शिफ्ट के परीक्षार्थियों से वापस लिए गए पेपर

सुबह करीब 10 बजे अचानक एग्जाम स्थगित कर दिया गई। इसके बाद सेंटर्स से परीक्षार्थी मायूस होकर घर लौट गए। डीआईओएस ज्ञानेंद्र प्रताप भदौरिया ने कहा, शासन के अगले दिशा-निर्देश के अनुसार एग्जाम कराया जााएगा। पहली पाली के लिए कैंडिडेट सेंटर्स पर पहुंच गए थे, चेकिंग के बाद कमरे में प्रवेश भी ले लिया। इसके बाद एकाएक एग्जाम निरस्त होने की सूचना के बाद हड़कंप मच गया और देखते ही देखते कैंडिडेट्स से पेपर वापस ले लिए गए।

प्रिपरेशन पर फिरा पानी

एग्जाम सेंटर्स पर सुबह 10 बजे सघन चेकिंग और प्रवेश पत्र देखने के बाद कैंडिडेट्स को क्लास रूम में सीट के आधार पर बैठाया गया। पेपर भी बंट गया और हाजिरी भी लग गई। इसके बाद सूचना आई कि एग्जाम निरस्त हो गया और तत्काल पेपर वापस ले लिया जाए। इसके बाद कक्ष निरीक्षकों ने कैंडिडेट्स से पेपर वापस लिए। कैंडिडे्टस का कहना था कि इतनी तैयारी करके आए थे। मगर एग्जाम निरस्त होने से अब संकट खड़ा हो गया। बड़ी दिक्कत होगी। सेंटर्स पर तैनात पुलिसकर्मियों ने शांतिपूर्वक सभी कैंडिडेट्स को बाहर निकाला, ताकि किसी तरह का हंगामा या विवाद न होने पाए।

एनएसयूआई ने किया प्रदर्शन, गवर्नर को भेजा ज्ञापन

टीईटी का पेपर लीक होने पर एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में डीडीयूजीयू के मेन गेट पर एनएसयूआई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के जरिए राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर यूपी टेट परीक्षा के प्रश्नपत्र के लीक होने के जिम्मेदार नकल माफियाओं को गिरफ्तार कर जेल में डालने और शिक्षा मंत्री का इस्तीफा लेने की मांग की। जिलाध्यक्ष अंशुमान पाठक ने कहा, प्रतियोगी परीक्षाएं प्रदेश सरकार की छात्र-नौजवान विरोधी मानसिकता की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रही है। इस दौरान प्रदेश सचिव विख्यात भट्ट, अभिजीत पाठक, जिला उपाध्यक्ष सुशांत शर्मा, महानगर अध्यक्ष आदित्य शुक्ला आदि मौजूद रहे।

पेपर कैंसिल होने से मानसिक हानि के साथ आर्थिक और हमारे भविष्य की योजनाएं प्रभावित होती हैं। सरकार को इसके विरुद्ध सख्त कानून बनाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

विवेक शुक्ला, टीईटी कैंडिडेट

किसी भी अभ्यर्थी को सरकार से उम्मीद रहती है कि वह परीक्षा में गड़बड़ी न होने दे। लेकिन एक बार पेपर लीक होने से तैयारी करने वाले छात्रों को झटका लगा है। कई लोगों की उम्र खत्म हो रही है।

पुनीत कुमार पासवान, टीईटी कैंडिडेट

इस बार उम्मीद थी कि कुछ अच्छा हो जाएगा। लेकिन नकल माफियाओं ने सपनों पर पानी फेर दिया। अगली डेट का इंतजार रहेगा। उम्मीद है कि गवर्नमेंट जल्द ही एग्जाम कराएगी।

संगीता कुशवाहा, टीईटी कैंडिडेट

एग्जाम के लिए अब नए सिरे से तैयारी करनी पड़ेगी। इस बार पेपर अच्छा आया था। पेपर लीक होने में प्रशासन की बड़ी चूक है। पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

रीतिका राय, टीईटी कैंडिडेट

हम लोगों को काफी दौड़-भाग करनी पड़ती है। पेपर रद्द होने से उनका बहुत नुकसान होता है जिनके सामने कोई अन्य विकल्प नहीं है। जिन लोगों ने पेपर आउट किया है। उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

पूजा सिंह, टीईटी कैंडिडेट

समझा-बुझाकर कैंडिडेट्स को वापस भेजा गया। सबकुछ शांतिपूर्वक रहा। गोरखपुर से पेपर लीक मामले में अभी तक कोई आरोपित की सूचना नहीं है। जल्द सचिव के आदेश के अनुसार एग्जाम कराई जाएगी।

ज्ञानेन्द्र प्रताप भदौरिया, डीआईओएस गोरखपुर

70 सेंटर फस्र्ट शिफ्ट के लिए बनाए गए थे।

35,306 कैंडिडेट्स को फस्र्ट शिफ्ट में होना था शामिल।

51 सेंटर सेकेंड शिफ्ट के लिए बनाए गए थे।

25,924 कैंडिडेट्स को सेकेंड शिफ्ट में होना था शामिल।

टीईटी कैंडिडेट्स से वसूला बस का किराया

उत्तर प्रदेश टीचर्स एलिजिबिल्टी टेस्ट (यूपी टीईटी) कैंसिल होने के बाद परीक्षार्थी रोडवेज की बसों से फ्री जर्नी नहीं कर सके, जबकि गवर्नमेंट ने परीक्षा निरस्त होने के बाद आदेश जारी कर दिया था कि परीक्षार्थी प्रवेश पत्र दिखाकर रोडवेज की बसों से फ्री जर्नी कर अपने घर वापस लौट सकेंगे।

शासन से कोई लिखित आदेश रोडवेज के पास नहीं आया, इसलिए परिचालकों ने परीक्षार्थियों से किराया वसूला। इसे लेकर यात्रा के दौरान विवाद भी हुआ। देवरिया ने आए अभिषेक कुमार शुक्ला ने कहा, परीक्षा निरस्त होने के बाद शासन ने आदेश दे दिया था कि परीक्षार्थी प्रवेश पत्र दिखाकर फ्री जर्नी कर सकेंगे, लेकिन बस में प्रवेश पत्र दिखाने के बाद भी परिचालक कुछ सुनने को तैयार नहीं था। किराया देना पड़ा। लार की काजल तिवारी ने बताया, बस में हमसे किराया वसूला गया। हम शासन के आदेश का हवाला देते रहे, अपना प्रवेश पत्र दिखाते रहे, लेकिन परिचालक ने एक न सुनी। इसे लेकर विवाद भी हुआ। अंतत: हम लोग किराया देकर घर पहुंचे।

परीक्षार्थियों को रोडवेज बसों में फ्री जर्नी कराने संबंधी शासनादेश प्राप्त नहीं हुआ, इसलिए इस संबंध में परिचालकों को कोई आदेश नहीं दिया गया। आदेश मिला होता तो हम उसका अनुपालन कराते।

पीके तिवारी, आरएम, रोडवेज